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इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग: जानिए सरल टैक्स सेविंग उपाय - 80सी

2018-19 के वित्तीय वर्ष की समाप्ति में केवल कुछ ही दिन शेष हैं. कर बचत के कुछ आसान साधनों का पता लगाने के लिए पढ़िए ईटीवी भारत का यह लेख.

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Published : Feb 21, 2019, 9:12 PM IST

हैदराबाद : आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के लिए आपको अच्छी खासी मशक्कत, कड़े होम वर्क और पूर्व नियोजन की आवश्यकता होती है. 2018-19 वित्तीय वर्ष की समाप्ति में केवल 38 दिन बचे हैं और जैसे-जैसे वित्तीय वर्ष का अंत आता है, हम में से ज्यादातर टैक्स बचत के साधनों का पता लगाने की कोशिश करते हैं.

इसलिए इस बार पाठकों का लाभ देखते हुए ईटीवी भारत सबसे प्रचलित और अधिक मांग वाले टैक्स बचतों के कुछ विकल्प आपके सामने लाया है.

जानिए जीरो टैक्स देनदारी
क्या आप जानते हैं कि आप अपनी गणित ठीक करके शून्य कर देयता तक पहुंच सकते हैं? आपको केवल अपने अंतिम टैक्स ड्राफ्ट में सभी कटौती को शामिल करने की आवश्यकता है. वर्तमान में, 2.5 लाख रुपये तक की आय के लिए कोई कर नहीं है, लेकिन अगर आप अपने टैक्स कैलकुलेशन में 2,500 रुपये की छूट शामिल करते हैं और सभी अनुमत कटौती का दावा करते हैं, तो आप 3.5 लाख रुपये तक की आय के लिए कर के भुगतान से बच सकते हैं. आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 87ए में छूट का प्रावधान है, जो एक निर्दिष्ट कर रियायत के अलावा और कुछ नहीं है.

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धारा 80सी का पूरा उपयोग करें
अधिकांश वेतनभोगी व्यक्ति 80 सी प्रावधान का पूर्ण उपयोग करने में विफल रहते हैं. उनमें से कुछ या तो इसके प्रावधान से अनजान हैं या यह नहीं जानते हैं कि इसका उपयोग कैसे किया जाए. वेतनभोगियों का आईटीआर के लिए देर से तैयारी भी एक कारण हो सकता है, तो शुरुआती तैयारी से कुछ भी खोने से आप बच सकते हैं. आप आई-टी अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं.

टैक्स छूट वाले निवेशों की सूची बनाएं
अपना आयकर तैयार करते समय, कर छूट वाले निवेशों की एक सूची बनाएं. सुनिश्चित करें कि आपके पास ये सभी तत्व हैं: हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए), प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ), पब्लिक प्रोविडेंट फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस), म्यूचुअल फंड जैसे ईएलएसएस, दो बच्चों के लिए ट्यूशन फीस, आपके लिए हेल्थ कवर इत्यादि. न्युक्लियर परिवार ध्यान दें कि आप अपने माता-पिता के लिए एक अलग स्वास्थ्य कवर खरीद सकते हैं.

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होम लोन के ब्याज की गणना करें
यदि आपने होम लोन लिया है और उसके मूलधन पर ब्याज चुका रहे हैं, तो आप उसके लिए कटौती का दावा कर सकते हैं. यदि आप ब्याज सहित ईएमआई का भुगतान कर रहे हैं तो आईटी नियम आपको 2 लाख रुपये तक की कटौती का दावा करने की अनुमति देता है. तो, अपने सकल वेतन से 2 लाख रुपये घटाएं और फिर टैक्स आउटगो की गणना करें.

