नई दिल्ली : आर्थिक थिंक टैंक एनसीएईआर(National Council of Applied Economic Research) को उम्मीद है कि भारतीय अर्थव्यवस्था(Indian Economy) मौजूदा वित्तीय वर्ष में 8.4-10.1 प्रतिशत की वृद्धि हासिल कर सकती है. पिछले वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत का संकुचन हुआ था. नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) ने अर्थव्यवस्था की तिमाही समीक्षा जारी करते हुए आर्थिक वृद्धि (economic growth) को बढ़ावा देने के लिए मजबूत वित्तीय समर्थन पर जोर दिया.
एनसीएईआर ने एक बयान में कहा, हमारा आकलन है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में 11.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी जबकि पूरे वित्तीय वर्ष में 8.4-10.1 प्रतिशत की वृद्धि होगी.
बयान के मुताबिक, उच्च वृद्धि में आधार प्रभाव की बड़ी भूमिका है. वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही इससे पिछले साल 2020-21 की पहली तिमाही में आई बड़ी गिरावट के ऊपर हासिल होगी. 2021-22 के अंत पर, जीडीपी स्थिर मूल्यों पर, 2019-20 के जितनी ही 1,46,000 अरब रुपए (146 लाख करोड़) के बराबर रहेगी.
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अर्थव्यवस्था को और नुकसान
एनसीएईआर के आकलन के मुताबिक, 2020-21 में आर्थिक वृद्धि में 7.3 प्रतिशत का संकुचन हुआ. रिपोर्ट में कहा गया कि कोविड-19 (covid-19)की पहली लहर के मुकाबले संक्रमण मामलों की संख्या और मृत्यू के लिहाज से दूसरी लहर चार गुणा बड़ी थी. इसने पहली लहर से पहले ही बुरी तरी तरह प्रभावित अर्थव्यवस्था को और नुकसान पहुंचाया है.
(पीटीआई-भाषा)