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कच्चा तेल वायदा में 'लेने के देने' पड़ने की घटना के बाद एमसीएक्स ने मार्जिन 125% तक की - कच्चा तेल

देश में कच्चा तेल वायादा कारोबार का 95 प्रतिशत कारोबार एमसीएक्स के माध्यम से होता है. उसने कारोबार में बहुत सावधानी बरतने के लिए यह कदम उठाया है. इसके तहत अनुबंधों के लिए प्रस्ताव रखने वालों को जोखिम के आधार पर 95,000 रुपये से 1,95,000 रुपये प्रति लॉट का मार्जिन शुरू में ही रखना होगा.

कच्चा तेल वायदा में 'लेने के देने' पड़ने की घटना के बाद एमसीएक्स ने मार्जिन 125% तक की
कच्चा तेल वायदा में 'लेने के देने' पड़ने की घटना के बाद एमसीएक्स ने मार्जिन 125% तक की
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Published : Apr 29, 2020, 7:45 PM IST

मुंबई: ऑनलाइन वायदा बाजार मंच एमसीएक्स ने पिछले दिनों कच्चे तेल के वायदा कारोबार में भाव शून्य से भी बहुत नीचे चले जाने की घटना के मद्देनजर अपने यहां भविष्य की डिलिवरी के अनुबंधों पर मार्जिन मनी 125 प्रतिशत तक कर दी है. यह निर्णय बृहस्पतिवार से प्रभावी हो जाएगा और प्रति लॉट 1,95,000 रुपये तक मार्जिन रखनी होगी.

एमसीएक्स ने बुधवार को जारी सर्कुलर में कहा है कि वह जोखिम प्रबंध के लिए 30 अप्रैल से अतिरिक्त उपाय करने जा रहा है.

देश में कच्चा तेल वायादा कारोबार का 95 प्रतिशत कारोबार एमसीएक्स के माध्यम से होता है. उसने कारोबार में बहुत सावधानी बरतने के लिए यह कदम उठाया है. इसके तहत अनुबंधों के लिए प्रस्ताव रखने वालों को जोखिम के आधार पर 95,000 रुपये से 1,95,000 रुपये प्रति लॉट का मार्जिन शुरू में ही रखना होगा.

अभी तक पिछले दिन के बाजार भाव में नुकसान के हिसाब से मार्जिन तय होता था. यह मौजूदा दर से बहुत ऊंची है. मार्च के शुरू में इस बाजार में मार्जिन 12.75 प्रतिशत था जो 16 मार्च को बढ़ कर 57.9 प्रतिशत तक पहुंच गया था.

वैश्विक कच्चे तेल के बाजार में 20 अप्रैल को कीमतों के शून्य से नीचे गिर जाने के बाद एमसीएक्स भी उसके अगले दिन उलझ गया था. एमसीएक्स ने सोमवार को समाप्त होने वाले अनुबंधों के निपटान के लिए एक रुपये प्रति बैरल का अंतरिम भाव तय किया था. उसके इस कदम को कुछ कारोबारियों ने बड़े ब्रोकरों के नुकसान को दूसरों की लागत पर कम करने का एक तरीका बता कर इसकी आलोचाना की.

आलोचना होने के बाद उसे इन सौदों के निपटान की अंतिम दर प्रति बैरल शून्य से 2,884 रुपये नीचे तय करनी पड़ी. बताया गया कि इस उथल-पुथल में मई के अनुबंधों में इस एक्सचेंज के साथ काम करने वाले ब्रोकरों को चार सौ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. शून्य से नीचे का अर्थ है कि क्रेता को उल्टे विक्रेता से पैसा मिलेगा.

ये भी पढ़ें: एनआईपी पर कार्यबल ने वित्त मंत्री को अंतिम रिपोर्ट सौंपी

एक्सचेंज ने आगे कहा कि एमसीएक्स में पिछले 15 साल से कच्चे तेल के वायदा अनुबंध में कारोबार किया जा रहा है. इसमें होने वाले अनुबंध को हमेशा ही न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (एनवाईएमईएक्स) के डब्ल्यूटीआई क्रूड आयल के अनुबंध निपटान मूल्य को भारतीय रुपये में परिवर्तित कर उसके अनुरूप ही निपटान किया जाता है.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: ऑनलाइन वायदा बाजार मंच एमसीएक्स ने पिछले दिनों कच्चे तेल के वायदा कारोबार में भाव शून्य से भी बहुत नीचे चले जाने की घटना के मद्देनजर अपने यहां भविष्य की डिलिवरी के अनुबंधों पर मार्जिन मनी 125 प्रतिशत तक कर दी है. यह निर्णय बृहस्पतिवार से प्रभावी हो जाएगा और प्रति लॉट 1,95,000 रुपये तक मार्जिन रखनी होगी.

एमसीएक्स ने बुधवार को जारी सर्कुलर में कहा है कि वह जोखिम प्रबंध के लिए 30 अप्रैल से अतिरिक्त उपाय करने जा रहा है.

देश में कच्चा तेल वायादा कारोबार का 95 प्रतिशत कारोबार एमसीएक्स के माध्यम से होता है. उसने कारोबार में बहुत सावधानी बरतने के लिए यह कदम उठाया है. इसके तहत अनुबंधों के लिए प्रस्ताव रखने वालों को जोखिम के आधार पर 95,000 रुपये से 1,95,000 रुपये प्रति लॉट का मार्जिन शुरू में ही रखना होगा.

अभी तक पिछले दिन के बाजार भाव में नुकसान के हिसाब से मार्जिन तय होता था. यह मौजूदा दर से बहुत ऊंची है. मार्च के शुरू में इस बाजार में मार्जिन 12.75 प्रतिशत था जो 16 मार्च को बढ़ कर 57.9 प्रतिशत तक पहुंच गया था.

वैश्विक कच्चे तेल के बाजार में 20 अप्रैल को कीमतों के शून्य से नीचे गिर जाने के बाद एमसीएक्स भी उसके अगले दिन उलझ गया था. एमसीएक्स ने सोमवार को समाप्त होने वाले अनुबंधों के निपटान के लिए एक रुपये प्रति बैरल का अंतरिम भाव तय किया था. उसके इस कदम को कुछ कारोबारियों ने बड़े ब्रोकरों के नुकसान को दूसरों की लागत पर कम करने का एक तरीका बता कर इसकी आलोचाना की.

आलोचना होने के बाद उसे इन सौदों के निपटान की अंतिम दर प्रति बैरल शून्य से 2,884 रुपये नीचे तय करनी पड़ी. बताया गया कि इस उथल-पुथल में मई के अनुबंधों में इस एक्सचेंज के साथ काम करने वाले ब्रोकरों को चार सौ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. शून्य से नीचे का अर्थ है कि क्रेता को उल्टे विक्रेता से पैसा मिलेगा.

ये भी पढ़ें: एनआईपी पर कार्यबल ने वित्त मंत्री को अंतिम रिपोर्ट सौंपी

एक्सचेंज ने आगे कहा कि एमसीएक्स में पिछले 15 साल से कच्चे तेल के वायदा अनुबंध में कारोबार किया जा रहा है. इसमें होने वाले अनुबंध को हमेशा ही न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (एनवाईएमईएक्स) के डब्ल्यूटीआई क्रूड आयल के अनुबंध निपटान मूल्य को भारतीय रुपये में परिवर्तित कर उसके अनुरूप ही निपटान किया जाता है.

(पीटीआई-भाषा)

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