नई दिल्ली: सरकार ने क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस)-उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) बुनियादी ढांचा योजना के तहत 2024 तक 100 हवाई अड्डों को विकसित करने की योजना बनाई है. नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने सोमवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा- हवाई अड्डों का उन्नयन और आधुनिकीकरण एक सतत प्रक्रिया है.
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और अन्य हवाई अड्डा संचालकों द्वारा समय-समय पर भूमि की उपलब्धता, वाणिज्यिक व्यवहार्यता, सामाजिक-आर्थिक विचारों, यातायात की मांग/ऐसे हवाईअड्डों से संचालन के लिए एयरलाइनों की इच्छा के आधार पर किया जाता है. अगले पांच वर्षों के दौरान नए हवाई अड्डों के विकास में महाराष्ट्र में नवी मुंबई, कर्नाटक में विजयपुरा, हासन और शिवमोग्गा, उत्तर प्रदेश में नोएडा (जेवर), गुजरात में धोलेरा और हीरासर और आंध्र प्रदेश में भोगापुरम में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का निर्माण शामिल है.
इसके अलावा, मौजूदा ब्राउनफील्ड हवाई अड्डों पर आधुनिकीकरण और उन्नयन कार्य में दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, लखनऊ, गुवाहाटी, अहमदाबाद और मंगलुरु हवाई अड्डों पर किए जा रहे विकास कार्य शामिल हैं. एएआई और अन्य हवाईअड्डा संचालकों ने 2025 तक पूरे भारत में हवाईअड्डा क्षेत्र में लगभग 98,000 करोड़ रुपये के पूंजी परिव्यय का लक्ष्य रखा है, जिसमें ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों और नए टर्मिनलों का निर्माण, मौजूदा टर्मिनलों का विस्तार और आधुनिकीकरण और अन्य गतिविधियों के अलावा रनवे को मजबूत करना शामिल है. मंत्री ने कहा- इसमें से 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का पूंजीगत व्यय एएआई द्वारा किया जा रहा है और शेष निजी हवाई अड्डा ऑपरेटरों/डेवलपर्स द्वारा किया जा रहा है.
(आईएएनएस)
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