नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2019-20 का आम बजट इसी सप्ताह पांच जुलाई को पेश किया जाएगा. विश्लेषकों का मानना है कि आगे चलकर शेयर बाजारों की दिशा आम बजट से तय होगी. बजट से पहले निवेशक 'देखो और इंतजार करो' की नीति पर चलेंगे.
हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका और चीन ने जी-20 शिखर सम्मेलन में सप्ताहांत व्यापार युद्ध को समाप्त करने की घोषणा की है जिससे बाजार में कुछ तेजी देखी जा सकती है.
ये भी पढ़ें- बजट 2019: जानिए कैसे बदलता रहा देश के वित्तमंत्रियों का 'बजट ब्रीफकेस'
इसके अलावा मानसून की प्रगति, रुपये और कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव पर भी बाजार की निगाह रहेगी. सैमको सिक्युरिटीज एंड स्टॉकनोट के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिमीत मोदी ने कहा, "चुनाव नतीजे अधिक भावनात्मक आयोजन था जबकि बजट बाजार की दृष्टि से अधिक तार्किक वजह होगा. बजट से पहले की सुस्ती तूफान से पहले की शांति हो सकती है और बाजार स्थिर रहेंगे लेकिन इसके नीचे की ओर जाने का दबाव रहेगा."
उन्होंने कहा कि वाहन क्षेत्र दबाव में है. सरकार इस क्षेत्र को कैसे समर्थन देती है, इस बात पर निर्भर करेगा कि इन कंपनियों के शेयर चढ़ेंगे या टूटेंगे.
एपिक रिसर्च के सीईओ मुस्तफा नदीम ने कहा, "हमारे सामने काफी महत्वपूर्ण आयोजन बजट है. इस बात की संभावना है कि बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा और लघु अवधि में यह और प्रभावित करेगा. चूंकि यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम है इसलिये हमारा मानना है कि हमें फिलहाल इसके आने वाले नतीजों का इंतजार करना चाहिए."
विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़े इसी सप्ताह आने हैं. यस सिक्युरिटीज के अध्यक्ष एवं शोध प्रमुख अमर अंबानी ने कहा कि बजट से सरकार की राजकोषीय रूपरेखा तय होगी.
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार पूर्व के बजट के अनुरूप राजकोषीय मोर्चे पर घाटे को उचित स्तर पर कायम रखेगी.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि कमजोर मांग और कच्चे माल की कीमतें अनुकूल नहीं रहने से वाहन और धातु क्षेत्र की मांग कमजोर रहने के आसार हैं. सरकार के समक्ष वृद्धि और राजकोषीय मजबूती को समर्थन करने की एक बड़ी चुनौती है. बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 200.15 अंक या 0.51 प्रतिशत की बढ़त के साथ 39,394.64 अंक पर पहुंच गया.
बजट 2019: विशेषज्ञ ने कहा- बाजार 'देखो और इंतजार करो' की राह पर
बजट से पहले निवेशक 'देखो और इंतजार करो' की नीति पर चलेंगे. इसके अलावा मानसून की प्रगति, रुपये और कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव पर भी बाजार की निगाह रहेगी.
नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2019-20 का आम बजट इसी सप्ताह पांच जुलाई को पेश किया जाएगा. विश्लेषकों का मानना है कि आगे चलकर शेयर बाजारों की दिशा आम बजट से तय होगी. बजट से पहले निवेशक 'देखो और इंतजार करो' की नीति पर चलेंगे.
हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका और चीन ने जी-20 शिखर सम्मेलन में सप्ताहांत व्यापार युद्ध को समाप्त करने की घोषणा की है जिससे बाजार में कुछ तेजी देखी जा सकती है.
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इसके अलावा मानसून की प्रगति, रुपये और कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव पर भी बाजार की निगाह रहेगी. सैमको सिक्युरिटीज एंड स्टॉकनोट के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिमीत मोदी ने कहा, "चुनाव नतीजे अधिक भावनात्मक आयोजन था जबकि बजट बाजार की दृष्टि से अधिक तार्किक वजह होगा. बजट से पहले की सुस्ती तूफान से पहले की शांति हो सकती है और बाजार स्थिर रहेंगे लेकिन इसके नीचे की ओर जाने का दबाव रहेगा."
उन्होंने कहा कि वाहन क्षेत्र दबाव में है. सरकार इस क्षेत्र को कैसे समर्थन देती है, इस बात पर निर्भर करेगा कि इन कंपनियों के शेयर चढ़ेंगे या टूटेंगे.
एपिक रिसर्च के सीईओ मुस्तफा नदीम ने कहा, "हमारे सामने काफी महत्वपूर्ण आयोजन बजट है. इस बात की संभावना है कि बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा और लघु अवधि में यह और प्रभावित करेगा. चूंकि यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम है इसलिये हमारा मानना है कि हमें फिलहाल इसके आने वाले नतीजों का इंतजार करना चाहिए."
विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़े इसी सप्ताह आने हैं. यस सिक्युरिटीज के अध्यक्ष एवं शोध प्रमुख अमर अंबानी ने कहा कि बजट से सरकार की राजकोषीय रूपरेखा तय होगी.
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार पूर्व के बजट के अनुरूप राजकोषीय मोर्चे पर घाटे को उचित स्तर पर कायम रखेगी.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि कमजोर मांग और कच्चे माल की कीमतें अनुकूल नहीं रहने से वाहन और धातु क्षेत्र की मांग कमजोर रहने के आसार हैं. सरकार के समक्ष वृद्धि और राजकोषीय मजबूती को समर्थन करने की एक बड़ी चुनौती है. बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 200.15 अंक या 0.51 प्रतिशत की बढ़त के साथ 39,394.64 अंक पर पहुंच गया.
बजट 2019: विशेषज्ञ ने कहा- बाजार 'देखो और इंतजार करो' की राह पर
नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2019-20 का आम बजट इसी सप्ताह पांच जुलाई को पेश किया जाएगा. विश्लेषकों का मानना है कि आगे चलकर शेयर बाजारों की दिशा आम बजट से तय होगी. बजट से पहले निवेशक 'देखो और इंतजार करो' की नीति पर चलेंगे.
हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका और चीन ने जी-20 शिखर सम्मेलन में सप्ताहांत व्यापार युद्ध को समाप्त करने की घोषणा की है जिससे बाजार में कुछ तेजी देखी जा सकती है.
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इसके अलावा मानसून की प्रगति, रुपये और कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव पर भी बाजार की निगाह रहेगी.
सैमको सिक्युरिटीज एंड स्टॉकनोट के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिमीत मोदी ने कहा, "चुनाव नतीजे अधिक भावनात्मक आयोजन था जबकि बजट बाजार की दृष्टि से अधिक तार्किक वजह होगा. बजट से पहले की सुस्ती तूफान से पहले की शांति हो सकती है और बाजार स्थिर रहेंगे लेकिन इसके नीचे की ओर जाने का दबाव रहेगा."
उन्होंने कहा कि वाहन क्षेत्र दबाव में है. सरकार इस क्षेत्र को कैसे समर्थन देती है, इस बात पर निर्भर करेगा कि इन कंपनियों के शेयर चढ़ेंगे या टूटेंगे.
एपिक रिसर्च के सीईओ मुस्तफा नदीम ने कहा, "हमारे सामने काफी महत्वपूर्ण आयोजन बजट है. इस बात की संभावना है कि बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा और लघु अवधि में यह और प्रभावित करेगा. चूंकि यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम है इसलिये हमारा मानना है कि हमें फिलहाल इसके आने वाले नतीजों का इंतजार करना चाहिए."
विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़े इसी सप्ताह आने हैं. यस सिक्युरिटीज के अध्यक्ष एवं शोध प्रमुख अमर अंबानी ने कहा कि बजट से सरकार की राजकोषीय रूपरेखा तय होगी.
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार पूर्व के बजट के अनुरूप राजकोषीय मोर्चे पर घाटे को उचित स्तर पर कायम रखेगी.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि कमजोर मांग और कच्चे माल की कीमतें अनुकूल नहीं रहने से वाहन और धातु क्षेत्र की मांग कमजोर रहने के आसार हैं. सरकार के समक्ष वृद्धि और राजकोषीय मजबूती को समर्थन करने की एक बड़ी चुनौती है.
बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 200.15 अंक या 0.51 प्रतिशत की बढ़त के साथ 39,394.64 अंक पर पहुंच गया.
Conclusion: