नई दिल्ली : भारत सरकार की ओर से केंद्रीय कर्मचारियों के मकान किराया भत्ता भुगतान नियमावली में बदलाव किया गया है. 7th Pay Commission की ओर से एचआरए के मानकों में बदलाव किया गया है. इस संबंध में वित्त विभाग की ओर से नये मानकों को जारी किया गया है. वित्त मंत्रालय के अधीन व्यय विभाग ने सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए मकान किराया भत्ता (HRA) के बारे में जानकारी दी है और कहा है कि वे कुछ मामलों में HRA के हकदार ( HRA eligibility ) हैं, अब नहीं होंगे . 7th Pay Commission Update . HRA eligibility .
HRA विवरणों के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों के 'ड्यूटी के स्थान' के संदर्भ में मकान किराए का भत्ता बताया जाता है. चाहे वह सरकारी कर्मचारी उस स्थान पर रह रहा हो या किसी अन्य स्थान पर रहा हो. सरकारी कर्मचारी HRA के लिए पात्र नहीं होंगे वह किसी अन्य सरकारी कर्मचारी को आवंटित सरकारी आवास साझा करता/करती है, वह केंद्र सरकार, राज्य सरकार, एक स्वायत्त सार्वजनिक उपक्रम या अर्ध-सरकारी संगठन जैसे नगरपालिका, पोर्ट ट्रस्ट, राष्ट्रीयकृत बैंकों, जीवन बीमा निगम द्वारा अपने माता-पिता / पुत्र / पुत्री को आवंटित आवास में रहता/रहती है. उसके पति/पत्नी को केंद्र सरकार/राज्य सरकार/स्वायत्त सार्वजनिक उपक्रम/अर्ध-सरकारी संगठन जैसे नगर पालिका, पोर्ट ट्रस्ट आदि द्वारा उसी स्टेशन पर आवास आवंटित किया गया है, चाहे वह उस आवास में रहता हो या वह उसके द्वारा किराए पर लिए गए आवास में अलग रहता/रहती है.
हालांकि, नियमों के अनुसार, “सरकारी कर्मचारी के अलावा अन्य सरकारी कर्मचारी जो अपने स्वामित्व वाले घर में रह रहे हैं, वे एचआरए के लिए पात्र होंगे, भले ही वे अन्य सरकारी कर्मचारियों को आवंटित सरकारी आवास साझा करते हों … इस शर्त के अधीन कि वे किराए का भुगतान करते हैं या किराए या घर या संपत्ति कर के लिए योगदान करें लेकिन वास्तव में भुगतान या योगदान की गई राशि के संदर्भ के बिना.”
HRA के लिए तीन श्रेणी
HRA Categories मकान किराया भत्ता वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए है जो किराए के घरों में रहते हैं, और आवास से संबंधित खर्चों के लिए है. इसे तीन श्रेणियों- एक्स, वाई और जेड में बांटा गया है. ‘एक्स’ 50 लाख और उससे अधिक आबादी वाले क्षेत्रों के लिए है. सातवें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) की सिफारिश के अनुसार एचआरए 24 फीसदी पर दिया जाता है. ‘वाई’ 5 लाख से 50 लाख के बीच आबादी वाले क्षेत्रों के लिए है. यह 16 फीसदी पर दिया जाता है. ‘जेड’ दिया जाता है जहां जनसंख्या 5 लाख से कम है. यह 8 फीसदी पर दिया जाता है.
व्यय विभाग के ज्ञापन के अनुसार, “महंगाई भत्ता (डीए) 25 फीसदी से अधिक होने पर एचआरए की दरों को क्रमशः एक्स, वाई और जेड श्रेणी के शहरों के लिए 27 फीसदी, 18 फीसदी, 9 फीसदी तक संशोधित किया जाएगा. जब डीए 50 फीसदी से अधिक हो जाता है तो इसे संशोधित कर 30 फीसदी, 20 फीसदी और 10 फीसदी कर दिया जाता है. इस बीच, 7वें वेतन आयोग के तहत लाखों केंद्र सरकार के कर्मचारी अपने 18 महीने के महंगाई भत्ते या डीए बकाया का इंतजार कर रहे हैं. वित्त मंत्रालय ने हाल ही में एक बयान जारी किया और कहा कि यह COVID-19 महामारी के बीच सरकारी वित्त पर दबाव कम करने के लिए किया गया था.
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