ETV Bharat / business

बजट से निराश सेंसेक्स ने लगाया 988 अंक का गोता, निवेशकों को 3.46 लाख करोड़ रुपये का नुकसान

विशेषज्ञों ने कहा कि निवेशकों को उम्मीद थी कि सरकार सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कदम उठाएगी. बजट को लेकर उनकी उम्मीदें काफी ऊंची थीं. बजट उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में कमजोर रुख के साथ खुला.

Budget 2020, Union Budget 2020, Budget 2020 India, Budget 2020 Latest News, Budget 2020 Latest Updates, Nirmala Sitharaman on Budget 2020, Budget 2020 Live,  Finance Budget 2020, Budget 2020 Highlights, Impact of Budget 2020 ,बजट 2020, यूनियन बजट  2020/केंद्रीय बजट 2020, बजट 2020 भारत, बजट 2020 ताज़ा समाचार, बजट 2020 ताज़ा अपडेट, निर्मला सीतारमण बजट 2020 पर, बजट 2020 लाइव, वित्त बजट 2020, बजट 2020 हाइलाइट्स ,बजट 2020 का प्रभाव
बजट से निराश सेंसेक्स ने लगाया 988 अंक का गोता, निवेशकों को 3.46 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
author img

By

Published : Feb 1, 2020, 7:49 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 7:42 PM IST

मुंबई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का दूसरा बजट बाजार उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा और निवेशक बड़े प्रोत्साहनों के अभाव व राजकोषीय स्थिति से निराश लगे. इससे बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स शनिवार को 988 अंक का गोता लगाकर 40,000 अंक से नीचे आ गया.

विशेषज्ञों ने कहा कि निवेशकों को उम्मीद थी कि सरकार सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कदम उठाएगी. बजट को लेकर उनकी उम्मीदें काफी ऊंची थीं. बजट उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में कमजोर रुख के साथ खुला.

वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण में चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.8 प्रतिशत करने की घोषणा के साथ बाजारों में जोरदार गिरावट आई. इससे पहले राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.3 प्रतिशत रखा गया था.

सीतारमण ने विभिन्न प्रकार की रियायतों को छोड़ने को तैयार करदाताओं के लिए घटी हुई दरों वाले वैकल्पिक आयकर स्लैब का प्रस्ताव किया गया है. उन्होंने लाभांश वितरण कर (डीडीटी) हटाने का भी प्रस्ताव किया है. अब इसका बोझ लाभांश पाने वालों पर पड़ेगा. कमजोर रुख के साथ खुलने के बाद सेंसेक्स में मामूली सुधार हुआ.

हालांकि, वित्त मंत्री के बजट भाषण के आगे बढ़ने के साथ सेंसेक्स में जोरदार गिरावट आई. अंत में यह 987.96 अंक या 2.43 प्रतिशत के नुकसान से 39,735.53 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 300.25 अंक या 2.51 प्रतिशत टूटकर 11,661.85 अंक पर आ गया.

2019 में बजट के दिन निफ्टी 11,811.15 अंक पर बंद हुआ था. सेंसेक्स में जोरदार गिरावट के बीच बंबई शेयर बाजार की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 3,46,256.76 करोड़ रुपये घटकर 1,53,04,724.97 करोड़ रुपये रह गया. जुलाई, 2019 में पिछला बजट पेश किए जाने के बाद से सेंसेक्स 222.14 अंक या 0.56 प्रतिशत चढ़ा है.

वहीं निफ्टी 149.30 अंक या 1.26 प्रतिशत नीचे आया है. विश्लेषकों ने कहा कि आयकर स्लैब में बदलाव से कर बचत के निवेश माध्यमों में प्रवाह घटने की आशंका है. इसके अलावा लाभांश वितरण कर का बोझ निवेशकों पर डालने का प्रस्ताव किया गया है जिससे धारणा नकारात्मक हुई.

ये भी पढ़ें: विशेष: सीतारमण ने कहा- बजट का पूरा प्रभाव देखने के लिए सोमवार तक प्रतीक्षा करें

आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के मुख्य अर्थशास्त्री और कार्यकारी निदेशक सुजन हाजरा ने कहा, "वृद्धि बढ़ाने के उपायों का अभाव शेयर बाजारों के लिए नकारात्मक रहा. नयी आयकर व्यवस्था भी कर बचत वाली इक्विटी बचत योजनाओं की दृष्टि से नकारात्मक है. इसके अलावा लाभांश वितरण कर का बोझ लाभांश पाने वालों पर डाला गया है. इसका भी बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ा. कुल मिलाकर बजट शेयर बाजारों की दृष्टि से नकारात्मक है."

सेंसेक्स की कंपनियों में आईटीसी में सबसे अधिक 6.97 प्रतिशत की गिरावट आई. बजट में सिगरेट पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है. एलएंडटी, एचडीएफसी, एसबीआई, ओएनजीसी, आईसीआईसीआई बैंक और इंडसइंड बैंक के शेयर भी 5.98 प्रतिशत तक टूट गए. वहीं दूरी ओर टीसीएस का शेयर 4.13 प्रतिशत चढ़ गया। हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले इंडिया, टेक महिंद्रा और इन्फोसिस के शेयर भी लाभ में रहे.

शेयर इंडिया सिक्योरिटीज के अध्यक्ष (पूंजी बाजार) अभिनव गुप्ता ने कहा, "हम बजट से अत्यंत निराश हैं. उद्योग या उपभोक्ताओं के लिए कोई उल्लेखनीय घोषणा नहीं हुई. सिर्फ राजनीतिक उद्देश्य से आयकर स्लैब में नाममात्र का बदलाव किया गया है, जिससे निकट भविष्य में वृद्धि की संभावनाओं में कोई उल्लेखनीय बदलाव नहीं आने वाला."

