नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने एक व्यक्ति की अपने ससुराल वालों के खिलाफ जबरन दहेज देने के लिए एफआईआर दर्ज करने की मांग खारिज कर दी है. एडिशनल सेशंस जज नवजीत बुद्धिराजा ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज करने का आदेश दिया. याचिका राकेश कुमार ने दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि 9 फरवरी, 2014 को लालसा नामक युवती से उसकी शादी हुई थी. याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि उसके सास-ससुर ने बिना किसी दहेज की मांग के ही उसके खाते में जबरन 70 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए थे.
साथ ही याचिका में कहा गया कि दहेज विरोधी कानून की धारा 3 के तहत दहेज लेने या देने पर दंड का प्रावधान है. ऐसे में याचिकाकर्ता ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता का ये कथन कि उसके खाते में जबरन पैसे ट्रांसफर किए गए थे, इस पर ट्रायल के बाद ही फैसला किया जा सकता है.
दो बार में पैसे किए गए ट्रांसफर: राकेश कुमार के मुताबिक, उसके खिलाफ उसकी पत्नी के परिवार वालों ने क्रूरता संबंधी भारतीय दंड संहिता के तहत 498ए के तहत एफआईआर दर्ज कराया है. एफआईआर में लालसा के परिवार वालों ने कहा है कि राकेश कुमार के दबाव की वजह से उनको काफी सारे गिफ्ट और नकदी दिए गए थे. यहां तक कि उनको 70 हजार रुपये देने के लिए लालसा के परिवार वालों को ऋण लेना पड़ा था. लालसा के परिवार वालों ने राकेश कुमार के खाते में एक बार 25 हजार और दूसरी बार 46,500 रुपये ट्रांसफर किए थे.
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