नई दिल्ली: बीते सप्ताह आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजारों में जबरदस्त तेजी देखी गई और सेंसेक्स ने इंट्राडे कारोबार में तेजी का पिछले दस सालों का रिकार्ड तोड़ दिया. इसका कारण सरकार द्वारा कार्पोरेट कर की दरों में कटौती और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर लगाए गए सरचार्ज को वापस लेना था.
इस छूट के कारण सेंसेक्स और निफ्टी पिछले दो महीनों के उच्च स्तर पर बंद हुए. साप्ताहिक आधार पर, सेंसेक्स 629.63 अंकों या 1.68 फीसदी की तेजी के साथ 38,014.62 पर बंद हुआ.
बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 454.48 अंकों या 3.33 फीसदी की तेजी आई और यह 14,120.07 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 191.2 अंकों या 1.47 फीसदी के तेजी के साथ 13,204.25 पर बंद हुआ.
सोमवार को शेयर बाजारों की कमजोर शुरुआत हुई और सेंसेक्स 261.68 अंकों या 0.70 फीसदी की गिरावट के साथ 37,123.31 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 72.40 अंकों या 0.65 फीसदी की गिरावट के साथ 11,003.50 पर बंद हुआ.
सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हमले से कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी के कारण मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई और सेंसेक्स 642.22 अंकों या 1.73 फीसदी की गिरावट के साथ 36,481.09 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 185.90 अंकों या 1.69 फीसदी की गिरावट के साथ 10,817.60 पर बंद हुआ.
बुधवार को बाजारों में तेजी लौटी और सेंसेक्स 82.79 अंकों या 0.23 फीसदी की तेजी के साथ 36,563.88 पर बंद हुआ और निफ्टी 23.05 अंकों या 0.21 फीसदी तेजी के साथ 10,840.65 पर बंद हुआ.
गुरुवार को बाजार में तेज गिरावट आई और सेंसेक्स 470.41 अंकों या 1.29 फीसदी की गिरावट के साथ 36,093.47 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 135.85 अंकों या 1.25 फीसदी की गिरावट के साथ 10,704.80 पर बंद हुआ.
शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कार्पोरेट दर में कटौती के बीच सेंसेक्स 1921.15 अंकों या 5.32 फीसदी की जोरदार तेजी के साथ 38,014.62 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 569.40 अंकों या 5.32 फीसदी की जबरदस्त तेजी के साथ 11,274.20 पर बंद हुआ.
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बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे - बजाज फाइनेंस (8.16 फीसदी), एशियन पेंट्स (8.04 फीसदी), वेदांता (6.43 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (6.38 फीसदी) और भारती एयरटेल (3.84 फीसदी) रहे.
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे - यस बैंक (19.17 फीसदी), टीसीएस (3.54 फीसदी), एनटीपीसी (3.35 फीसदी), पॉवरग्रिड (3.11 फीसदी), इंफोसिस (2.90 फीसदी) और सन फार्मा (2.20 फीसदी).
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कार्पोरेट जगत को बढ़ावा देने के लिए कई घोषणाएं की. इसके तहत घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट कर को घटाकर 22 फीसदी कर दिया गया है तथा नए विनिर्माण कंपनियों के लिए कर की दर को घटाकर 15 फीसदी कर दिया गया है, ताकि पूंजी बाजार को बढ़ावा मिले.
आर्थिक मोर्चे पर भारत की थोक महंगाई दर अगस्त में 1.08 फीसदी रही, जो कि जुलाई में भी इतनी ही थी.
वहीं, निर्यात में अगस्त में एक साल पहले के इसी महीने की तुलना में 6 फीसदी गिरावट दर्ज की गई, जोकि 26.13 अरब डॉलर रही. जबकि आयात में इस दौरान 13.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जोकि 39.58 अरब डॉलर की रही.