शेयर बाजारों ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट को सकारात्मक रूप में लिया : सीतारमण - केंद्रीय बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने करदाताओं का भरोसा बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं. शेयर बाजारों ने केंद्रीय बजट 2021-22 को 'सकारात्मक' रूप में लिया है.
नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि शेयर बाजारों ने केंद्रीय बजट 2021-22 को 'सकारात्मक' रूप में लिया है और पिछले एक सप्ताह के दौरान इक्विटी में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
उन्होंने कहा कि एक फरवरी को पेश किए गए बजट ने निजी क्षेत्र की अधिक भागीदारी के लिए रास्ते तैयार किए हैं, उद्यमिता के लिए जगह बनाई गई, खर्च के इरादों में स्पष्टता आई है और जिन क्षेत्रों से सरकार दूर रहना चाहती है, उनके बारे में चीजों को स्पष्ट किया है.
वित्त मंत्री ने कहा, 'बजट की घोषणा हुए 10 दिन हो गए हैं, मैं समझती हूं कि पहली बार बाजार पूरे एक हफ्ते तक पूरी तरह से सकारात्मकता दिशा में बना रहा है.'
उन्होंने कहा, 'पहले यदि बाजार सकारात्मक होता था और कुछ घंटों के लिए ऊपर जाता, तो इसे अपने आप में एक अच्छा संदेश माना जाता. बाजार का एक दिन के लिए अच्छा प्रदर्शन अपने आप में एक अच्छा संदेश होता.'
सीतारमण ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के बजट-पश्चात संबोधन में कहा, 'अब मैं समझती हूं कि बाजार के सभी पहलुओं ने बजट को सकारात्मकता के साथ लिया. उन्होंने पूरे सप्ताह इस भावना को बनाए रखा और इसे दर्शाने के लिए केवल 1-2 प्रतिशत की वृद्धि नहीं हुई है. मैं समझती हूं कि यह 11 प्रतिशत की वृद्धि है. सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों इसका संकेत दे रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि सरकार ने करदाताओं का भरोसा बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं, बेहतर अनुपालन से कर आधार को व्यापक बनाने में मदद मिलेगी. सीतारमण ने कहा कि प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए करदाताओं पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ा है. उन्होंने कहा कि सरकार अपने करदाताओं पर भरोसा करती है.
वित्त मंत्री ने कहा, 'हम एक साथ इन तथ्यों को रेखांकित कर रहे हैं कि बेहतर अनुपालन के साथ करदाताओं पर भरोसा किया जा रहा है, प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा रहा है. यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि हम प्रोत्साहनों के लिए करदाताओं की पीठ पर भार लादने की उम्मीद नहीं कर रहे हैं, बस उनसे थोड़ा सा बोझ अपने कंधों पर लेने के लिए कहा जा रहा है.'
'करदाताओं पर बोझ नहीं डाल रहे'
सीतारमण ने कहा, 'हम करदाताओं पर बोझ नहीं डाल रहे हैं और साथ ही अनुपालन को भी आसान बना रहे हैं.' उन्होंने कहा कि पिछले आकलन को फिर से खोलने की अवधि को इस बजट में छह साल से घटाकर तीन साल कर दिया गया है, क्योंकि कर विभाग का इरादा नियमित करदाताओं को परेशान करने का नहीं है.
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उन्होंने कहा कि इस तरह के कदम से करदाताओं में विश्वास जगाने की कोशिश की जा रही है, ताकि धीरे-धीरे कर आधार को बढ़ाया जा सके.