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5G Auction शुरू, बदल जाएगा कॉल और इंटरनेट यूज का तरीका, चार कंपनियां दौड़ में शामिल - एयरटेल 5 जी लॉन्च

लंबे इंतजार के बाद आखिरकार भारत में 5G नेवटर्क की लॉन्चिंग अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ चली है. आज यानी 26 जुलाई 2022 को 5G ऑक्शन शुरू हो गया है. 5G स्पेक्ट्रम नीलामी में देश की तीन बड़ी टेलीकॉम कंपनियों के साथ दूसरे प्लेयर्स भी हिस्सा ले रहे हैं.

5G spectrum auction
5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी
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Published : Jul 26, 2022, 8:18 AM IST

Updated : Jul 26, 2022, 12:10 PM IST

नई दिल्ली: 5जी स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है, जिसमें रिलायंस जियो और भारती एयरटेल समेत चार कंपनियां बोली लगाएंगी. इस दौरान 4.3 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां लगाई जाएंगी. बोली प्रक्रिया आज सुबह 10 बजे से शुरू हुई और शाम छह बजे तक चलेगी. दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने कहा कि स्पेक्ट्रम के लिए आने वाली बोलियों और बोलीकर्ताओं की रणनीति पर यह निर्भर करेगा कि नीलामी प्रक्रिया कितने दिन तक चलती है.

उद्योग जगत को उम्मीद है कि नीलामी प्रक्रिया दो दिन तक चल सकती है और स्पेक्ट्रम की बिक्री आरक्षित मूल्य के आसपास ही होगी. स्पेक्ट्रम नीलामी के इस दौर में 5जी के लिए मौजूदा दूरसंचार सेवा प्रदाताओं रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के अलावा गौतम अडाणी की कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज भी बोली लगाने वाली है. दूरसंचार विभाग को 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से 70,000 करोड़ रुपये से लेकर 1,00,000 करोड़ रुपये तक का राजस्व मिलने की उम्मीद है.

देश में 5जी सेवाएं शुरू होने से अत्यधिक तीव्र गति वाली इंटरनेट सेवाएं देने का रास्ता साफ हो पाएगा. मौजूदा 4जी सेवाओं की तुलना में 5जी सेवा करीब 10 गुना तेज होगी. नीलामी के दौरान रिलायंस जियो की तरफ से ज्यादा खर्च किए जाने की उम्मीद है. एयरटेल के भी इस होड़ में आगे रहने जबकि वोडाफोन आइडिया और अडाणी एंटरप्राइजेज की तरफ से सीमित भागीदारी किए जाने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें- पॉलिसीबाजार की आईटी प्रणाली हुई हैक, कंपनी ने कहा- ग्राहकों का डेटा सुरक्षित

बाजार विश्लेषकों का कहना है कि नीलामी के दौरान आक्रामक ढंग से बोलियां लगाए जाने की उम्मीद कम है. इसकी वजह यह है कि स्पेक्ट्रम पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है जबकि बोलियां लगाने वाली कंपनियां सिर्फ चार हैं. रिलायंस जियो ने नीलामी के लिए 14,000 करोड़ रुपये की राशि विभाग के पास जमा कराई है जबकि अडाणी एंटरप्राइजेज ने सिर्फ 100 करोड़ रुपये की राशि जमा की है.

होंगे कई फायदे
5G नेटवर्क 4G के मुकाबले 100 गुना तक तेज होंगे. यानी यूजर्स को हाई क्वालिटी वीडियो, अल्ट्रा हाई रेज्योलूशन वीडियो कॉलिंग और कई दूसरे फायदे मिलेंगे. इससे ना सिर्फ हमें स्लो इंटरनेट स्पीड से निजात मिलेगी, बल्कि टेक्नोलॉजी के कई नए आयाम हमारे लिए खुलेंगे. मेटावर्स जैसी नई टेक्नोलॉजी की पहुंच आम लोगों तक हो जाएगी. हालांकि, 5G नेटवर्क के रोलआउट होने और इसे आम लोगों के हाथों तक पहुंचने में वक्त लगेगा. बड़े शहरों में तो यह टेक्नोलॉजी जल्द मिल जाएगी. मगर गांव और कस्बों को थोड़ा और इंतजार करना होगा.

