नई दिल्ली: अनुकूल बाजार स्थितियों की वजह से अप्रैल के अंत तक में घरेलू शेयर बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के माध्यम से होने वाला निवेश बढ़कर 81,220 करोड़़ रुपये रहा.
पी-नोट्स पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक जारी करते हैं. यह भारतीय बाजार में निवेश करने की इच्छा रखने वाले उन विदेशी निवेशकों के लिए जारी किए जाते हैं जो यहां सीधे पंजीकरण कराए बगैर निवेश करना चाहते हैं.
बाजार नियामक सेबी के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार इक्विटी, ऋण और डेरिवेटिव श्रेणी में मिलाकर पी-नोट्स के माध्यम से अप्रैल के अंत तक कुल 81,220 करोड़़ रुपये का निवेश हुआ है.
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इसमें इक्विटी श्रेणी में 58,820 करोड़ रुपये, ऋण श्रेणी में 21,542 करोड़ रुपये डेरिवेटिव श्रेणी में 123 करोड़ निवेश किए गए.
मार्च महीने के मुकाबले अप्रैल में पी-नोट्स के माध्यम से निवेश में 3.98 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. मार्च में पी-नोट्स से कुल 78,110 का निवेश भारतीय बाजार में किया गया था.
डब्ल्यूजीसी वेल्थ के मुख्य निवेश अधिकारी राजेश चेरुवु ने कहा कि अप्रैल-2019 में अन्य सभी एफपीआई परिसंपत्तियों से होने वाले निवेश में से पी-नोट्स से किए जाने वाले निवेश में बढ़ोतरी अधिक है. इसकी एक प्रमुख वजह देश की मौजूदा सत्ताधारी पार्टी के वापस सत्ता में आने को लेकर बंधी आशा और नीति एवं सुधारों के जारी रहने को लेकर इक्विटी आवंटन है.
पिछले हफ्ते भारतीय जनता पार्टी ने 542 सीटों वाले लोकसभा चुनाव में 300 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की थी. यह 1984 के बाद पहली बार है जब किसी एक दल की सरकार लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है.
पी-नोट्स के जरिये निवेश अप्रैल के अंत तक बढ़कर 81,220 करोड़ रुपये हुआ - Participatory Notes
पी-नोट्स पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक जारी करते हैं. यह भारतीय बाजार में निवेश करने की इच्छा रखने वाले उन विदेशी निवेशकों के लिए जारी किए जाते हैं जो यहां सीधे पंजीकरण कराए बगैर निवेश करना चाहते हैं.
नई दिल्ली: अनुकूल बाजार स्थितियों की वजह से अप्रैल के अंत तक में घरेलू शेयर बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के माध्यम से होने वाला निवेश बढ़कर 81,220 करोड़़ रुपये रहा.
पी-नोट्स पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक जारी करते हैं. यह भारतीय बाजार में निवेश करने की इच्छा रखने वाले उन विदेशी निवेशकों के लिए जारी किए जाते हैं जो यहां सीधे पंजीकरण कराए बगैर निवेश करना चाहते हैं.
बाजार नियामक सेबी के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार इक्विटी, ऋण और डेरिवेटिव श्रेणी में मिलाकर पी-नोट्स के माध्यम से अप्रैल के अंत तक कुल 81,220 करोड़़ रुपये का निवेश हुआ है.
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इसमें इक्विटी श्रेणी में 58,820 करोड़ रुपये, ऋण श्रेणी में 21,542 करोड़ रुपये डेरिवेटिव श्रेणी में 123 करोड़ निवेश किए गए.
मार्च महीने के मुकाबले अप्रैल में पी-नोट्स के माध्यम से निवेश में 3.98 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. मार्च में पी-नोट्स से कुल 78,110 का निवेश भारतीय बाजार में किया गया था.
डब्ल्यूजीसी वेल्थ के मुख्य निवेश अधिकारी राजेश चेरुवु ने कहा कि अप्रैल-2019 में अन्य सभी एफपीआई परिसंपत्तियों से होने वाले निवेश में से पी-नोट्स से किए जाने वाले निवेश में बढ़ोतरी अधिक है. इसकी एक प्रमुख वजह देश की मौजूदा सत्ताधारी पार्टी के वापस सत्ता में आने को लेकर बंधी आशा और नीति एवं सुधारों के जारी रहने को लेकर इक्विटी आवंटन है.
पिछले हफ्ते भारतीय जनता पार्टी ने 542 सीटों वाले लोकसभा चुनाव में 300 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की थी. यह 1984 के बाद पहली बार है जब किसी एक दल की सरकार लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है.
पी-नोट्स के जरिये निवेश अप्रैल के अंत तक बढ़कर 81,220 करोड़ रुपये हुआ
नई दिल्ली: अनुकूल बाजार स्थितियों की वजह से अप्रैल के अंत तक में घरेलू शेयर बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के माध्यम से होने वाला निवेश बढ़कर 81,220 करोड़़ रुपये रहा.
पी-नोट्स पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक जारी करते हैं. यह भारतीय बाजार में निवेश करने की इच्छा रखने वाले उन विदेशी निवेशकों के लिए जारी किए जाते हैं जो यहां सीधे पंजीकरण कराए बगैर निवेश करना चाहते हैं.
बाजार नियामक सेबी के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार इक्विटी, ऋण और डेरिवेटिव श्रेणी में मिलाकर पी-नोट्स के माध्यम से अप्रैल के अंत तक कुल 81,220 करोड़़ रुपये का निवेश हुआ है.
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इसमें इक्विटी श्रेणी में 58,820 करोड़ रुपये, ऋण श्रेणी में 21,542 करोड़ रुपये डेरिवेटिव श्रेणी में 123 करोड़ निवेश किए गए.
मार्च महीने के मुकाबले अप्रैल में पी-नोट्स के माध्यम से निवेश में 3.98 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. मार्च में पी-नोट्स से कुल 78,110 का निवेश भारतीय बाजार में किया गया था.
डब्ल्यूजीसी वेल्थ के मुख्य निवेश अधिकारी राजेश चेरुवु ने कहा कि अप्रैल-2019 में अन्य सभी एफपीआई परिसंपत्तियों से होने वाले निवेश में से पी-नोट्स से किए जाने वाले निवेश में बढ़ोतरी अधिक है. इसकी एक प्रमुख वजह देश की मौजूदा सत्ताधारी पार्टी के वापस सत्ता में आने को लेकर बंधी आशा और नीति एवं सुधारों के जारी रहने को लेकर इक्विटी आवंटन है.
पिछले हफ्ते भारतीय जनता पार्टी ने 542 सीटों वाले लोकसभा चुनाव में 300 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की थी. यह 1984 के बाद पहली बार है जब किसी एक दल की सरकार लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है.
Conclusion: