नई दिल्ली : अडाणी एंटरप्राइजेज के अडाणी विल्मर में अपनी हिस्सेदारी बेचने के अटकलों पर Adani Group का बयान आया है. समूह ने गुरुवार को इससे जुड़ी मीडिया रिपोर्ट का खंडन किया है. Adani Enterprises ने कहा कि अडाणी विल्मर में अपनी हिस्सेदारी बेचने का उसका कोई प्लान नहीं है. वह एफएमसीजी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बरकरार रखना चाहती है.
हिस्सेदारी बेचने की थी अटकलें
दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी खबरें चल रही थी कि अडाणी समूह अडाणी विल्मर में अपनी 44 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर एफएमसीजी कंपनी से निकल जाना चाहती है. यह एफएमसीजी कंपनी सिंगापुर के विल्मर इंटरनेशनल और भारत के अडाणी समूह की ज्वाइंट वेंचर है. जिसमें अडाणी ग्रुप की 44 फीसदी हिस्सेदारी है. हालांकि मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि गौतम अडाणी और उनके परिवार के सदस्य अडाणी विल्मर की कुछ हिस्सेदारी अपने पास रख सकते हैं.
अडाणी विल्मर बिजनेस की शुरुआत
अडाणी विल्मर की स्थापना गौतम अडाणी ने साल 1999 में की थी. साल 2022 में IPO के साथ कंपनी ने भारतीय शेयर बाजार में एंट्री की थी. आईपीओ के जरिए विल्मर कंपनी ने कुल 36 अरब डॉलर जुटाए थे. लेकिन हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद कंपनी के शेयरों में सालभर में 36 फीसदी की गिरावट आई है. जिसके चलते इसका मार्केट वैल्यू भी घटकर 6.2 अरब डॉलर रह गया है. आपको बता दें अडाणी विल्मर फार्च्यून ब्रांड से आटा-चावल-दाल जैसी खाद्य पदार्थ बनाती हैं. लेकिन इस ब्रांड का तेल ज्यादा फेमस है. फार्च्यून ब्रांड के तेल भारतीय तेल बाजार में लगभग 20 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं.