नई दिल्ली: देश का स्वर्ण आयात 2018-19 के दौरान करीब तीन प्रतिशत गिरकर 32.8 अरब डॉलर रह गया है. इससे चालू खाते के घाटे में थोड़ी कमी हो सकती है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2017-18 में सोने का आयात 33.7 अरब डॉलर पर था.
व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक बाजार में सोने नरमी सोने के आयात के मूल्य में गिरावट का कारण हो सकती है. फरवरी में गिरावट के बाद, मार्च में स्वर्ण आयात 31.22 प्रतिशत बढ़कर 3.27 अरब डॉलर रहा.
ये भी पढ़ें- इंडिगो को मिलेगा जेट एयरवेज की बर्बादी का सबसे ज्यादा फायदा
भारत दुनिया के सबसे बड़े सोना आयातक देशों में से एक है. वह अधिकांश आयात आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए करता है. मार्च महीने के दौरान आयात में हुई वृद्धि से रत्न एवं आभूषण निर्यातकों को अपने निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिली.
मार्च में निर्यात मामूली 0.37 प्रतिशत गिरकर 3.42 अरब डॉलर पर रहा. 2018-19 की तीसरी तिमाही में देश का चालू खाते का घाटा (कैड) बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.5 प्रतिशत हो गया.
एक साल पहले की इसी तिमाही में यह जीडीपी के 2.1 प्रतिशत पर था. व्यापार घाटा अधिक होने के चलते चालू खाते का घाटा बढ़ा. सरकार ने सोने के आयात पर प्रतिबंध लाने के लिए कई कदम उठाए थे. सोने के आयात पर 10 प्रतिशत का शुल्क लगता है.
देश का स्वर्ण आयात 2018-19 में 3% गिरकर 32.8 अरब डॉलर
व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक बाजार में सोने नरमी सोने के आयात के मूल्य में गिरावट का कारण हो सकती है. फरवरी में गिरावट के बाद, मार्च में स्वर्ण आयात 31.22 प्रतिशत बढ़कर 3.27 अरब डॉलर रहा.
नई दिल्ली: देश का स्वर्ण आयात 2018-19 के दौरान करीब तीन प्रतिशत गिरकर 32.8 अरब डॉलर रह गया है. इससे चालू खाते के घाटे में थोड़ी कमी हो सकती है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2017-18 में सोने का आयात 33.7 अरब डॉलर पर था.
व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक बाजार में सोने नरमी सोने के आयात के मूल्य में गिरावट का कारण हो सकती है. फरवरी में गिरावट के बाद, मार्च में स्वर्ण आयात 31.22 प्रतिशत बढ़कर 3.27 अरब डॉलर रहा.
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भारत दुनिया के सबसे बड़े सोना आयातक देशों में से एक है. वह अधिकांश आयात आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए करता है. मार्च महीने के दौरान आयात में हुई वृद्धि से रत्न एवं आभूषण निर्यातकों को अपने निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिली.
मार्च में निर्यात मामूली 0.37 प्रतिशत गिरकर 3.42 अरब डॉलर पर रहा. 2018-19 की तीसरी तिमाही में देश का चालू खाते का घाटा (कैड) बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.5 प्रतिशत हो गया.
एक साल पहले की इसी तिमाही में यह जीडीपी के 2.1 प्रतिशत पर था. व्यापार घाटा अधिक होने के चलते चालू खाते का घाटा बढ़ा. सरकार ने सोने के आयात पर प्रतिबंध लाने के लिए कई कदम उठाए थे. सोने के आयात पर 10 प्रतिशत का शुल्क लगता है.
देश का स्वर्ण आयात 2018-19 में 3% गिरकर 32.8 अरब डॉलर
नई दिल्ली: देश का स्वर्ण आयात 2018-19 के दौरान करीब तीन प्रतिशत गिरकर 32.8 अरब डॉलर रह गया है. इससे चालू खाते के घाटे में थोड़ी कमी हो सकती है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2017-18 में सोने का आयात 33.7 अरब डॉलर पर था.
व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक बाजार में सोने नरमी सोने के आयात के मूल्य में गिरावट का कारण हो सकती है. फरवरी में गिरावट के बाद, मार्च में स्वर्ण आयात 31.22 प्रतिशत बढ़कर 3.27 अरब डॉलर रहा.
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भारत दुनिया के सबसे बड़े सोना आयातक देशों में से एक है. वह अधिकांश आयात आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए करता है. मार्च महीने के दौरान आयात में हुई वृद्धि से रत्न एवं आभूषण निर्यातकों को अपने निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिली.
मार्च में निर्यात मामूली 0.37 प्रतिशत गिरकर 3.42 अरब डॉलर पर रहा. 2018-19 की तीसरी तिमाही में देश का चालू खाते का घाटा (कैड) बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.5 प्रतिशत हो गया.
एक साल पहले की इसी तिमाही में यह जीडीपी के 2.1 प्रतिशत पर था. व्यापार घाटा अधिक होने के चलते चालू खाते का घाटा बढ़ा. सरकार ने सोने के आयात पर प्रतिबंध लाने के लिए कई कदम उठाए थे. सोने के आयात पर 10 प्रतिशत का शुल्क लगता है.
Conclusion: