नई दिल्ली: इस साल अप्रैल में देश के 12 प्रमुख बंदरगाहों पर सामानों को उतारने-चढ़ाने में 5.65 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. पिछले माह इन बंदरगाहों से 6.007 करोड़ टन सामानों को उतारा-चढ़ाया गया. इंडियन पोर्ट्स एसोसिएशन (आईपीए) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल अप्रैल में केंद्र सरकार के तहत काम करने वाले बंदरगाहों से 5.686 करोड़ टन सामान चढ़े-उतरे थे.
कोयला, पेट्रोलियम, ईंधन और ल्यूबरिकेंट की मांग में मुख्य रूप से वृद्धि के कारण यह इजाफा देखने को मिला है. आलोच्य महीने में इन 12 बंदरगाहों से कोकिंग कोल की ढुलाई में सबसे अधिक 30.62 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. वहीं थर्मल एवं स्टीम कोयले की ढुलाई में 12.65 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी.
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आंकड़ों के अनुसार पूर्व में कांडला बंदरगाह कहलाने वाला दीनदयाल बंदरगाह से सर्वाधिक 1.13 करोड़ टन माल का उतार-चढ़ाव अप्रैल महीने में हुआ. उसके बाद क्रमश: पारादीप बंदरगाह, जेएनपीटी, विशापत्तनम तथा मुंबई बंदरगाह का स्थान रहा, जहां क्रमश: 95.5 लाख टन, 59.9 लाख टन, 56.9 लाख टन तथा 50 लाख टन माल उतारे-चढ़ाये गये.
हल्दिया समेत कोलकाता बंदरगाह पर 49.5 लाख टन जबकि चेन्नई बंदरगाह पर 39.4 लाख टन माल का उतार-चढ़ाव हुआ. देश के 12 प्रमुख बंदरगाह दीनदयाल, मुंबई, जेएनपीटी, मुड़गांव, न्यू मैंगलोर, कोचीन, चेन्नई कामराज (पूर्व में एन्नेार), वी ओ चिदंबरनार, विशाखापत्तनम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया समेत) हैं.
पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में इन बंदरगाहों के जरिये माल का उतार-चढ़ाव 2.9 प्रतिशत बढ़कर 69.904 करोड़ टन रहा.