गांधीनगर : केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को कहा कि स्वदेश विकसित 5जी और 4जी दूरसंचार प्रौद्योगिकी की शुरुआत देश में इस वर्ष से शुरू हो जाएगी जबकि विश्व को इन मंचों की पेशकश अगले वर्ष से शुरू की जाएगी. बिजनेस 20 (बी20) मंच को संबोधित करते हुए वैष्णव ने कहा कि दुनिया के सिर्फ पांच देशों के पास 'एंड-टू-एंड' 4जी-5जी दूरसंचार प्रौद्योगिकी उपलब्ध है लेकिन निजी-सार्वजनिक भागीदारी के जरिये भारत ने भी अपनी प्रौद्योगिकी विकसित की है जिसका परीक्षण एक करोड़ कॉल एक साथ आने की स्थिति के मद्देनजर किया गया है.
वैष्णव ने कहा, "निजी और सार्वजनिक साझेदारी को साथ लेकर चलने के हमारे रुख के कारण हमें समाधान मिल सका जिसमें मूल को विकसित किया गया, सार्वजनिक क्षेत्र, सार्वजनिक कोष ने इसमें निवेश किया और बाकी का सबकुछ निजी भागीदारी से प्राप्त हुआ। 2023 के दौरान हम करीब 50,000 से 70,000 टावर, स्थलों पर इसे शुरू करेंगे और 2024 में इन प्रौद्योगिकी की पेशकश पूरी दुनिया को की जाएगी."
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उन्होंने कहा कि कुछ विकट समस्याओं का समाधान निकालने के लिए भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चार व्यापक राहें चुनी हैं जो आर्थिक प्रबंधन, डिजिटल अर्थव्यवस्था, डिजिटल अर्थव्यवस्था के नियमन और नई प्रौद्योगिकी के विकास से संबंधित हैं. वैष्णव ने कहा कि कोविड-19 के प्रकोप के वक्त पूरी दुनिया जैसे रुक गई थी, अर्थव्यवस्थाएं ठप पड़ गई थीं, ऐसे में प्रधानमंत्री ने जो रुख अपनाया वह उपभोग पर केंद्रित था और वित्तीय क्षेत्र का बड़ा हिस्सा निवेश पर केंद्रित किया गया. उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण के लिए प्रधानमंत्री का रुख अलग था जिसमें भारत ने एक प्रणाली और एक डिजिटल पारिस्थितिकी बनाई जिसमें किसी भी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी का दबदबा नहीं था। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मैं देख सकता हूं कि आने वाले पांच से छह वर्षों में दुनिया में हर जगह भारत की मिसाल दी जा रही होगी."
(पीटीआई-भाषा)