नई दिल्ली: गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेट फंड) में अगस्त में 145 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ है. यह नौ माह में पहली बार है जब गोल्ड ईटीएफ में निवेश देखा गया है.
रुपये के कमजोर पड़ने और सोने की कीमतों में तेजी के बीच गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ा है. निवेशक इसे निवेश का सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं. दिसंबर, 2012 के बाद यह गोल्ड ईटीएफ में यह सबसे ऊंचा निवेश है. उस साल ईटीएफ में 474 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था.
गोल्ड ईटीएफ में मासिक के साथ-साथ सालाना आधार पर भी वृद्धि देखी गयी है. जुलाई में गोल्ड ईटीएफ से 17.66 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी. जबकि अगस्त, 2018 में 45 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी.
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एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने गोल्ड ईटीएफ में 145.29 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ. पिछले साल नवंबर के बाद गोल्ड ईटीएफ में निवेश हुआ है.
नवंबर, 2018 में गोल्ड ईटीएफ में 0 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था. इससे पहले गोल्ड ईटीएफ में अक्टूबर, 2016 में 20 करोड़ रुपये और मई, 2013 में पांच करोड़ रुपये का निवेश हुआ था.
नवीनतम निवेश से अगस्त के अंत तक गोल्ड ईटीएफ के प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां 5,799 करोड़ रुपये हो गयीं. जुलाई के अंत तक यह 5,080 करोड़ रुपये थीं.
मॉर्निंगस्टार इंडिया के शोध प्रबंधक-निदेशक कौस्तुभ बेलापुरकर ने कहा, "कई महीनों में पहली बार है जब गोल्ड ईटीएफ में लिवाली देखी गयी है. इसकी वजह सोने की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी और रुपये का कमजोर पड़ना है. इसके चलते निवेशकों के बीच निवेश के सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने का आकर्षण बढ़ा है."
विशेषज्ञों का कहना है कि देश में सोने की कीमतों में तेजी की वजह से निवेशक गोल्ड ईटीएफ में और निवेश कर सकते हैं. गस्त के अंत में सोने की कीमत 40,000 रुपये प्रति दस ग्राम के उच्च स्तर तक पहुंच गई.