मानक कटौती टैप करें
2018 के बजट में 40,000 रुपये की मानक कटौती पेश की गई थी. इसने परिवहन भत्ता और चिकित्सा प्रतिपूर्ति, दो प्रमुख वेतन घटकों को बदल दिया. उन्हें टैक्स में छूट मिली हुई थी. आप अपने सकल वेतन से 40,000 रुपये घटा सकते हैं और एक कर योग्य आय पर पहुंच सकते हैं. चिकित्सा प्रतिपूर्ति 1,250 रुपये प्रति माह और परिवहन भत्ता 1,600 रुपये प्रति माह था, इससे पहले दोनों को अलग कर दिया गया था.

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एनपीएस - अतिरिक्त लाभ
बहुत से करदाताओं को नहीं पता है कि एनपीएस उन्हें अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है. आप अपनी गाढ़ी कमाई एनपीएस में लगा सकते हैं और कटौती का दावा कर सकते हैं. आप एक साल में 50,000 रुपये की कटौती का दावा कर सकते हैं. आप धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक छूट का दावा कर सकते हैं. एक ईपीएस ग्राहक के रूप में, आप अपने आईटीआर में अपने टैक्स आउटगो को और कम कर सकते हैं.

रिबेट का मतलब 'नो आईटीआर' नहीं
यदि आपकी आय 3.5 लाख रुपये है, जो 2,500 रुपये की छूट श्रेणी में आती है, तो आपको कर नहीं देना होगा. इसका मतलब यह नहीं है कि आपको आईटीआर फाइल नहीं करना पड़ेगा. आयकर नियमों के अनुसार आपको अभी भी आईटीआर दाखिल करना है.
पढ़ें : जलमार्ग से व्यापार बढ़ाने को जल्द द्विपक्षीय समझौता करेंगे भारत और बांग्लादेश : कैलाश अग्रवाल

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हैदराबाद : आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के लिए आपको अच्छी खासी मशक्कत, कड़े होम वर्क और पूर्व नियोजन की आवश्यकता होती है. 2018-19 वित्तीय वर्ष की समाप्ति में केवल 38 दिन बचे हैं और जैसे-जैसे वित्तीय वर्ष का अंत आता है, हम में से ज्यादातर टैक्स बचत के साधनों का पता लगाने की कोशिश करते हैं.

इसलिए इस बार पाठकों का लाभ देखते हुए ईटीवी भारत सबसे प्रचलित और अधिक मांग वाले टैक्स बचतों के कुछ विकल्प आपके सामने लाया है.

जानिए जीरो टैक्स देनदारी
क्या आप जानते हैं कि आप अपनी गणित ठीक करके शून्य कर देयता तक पहुंच सकते हैं? आपको केवल अपने अंतिम टैक्स ड्राफ्ट में सभी कटौती को शामिल करने की आवश्यकता है. वर्तमान में, 2.5 लाख रुपये तक की आय के लिए कोई कर नहीं है, लेकिन अगर आप अपने टैक्स कैलकुलेशन में 2,500 रुपये की छूट शामिल करते हैं और सभी अनुमत कटौती का दावा करते हैं, तो आप 3.5 लाख रुपये तक की आय के लिए कर के भुगतान से बच सकते हैं. आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 87ए में छूट का प्रावधान है, जो एक निर्दिष्ट कर रियायत के अलावा और कुछ नहीं है.

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धारा 80सी का पूरा उपयोग करें
अधिकांश वेतनभोगी व्यक्ति 80 सी प्रावधान का पूर्ण उपयोग करने में विफल रहते हैं. उनमें से कुछ या तो इसके प्रावधान से अनजान हैं या यह नहीं जानते हैं कि इसका उपयोग कैसे किया जाए. वेतनभोगियों का आईटीआर के लिए देर से तैयारी भी एक कारण हो सकता है, तो शुरुआती तैयारी से कुछ भी खोने से आप बच सकते हैं. आप आई-टी अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं.

टैक्स छूट वाले निवेशों की सूची बनाएं
अपना आयकर तैयार करते समय, कर छूट वाले निवेशों की एक सूची बनाएं. सुनिश्चित करें कि आपके पास ये सभी तत्व हैं: हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए), प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ), पब्लिक प्रोविडेंट फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस), म्यूचुअल फंड जैसे ईएलएसएस, दो बच्चों के लिए ट्यूशन फीस, आपके लिए हेल्थ कवर इत्यादि. न्युक्लियर परिवार ध्यान दें कि आप अपने माता-पिता के लिए एक अलग स्वास्थ्य कवर खरीद सकते हैं.

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होम लोन के ब्याज की गणना करें
यदि आपने होम लोन लिया है और उसके मूलधन पर ब्याज चुका रहे हैं, तो आप उसके लिए कटौती का दावा कर सकते हैं. यदि आप ब्याज सहित ईएमआई का भुगतान कर रहे हैं तो आईटी नियम आपको 2 लाख रुपये तक की कटौती का दावा करने की अनुमति देता है. तो, अपने सकल वेतन से 2 लाख रुपये घटाएं और फिर टैक्स आउटगो की गणना करें.

मानक कटौती टैप करें
2018 के बजट में 40,000 रुपये की मानक कटौती पेश की गई थी. इसने परिवहन भत्ता और चिकित्सा प्रतिपूर्ति, दो प्रमुख वेतन घटकों को बदल दिया. उन्हें टैक्स में छूट मिली हुई थी. आप अपने सकल वेतन से 40,000 रुपये घटा सकते हैं और एक कर योग्य आय पर पहुंच सकते हैं. चिकित्सा प्रतिपूर्ति 1,250 रुपये प्रति माह और परिवहन भत्ता 1,600 रुपये प्रति माह था, इससे पहले दोनों को अलग कर दिया गया था.

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एनपीएस - अतिरिक्त लाभ
बहुत से करदाताओं को नहीं पता है कि एनपीएस उन्हें अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है. आप अपनी गाढ़ी कमाई एनपीएस में लगा सकते हैं और कटौती का दावा कर सकते हैं. आप एक साल में 50,000 रुपये की कटौती का दावा कर सकते हैं. आप धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक छूट का दावा कर सकते हैं. एक ईपीएस ग्राहक के रूप में, आप अपने आईटीआर में अपने टैक्स आउटगो को और कम कर सकते हैं.

रिबेट का मतलब 'नो आईटीआर' नहीं
यदि आपकी आय 3.5 लाख रुपये है, जो 2,500 रुपये की छूट श्रेणी में आती है, तो आपको कर नहीं देना होगा. इसका मतलब यह नहीं है कि आपको आईटीआर फाइल नहीं करना पड़ेगा. आयकर नियमों के अनुसार आपको अभी भी आईटीआर दाखिल करना है.
पढ़ें : जलमार्ग से व्यापार बढ़ाने को जल्द द्विपक्षीय समझौता करेंगे भारत और बांग्लादेश : कैलाश अग्रवाल

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2018-19 के वित्तीय वर्ष की समाप्ति में केवल कुछ ही दिन शेष हैं. कर बचत के कुछ आसान साधनों का पता लगाने के लिए पढ़िए ईटीवी भारत का यह लेख.



हैदराबाद : आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के लिए आपको अच्छी खासी मशक्कत, कड़े होम वर्क और पूर्व नियोजन की आवश्यकता होती है. 2018-19 वित्तीय वर्ष की समाप्ति में केवल 38 दिन बचे हैं और जैसे-जैसे वित्तीय वर्ष का अंत आता है, हम में से ज्यादातर टैक्स बचत के साधनों का पता लगाने की कोशिश करते हैं.

इसलिए इस बार पाठकों का लाभ देखते हुए ईटीवी भारत सबसे प्रचलित और अधिक मांग वाले टैक्स बचतों के कुछ विकल्प आपके सामने लाया है.

जानिए जीरो टैक्स देनदारी

क्या आप जानते हैं कि आप अपनी गणित ठीक करके शून्य कर देयता तक पहुंच सकते हैं? आपको केवल अपने अंतिम टैक्स ड्राफ्ट में सभी कटौती को शामिल करने की आवश्यकता है. वर्तमान में, 2.5 लाख रुपये तक की आय के लिए कोई कर नहीं है, लेकिन अगर आप अपने टैक्स कैलकुलेशन में 2,500 रुपये की छूट शामिल करते हैं और सभी अनुमत कटौती का दावा करते हैं, तो आप 3.5 लाख रुपये तक की आय के लिए कर के भुगतान से बच सकते हैं. आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 87ए में छूट का प्रावधान है, जो एक निर्दिष्ट कर रियायत के अलावा और कुछ नहीं है.

धारा 80सी का पूरा उपयोग करें

अधिकांश वेतनभोगी व्यक्ति 80 सी प्रावधान का पूर्ण उपयोग करने में विफल रहते हैं. उनमें से कुछ या तो इसके प्रावधान से अनजान हैं या यह नहीं जानते हैं कि इसका उपयोग कैसे किया जाए. वेतनभोगियों का आईटीआर के लिए देर से तैयारी भी एक कारण हो सकता है, तो शुरुआती तैयारी से कुछ भी खोने से आप बच सकते हैं. आप आई-टी अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं.

टैक्स छूट वाले निवेशों की सूची बनाएं

अपना आयकर तैयार करते समय, कर छूट वाले निवेशों की एक सूची बनाएं. सुनिश्चित करें कि आपके पास ये सभी तत्व हैं: हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए), प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ), पब्लिक प्रोविडेंट फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस), म्यूचुअल फंड जैसे ईएलएसएस, दो बच्चों के लिए ट्यूशन फीस, आपके लिए हेल्थ कवर इत्यादि. न्युक्लियर परिवार ध्यान दें कि आप अपने माता-पिता के लिए एक अलग स्वास्थ्य कवर खरीद सकते हैं.

होम लोन के ब्याज की गणना करें

यदि आपने होम लोन लिया है और उसके मूलधन पर ब्याज चुका रहे हैं, तो आप उसके लिए कटौती का दावा कर सकते हैं. यदि आप ब्याज सहित ईएमआई का भुगतान कर रहे हैं तो आईटी नियम आपको 2 लाख रुपये तक की कटौती का दावा करने की अनुमति देता है. तो, अपने सकल वेतन से 2 लाख रुपये घटाएं और फिर टैक्स आउटगो की गणना करें.

मानक कटौती टैप करें

2018 के बजट में 40,000 रुपये की मानक कटौती पेश की गई थी. इसने परिवहन भत्ता और चिकित्सा प्रतिपूर्ति, दो प्रमुख वेतन घटकों को बदल दिया. उन्हें टैक्स में छूट मिली हुई थी. आप अपने सकल वेतन से 40,000 रुपये घटा सकते हैं और एक कर योग्य आय पर पहुंच सकते हैं. चिकित्सा प्रतिपूर्ति 1,250 रुपये प्रति माह और परिवहन भत्ता 1,600 रुपये प्रति माह था, इससे पहले दोनों को अलग कर दिया गया था.

एनपीएस - अतिरिक्त लाभ

बहुत से करदाताओं को नहीं पता है कि एनपीएस उन्हें अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है. आप अपनी गाढ़ी कमाई एनपीएस में लगा सकते हैं और कटौती का दावा कर सकते हैं. आप एक साल में 50,000 रुपये की कटौती का दावा कर सकते हैं. आप धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक छूट का दावा कर सकते हैं. एक ईपीएस ग्राहक के रूप में, आप अपने आईटीआर में अपने टैक्स आउटगो को और कम कर सकते हैं.

रिबेट का मतलब 'नो आईटीआर' नहीं

यदि आपकी आय 3.5 लाख रुपये है, जो 2,500 रुपये की छूट श्रेणी में आती है, तो आपको कर नहीं देना होगा. इसका मतलब यह नहीं है कि आपको आईटीआर फाइल नहीं करना पड़ेगा. आयकर नियमों के अनुसार आपको अभी भी आईटीआर दाखिल करना है.


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