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मेयर शैली ओबेरॉय रोहिणी जोन में किया कचरा-संवेदनशील स्थानों का निरीक्षण

-मेयर शैली ओबेरॉय का रोहिणी ज़ोन के विभिन्न वार्डों का दौरा -कचरा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दिया आदेश

मेयर शैली ओबरॉय का रोहिणी ज़ोन के विभिन्न वार्डों का दौरा
मेयर शैली ओबरॉय का रोहिणी ज़ोन के विभिन्न वार्डों का दौरा (Etv bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 9, 2024, 10:43 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली की सफाई व्यवस्था की निगरानी और बेहतर करने के उदेश्य से दिल्ली की मेयर, डॉ. शैली ओबेरॉय लगातार विभिन्न जोन का निरीक्षण कर रही हैं. इसी कड़ी में मेयर शैली ओबरॉय ने रोहिणी जोन के विभिन्न वार्डों (23, 44, 45, 46, 47 और 51) जैसे मंगोलपुरी, सुल्तानपुरी, नांगलोई, बुध विहार और रोहिणी क्षेत्रों में कचरे के बिखराव और सार्वजनिक स्थानों पर कचरे की समस्या को लेकर गहन निरीक्षण किया. इस निरीक्षण का उद्देश्य जोन के कचरा-संवेदनशील स्थानों की स्थिति का मूल्यांकन करना और बेहतर कचरा प्रबंधन के लिए तत्काल उपायों को लागू करना था. शैली ओबेरॉय के साथ इस निरीक्षण में डिप्टी कमिश्नर, स्थानीय पार्षद संतोष देवी और वरिष्ठ नगर निगम अधिकारी भी शामिल रहे.

उन्होंने जोन के विभिन्न कचरा-संवेदनशील स्थानों का दौरा किया, जहां उन्होंने देखा कि ढलाव घरों के बाहर, सड़कों पर और सार्वजनिक क्षेत्रों में कचरा बिखरा हुआ था. निरीक्षण के दौरान, मेयर ने बताया कि कचरे का अनुचित तरीके से निपटान किया जा रहा है, जिससे कचरा बिखरने, अनधिकृत डंपिंग, अस्वच्छ परिस्थितियां उत्पन्न हो रही हैं और सर्विस लेन में कचरा फैल रहा है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि कचरे को मुख्य सड़कों से दिखाई देने से रोकने के लिए तत्काल उपाय लागू किए जाएं.

सफाई प्रोटोकॉल में दिन में दो बार कचरे का उठान शामिल है, ताकि कचरा नियंत्रित रहे और लोगों को कोई परेशानी न हो. एक महत्वपूर्ण अवलोकन में, मेयर ने वार्ड 45 और 46 में एफसीटीएस (फिक्स्ड कम्पैक्टेड ट्रांसफर स्टेशन) की अनुपस्थिति को देखा, जिससे ठोस कचरा प्रबंधन में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन क्षेत्रों में एफसीटीएस सुविधाओं के लिए भूमि के नियोजन और आवंटन को प्राथमिकता दी जाए.

इसके अतिरिक्त, मेयर ने एक व्यापक कचरा प्रबंधन समाधान की आवश्यकता पर बल दिया, अधिकारियों से अस्थायी व्यवस्था करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि भविष्य में इन स्थानों पर कचरा न फैले. उन्होंने यह भी सख्ती से निर्देश दिया कि खुले में कचरे को जलाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. अधिकारियों से इस नियम को सख्ती से लागू करने को कहा, जिससे क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में सुधार हो सके.

उनके निर्देशों में शामिल थे:

  • अस्थायी रूप से दृश्य अवरोधक के रूप में चारों ओर नीली शीट्स का उपयोग
  • ढलाव घरों के चारों ओर अस्थायी सीमाएं बनाकर कचरे को बिखरने से रोकने के उपाय
  • सफाई प्रोटोकॉल लागू करना

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नई दिल्लीः दिल्ली की सफाई व्यवस्था की निगरानी और बेहतर करने के उदेश्य से दिल्ली की मेयर, डॉ. शैली ओबेरॉय लगातार विभिन्न जोन का निरीक्षण कर रही हैं. इसी कड़ी में मेयर शैली ओबरॉय ने रोहिणी जोन के विभिन्न वार्डों (23, 44, 45, 46, 47 और 51) जैसे मंगोलपुरी, सुल्तानपुरी, नांगलोई, बुध विहार और रोहिणी क्षेत्रों में कचरे के बिखराव और सार्वजनिक स्थानों पर कचरे की समस्या को लेकर गहन निरीक्षण किया. इस निरीक्षण का उद्देश्य जोन के कचरा-संवेदनशील स्थानों की स्थिति का मूल्यांकन करना और बेहतर कचरा प्रबंधन के लिए तत्काल उपायों को लागू करना था. शैली ओबेरॉय के साथ इस निरीक्षण में डिप्टी कमिश्नर, स्थानीय पार्षद संतोष देवी और वरिष्ठ नगर निगम अधिकारी भी शामिल रहे.

उन्होंने जोन के विभिन्न कचरा-संवेदनशील स्थानों का दौरा किया, जहां उन्होंने देखा कि ढलाव घरों के बाहर, सड़कों पर और सार्वजनिक क्षेत्रों में कचरा बिखरा हुआ था. निरीक्षण के दौरान, मेयर ने बताया कि कचरे का अनुचित तरीके से निपटान किया जा रहा है, जिससे कचरा बिखरने, अनधिकृत डंपिंग, अस्वच्छ परिस्थितियां उत्पन्न हो रही हैं और सर्विस लेन में कचरा फैल रहा है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि कचरे को मुख्य सड़कों से दिखाई देने से रोकने के लिए तत्काल उपाय लागू किए जाएं.

सफाई प्रोटोकॉल में दिन में दो बार कचरे का उठान शामिल है, ताकि कचरा नियंत्रित रहे और लोगों को कोई परेशानी न हो. एक महत्वपूर्ण अवलोकन में, मेयर ने वार्ड 45 और 46 में एफसीटीएस (फिक्स्ड कम्पैक्टेड ट्रांसफर स्टेशन) की अनुपस्थिति को देखा, जिससे ठोस कचरा प्रबंधन में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन क्षेत्रों में एफसीटीएस सुविधाओं के लिए भूमि के नियोजन और आवंटन को प्राथमिकता दी जाए.

इसके अतिरिक्त, मेयर ने एक व्यापक कचरा प्रबंधन समाधान की आवश्यकता पर बल दिया, अधिकारियों से अस्थायी व्यवस्था करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि भविष्य में इन स्थानों पर कचरा न फैले. उन्होंने यह भी सख्ती से निर्देश दिया कि खुले में कचरे को जलाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. अधिकारियों से इस नियम को सख्ती से लागू करने को कहा, जिससे क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में सुधार हो सके.

उनके निर्देशों में शामिल थे:

  • अस्थायी रूप से दृश्य अवरोधक के रूप में चारों ओर नीली शीट्स का उपयोग
  • ढलाव घरों के चारों ओर अस्थायी सीमाएं बनाकर कचरे को बिखरने से रोकने के उपाय
  • सफाई प्रोटोकॉल लागू करना

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