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रबंध निदेशक कृष्ण कुमार कारवा ने कहा कि दीर्घावधि के पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर पर कोई राहत नहीं मिलने और क्षेत्र के लिए किसी बड़े प्रोत्साहन के अभाव में निवेशक निराश हैं.

मुंबई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का दूसरा बजट बाजार उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा और निवेशक बड़े प्रोत्साहनों के अभाव व राजकोषीय स्थिति से निराश लगे. इससे बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स शनिवार को 988 अंक का गोता लगाकर 40,000 अंक से नीचे आ गया.

विशेषज्ञों ने कहा कि निवेशकों को उम्मीद थी कि सरकार सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कदम उठाएगी. बजट को लेकर उनकी उम्मीदें काफी ऊंची थीं. बजट उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में कमजोर रुख के साथ खुला.

वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण में चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.8 प्रतिशत करने की घोषणा के साथ बाजारों में जोरदार गिरावट आई. इससे पहले राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.3 प्रतिशत रखा गया था.

सीतारमण ने विभिन्न प्रकार की रियायतों को छोड़ने को तैयार करदाताओं के लिए घटी हुई दरों वाले वैकल्पिक आयकर स्लैब का प्रस्ताव किया गया है. उन्होंने लाभांश वितरण कर (डीडीटी) हटाने का भी प्रस्ताव किया है. अब इसका बोझ लाभांश पाने वालों पर पड़ेगा. कमजोर रुख के साथ खुलने के बाद सेंसेक्स में मामूली सुधार हुआ.

हालांकि, वित्त मंत्री के बजट भाषण के आगे बढ़ने के साथ सेंसेक्स में जोरदार गिरावट आई. अंत में यह 987.96 अंक या 2.43 प्रतिशत के नुकसान से 39,735.53 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 300.25 अंक या 2.51 प्रतिशत टूटकर 11,661.85 अंक पर आ गया.

2019 में बजट के दिन निफ्टी 11,811.15 अंक पर बंद हुआ था. सेंसेक्स में जोरदार गिरावट के बीच बंबई शेयर बाजार की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 3,46,256.76 करोड़ रुपये घटकर 1,53,04,724.97 करोड़ रुपये रह गया. जुलाई, 2019 में पिछला बजट पेश किए जाने के बाद से सेंसेक्स 222.14 अंक या 0.56 प्रतिशत चढ़ा है.

वहीं निफ्टी 149.30 अंक या 1.26 प्रतिशत नीचे आया है. विश्लेषकों ने कहा कि आयकर स्लैब में बदलाव से कर बचत के निवेश माध्यमों में प्रवाह घटने की आशंका है. इसके अलावा लाभांश वितरण कर का बोझ निवेशकों पर डालने का प्रस्ताव किया गया है जिससे धारणा नकारात्मक हुई.

ये भी पढ़ें: विशेष: सीतारमण ने कहा- बजट का पूरा प्रभाव देखने के लिए सोमवार तक प्रतीक्षा करें

आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के मुख्य अर्थशास्त्री और कार्यकारी निदेशक सुजन हाजरा ने कहा, "वृद्धि बढ़ाने के उपायों का अभाव शेयर बाजारों के लिए नकारात्मक रहा. नयी आयकर व्यवस्था भी कर बचत वाली इक्विटी बचत योजनाओं की दृष्टि से नकारात्मक है. इसके अलावा लाभांश वितरण कर का बोझ लाभांश पाने वालों पर डाला गया है. इसका भी बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ा. कुल मिलाकर बजट शेयर बाजारों की दृष्टि से नकारात्मक है."

सेंसेक्स की कंपनियों में आईटीसी में सबसे अधिक 6.97 प्रतिशत की गिरावट आई. बजट में सिगरेट पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है. एलएंडटी, एचडीएफसी, एसबीआई, ओएनजीसी, आईसीआईसीआई बैंक और इंडसइंड बैंक के शेयर भी 5.98 प्रतिशत तक टूट गए. वहीं दूरी ओर टीसीएस का शेयर 4.13 प्रतिशत चढ़ गया। हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले इंडिया, टेक महिंद्रा और इन्फोसिस के शेयर भी लाभ में रहे.

शेयर इंडिया सिक्योरिटीज के अध्यक्ष (पूंजी बाजार) अभिनव गुप्ता ने कहा, "हम बजट से अत्यंत निराश हैं. उद्योग या उपभोक्ताओं के लिए कोई उल्लेखनीय घोषणा नहीं हुई. सिर्फ राजनीतिक उद्देश्य से आयकर स्लैब में नाममात्र का बदलाव किया गया है, जिससे निकट भविष्य में वृद्धि की संभावनाओं में कोई उल्लेखनीय बदलाव नहीं आने वाला."

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रबंध निदेशक कृष्ण कुमार कारवा ने कहा कि दीर्घावधि के पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर पर कोई राहत नहीं मिलने और क्षेत्र के लिए किसी बड़े प्रोत्साहन के अभाव में निवेशक निराश हैं.

Intro:Body:

भोपाल: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश किया. टैक्स छूट को लेकर सरकार ने जो फैसला लिया है आइए जानते हैं कि उस पर फाइनेंस प्लानर अभय माहेश्वरी ने बताया कि सरकार की नई टैक्स छूट का अगर फायदा लेना होतो जो रिबेट सरकार की तरफ से मिलती थी वह नहीं मिलेगी और पुराने टैक्स नियम के तहत अगर फायदा लेना होतो तो पुराने स्लैब के हिसाब से ही टैक्स देना होगा. इसमें किसी तरह की टैक्स छूट नहीं मिलेगी.


Conclusion:
Last Updated : Feb 28, 2020, 7:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.