नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) वित्त वर्ष 2019-20 के लिए करीब छह करोड़ अंशधारकों के कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खातों में दिसंबर के अंत तक एकमुश्त 8.5 प्रतिशत का ब्याज डालेगा.
इससे पहले सितंबर में श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अगुवाई में हुई न्यासियों की बैठक में ईपीएफओ ने ब्याज को 8.15 प्रतिशत और 0.35 प्रतिशत की दो किस्तों में डालने का फैसला किया था.
एक उच्चपदस्थ सूत्र ने कहा कि श्रम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को 2019-20 के लिए ईपीएफ में एक बार में 8.5 प्रतिशत का ब्याज डालने का प्रस्ताव भेजा है. यह प्रस्ताव इसी महीने भेजा गया है.
सूत्र ने कहा कि इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय की मंजूरी कुछ दिन में मिलने की उम्मीद है. ऐसे में अंशधारकों के खातों में ब्याज इसी महीने डाला जाएगा.
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सूत्र ने बताया कि इससे पहले वित्त मंत्रलय ने बीते वित्त वर्ष के लिए ब्याज पर कुछ स्पष्टीकरण मांगा था. वित्त मंत्रालय को यह स्पष्टीकरण दे दिया गया है.
श्रम मंत्री गंगवार की अगुवाई वाले ईपीएफओ के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की मार्च में हुई बैठक में 2019-20 के लिए ईपीएफ पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दी गई थी.
सीबीटी की मार्च में हुई बैठक में 8.5 प्रतिशत के ब्याज देने की प्रतिबद्धता को पूरा करने का फैसला किया गया था. लेकिन इसके साथ ही सीबीटी ने तय किया था कि 8.5 प्रतिशत के ब्याज को दो किस्तों...8.15 प्रतिशत और 0.35 प्रतिशत में अंशधारकों के खातों में डाला जाएगा.