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विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मई में अब तक निकाले 3,207 करोड़ रुपये

इससे पहले, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने फरवरी, मार्च और अप्रैल में शुद्ध रूप से 11,182 करोड़ रुपये, 45,981 करोड़ रुपये तथा 16,093 करोड़ रुपये के निवेश किये थे.

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मई में अब तक निकाले 3,207 करोड़ रुपये
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Published : May 12, 2019, 12:48 PM IST

नई दिल्ली: तीन महीने से जारी शुद्ध लिवाल पर विराम लगाते हुए विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजारों से मई में पिछले सात कारोबारी सत्रों में शुद्ध रूप से 3,207 करोड़ रुपये की निकासी की. अमेरिका तथा चीन के बीच व्यापार तनाव तथा चुनाव परिणाम को लेकर अनिश्चितता के बीच विदेशी निवेशकों ने यह निकासी की.

इससे पहले, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने फरवरी, मार्च और अप्रैल में शुद्ध रूप से 11,182 करोड़ रुपये, 45,981 करोड़ रुपये तथा 16,093 करोड़ रुपये के निवेश किये थे.

ये भी पढ़ें: ई-नीलामी के जरिये कोल इंडिया का कोयला आवंटन 38 प्रतिशत घटा

ताजा डिपोजिटरी आंकड़े के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने दो से दस मर्द के दौरान शेयरों में 1,344.72 करोड़ रुपये निवेश किये, जबकि दूसरी तरफ बांड बाजार से शुद्ध रूप से 4,552.20 करोड़ रुपये की निकासी की. इस प्रकार शुद्ध रूप से 3,207.48 करोड़ रुपये की पूंजी निकाली गयी. महाराष्ट्र दिवस के मौके पर बाजार एक मई को बंद था.

बजाज कैपिटल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा प्रमुख (निवेश विश्लेषक) आलोक अग्रवाल ने कहा, "देश के लिये दीर्घकालीन वृद्धि की संभावना बनी हुई है, लेकिन मई में अल्पकालीन चुनौतियां देखने को मिली."

ग्रो डाट इन के मुख्य परिचालन अधिकारी हर्ष जैन ने कहा कि विभिन्न विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों के मौद्रिक नीति रुख में बदलाव के बाद विदेशी निवेशक पिछले तीन महीने से भारतीय बाजार में शुद्ध रूप से लिवाल रहे.

हालांकि हाल में अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव बढ़ने तथा चुनाव के नतीजे को लेकर अनिश्चिता तथा अन्य कारणों से निवेशकों ने इस महीने बाजार से पैसे निकाले.

नई दिल्ली: तीन महीने से जारी शुद्ध लिवाल पर विराम लगाते हुए विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजारों से मई में पिछले सात कारोबारी सत्रों में शुद्ध रूप से 3,207 करोड़ रुपये की निकासी की. अमेरिका तथा चीन के बीच व्यापार तनाव तथा चुनाव परिणाम को लेकर अनिश्चितता के बीच विदेशी निवेशकों ने यह निकासी की.

इससे पहले, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने फरवरी, मार्च और अप्रैल में शुद्ध रूप से 11,182 करोड़ रुपये, 45,981 करोड़ रुपये तथा 16,093 करोड़ रुपये के निवेश किये थे.

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ताजा डिपोजिटरी आंकड़े के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने दो से दस मर्द के दौरान शेयरों में 1,344.72 करोड़ रुपये निवेश किये, जबकि दूसरी तरफ बांड बाजार से शुद्ध रूप से 4,552.20 करोड़ रुपये की निकासी की. इस प्रकार शुद्ध रूप से 3,207.48 करोड़ रुपये की पूंजी निकाली गयी. महाराष्ट्र दिवस के मौके पर बाजार एक मई को बंद था.

बजाज कैपिटल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा प्रमुख (निवेश विश्लेषक) आलोक अग्रवाल ने कहा, "देश के लिये दीर्घकालीन वृद्धि की संभावना बनी हुई है, लेकिन मई में अल्पकालीन चुनौतियां देखने को मिली."

ग्रो डाट इन के मुख्य परिचालन अधिकारी हर्ष जैन ने कहा कि विभिन्न विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों के मौद्रिक नीति रुख में बदलाव के बाद विदेशी निवेशक पिछले तीन महीने से भारतीय बाजार में शुद्ध रूप से लिवाल रहे.

हालांकि हाल में अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव बढ़ने तथा चुनाव के नतीजे को लेकर अनिश्चिता तथा अन्य कारणों से निवेशकों ने इस महीने बाजार से पैसे निकाले.

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नई दिल्ली: तीन महीने से जारी शुद्ध लिवाल पर विराम लगाते हुए विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजारों से मई में पिछले सात कारोबारी सत्रों में शुद्ध रूप से 3,207 करोड़ रुपये की निकासी की. अमेरिका तथा चीन के बीच व्यापार तनाव तथा चुनाव परिणाम को लेकर अनिश्चितता के बीच विदेशी निवेशकों ने यह निकासी की.

इससे पहले, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने फरवरी, मार्च और अप्रैल में शुद्ध रूप से 11,182 करोड़ रुपये, 45,981 करोड़ रुपये तथा 16,093 करोड़ रुपये के निवेश किये थे.

ताजा डिपोजिटरी आंकड़े के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने दो से दस मर्द के दौरान शेयरों में 1,344.72 करोड़ रुपये निवेश किये, जबकि दूसरी तरफ बांड बाजार से शुद्ध रूप से 4,552.20 करोड़ रुपये की निकासी की. इस प्रकार शुद्ध रूप से 3,207.48 करोड़ रुपये की पूंजी निकाली गयी. महाराष्ट्र दिवस के मौके पर बाजार एक मई को बंद था.

बजाज कैपिटल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा प्रमुख (निवेश विश्लेषक) आलोक अग्रवाल ने कहा, "देश के लिये दीर्घकालीन वृद्धि की संभावना बनी हुई है, लेकिन मई में अल्पकालीन चुनौतियां देखने को मिली."

ग्रो डाट इन के मुख्य परिचालन अधिकारी हर्ष जैन ने कहा कि विभिन्न विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों के मौद्रिक नीति रुख में बदलाव के बाद विदेशी निवेशक पिछले तीन महीने से भारतीय बाजार में शुद्ध रूप से लिवाल रहे.

हालांकि हाल में अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव बढ़ने तथा चुनाव के नतीजे को लेकर अनिश्चिता तथा अन्य कारणों से निवेशकों ने इस महीने बाजार से पैसे निकाले.

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