बेहतर होगा नेटवर्क कवरेज
4G आने के बाद कॉल और कनेक्टिविटी के नए आयाम तो खुलेंगे ही. साथ ही पिछले जनरेशन के मुकाबले कॉल क्वालिटी भी बेहतर हुई है. 5G नेटवर्क पर भी हमें बेहतर कॉलिंग एक्सपीरियंस मिलेगा. कॉल ड्रॉप की समस्या भी कम हो सकती है. इसके साथ ही टेलीकॉम कंपनियों को नेटवर्क रेंज बढ़ाने के लिए एक और विकल्प मिल जाएगा.

नई दिल्ली: 5जी स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है, जिसमें रिलायंस जियो और भारती एयरटेल समेत चार कंपनियां बोली लगाएंगी. इस दौरान 4.3 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां लगाई जाएंगी. बोली प्रक्रिया आज सुबह 10 बजे से शुरू हुई और शाम छह बजे तक चलेगी. दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने कहा कि स्पेक्ट्रम के लिए आने वाली बोलियों और बोलीकर्ताओं की रणनीति पर यह निर्भर करेगा कि नीलामी प्रक्रिया कितने दिन तक चलती है.

उद्योग जगत को उम्मीद है कि नीलामी प्रक्रिया दो दिन तक चल सकती है और स्पेक्ट्रम की बिक्री आरक्षित मूल्य के आसपास ही होगी. स्पेक्ट्रम नीलामी के इस दौर में 5जी के लिए मौजूदा दूरसंचार सेवा प्रदाताओं रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के अलावा गौतम अडाणी की कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज भी बोली लगाने वाली है. दूरसंचार विभाग को 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से 70,000 करोड़ रुपये से लेकर 1,00,000 करोड़ रुपये तक का राजस्व मिलने की उम्मीद है.

देश में 5जी सेवाएं शुरू होने से अत्यधिक तीव्र गति वाली इंटरनेट सेवाएं देने का रास्ता साफ हो पाएगा. मौजूदा 4जी सेवाओं की तुलना में 5जी सेवा करीब 10 गुना तेज होगी. नीलामी के दौरान रिलायंस जियो की तरफ से ज्यादा खर्च किए जाने की उम्मीद है. एयरटेल के भी इस होड़ में आगे रहने जबकि वोडाफोन आइडिया और अडाणी एंटरप्राइजेज की तरफ से सीमित भागीदारी किए जाने की उम्मीद है.

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बाजार विश्लेषकों का कहना है कि नीलामी के दौरान आक्रामक ढंग से बोलियां लगाए जाने की उम्मीद कम है. इसकी वजह यह है कि स्पेक्ट्रम पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है जबकि बोलियां लगाने वाली कंपनियां सिर्फ चार हैं. रिलायंस जियो ने नीलामी के लिए 14,000 करोड़ रुपये की राशि विभाग के पास जमा कराई है जबकि अडाणी एंटरप्राइजेज ने सिर्फ 100 करोड़ रुपये की राशि जमा की है.

होंगे कई फायदे
5G नेटवर्क 4G के मुकाबले 100 गुना तक तेज होंगे. यानी यूजर्स को हाई क्वालिटी वीडियो, अल्ट्रा हाई रेज्योलूशन वीडियो कॉलिंग और कई दूसरे फायदे मिलेंगे. इससे ना सिर्फ हमें स्लो इंटरनेट स्पीड से निजात मिलेगी, बल्कि टेक्नोलॉजी के कई नए आयाम हमारे लिए खुलेंगे. मेटावर्स जैसी नई टेक्नोलॉजी की पहुंच आम लोगों तक हो जाएगी. हालांकि, 5G नेटवर्क के रोलआउट होने और इसे आम लोगों के हाथों तक पहुंचने में वक्त लगेगा. बड़े शहरों में तो यह टेक्नोलॉजी जल्द मिल जाएगी. मगर गांव और कस्बों को थोड़ा और इंतजार करना होगा.

बेहतर होगा नेटवर्क कवरेज
4G आने के बाद कॉल और कनेक्टिविटी के नए आयाम तो खुलेंगे ही. साथ ही पिछले जनरेशन के मुकाबले कॉल क्वालिटी भी बेहतर हुई है. 5G नेटवर्क पर भी हमें बेहतर कॉलिंग एक्सपीरियंस मिलेगा. कॉल ड्रॉप की समस्या भी कम हो सकती है. इसके साथ ही टेलीकॉम कंपनियों को नेटवर्क रेंज बढ़ाने के लिए एक और विकल्प मिल जाएगा.

Last Updated : Jul 26, 2022, 12:10 PM IST
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