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कोरोना वायरस: अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी को कच्चे तेल की मांग में रिकॉर्ड गिरावट की आशंका - कोरोना वायरस

एजेंसी ने अपनी हालिया मासिक रिपोर्ट में कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोकथाम के लिये दुनिया भर में सरकारें लॉकडाउन (बंद) कर रही हैं. इसके कारण इस साल कच्चे तेल की वैश्विक मांग में रिकॉर्ड गिरावट आ सकती है.

कोरोना वायरस: अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी को कच्चे तेल की मांग में रिकॉर्ड गिरावट की आशंका
कोरोना वायरस: अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी को कच्चे तेल की मांग में रिकॉर्ड गिरावट की आशंका
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Published : Apr 15, 2020, 3:31 PM IST

लंदन: कच्चे तेलके उत्पादन में कटौती के लिए प्रमुख तेल उत्पादक देशों के बीच सहमति बन जाने के बाद भी इसके भावों में में गिरावट जारी है और बुधवार को भाव 18 साल के निचले स्तर पर आ गये.

अमेरिका का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडियेट तेल बुधवार को गिरकर 19.20 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. यह 2002 के बाद से इसका निचला स्तर है. ब्रेंट क्रूड भी गिरकर 28.38 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.

ये भी पढ़ें-सरकार को 3 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने की मांग का सामना करना पड़ सकता है: पूर्व वित्त सचिव

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह ओपेक समेत अन्य प्रमुख उत्पादक देश गिरती कीमतों को संभालने के लिये उत्पादन में कटौती करने पर सहमत हुए हैं. हालांकि जितनी कटौती पर सहमति बनी है, उसे पर्याप्त नहीं माना जा रहा है.

कोरोना वायरस महामारी के कारण कच्चा तेल की वैश्विक मांग में आयी भारी गिरावट का भी दबाव कायम है.

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी को कच्चे तेल की मांग में रिकॉर्ड गिरावट की आशंका

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी को कोरोना वायरस के कारण इस साल कच्चे तेल की वैश्विक मांग में रिकॉर्ड गिरावट आने की आशंका है. एजेंसी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी.

एजेंसी ने अपनी हालिया मासिक रिपोर्ट में कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोकथाम के लिये दुनिया भर में सरकारें लॉकडाउन (बंद) कर रही हैं. इसके कारण इस साल कच्चे तेल की वैश्विक मांग में रिकॉर्ड गिरावट आ सकती है.

एजेंसी ने कहा कि अप्रैल में कच्चे तेल की वैश्विक दैनिक मांग में 2.9 करोड़ बैरल की गिरावट देखने को मिल सकती है. यह 1995 के बाद का निचला स्तर होगा. पूरे साल के दौरान दैनिक मांग में 93 लाख बैरल की गिरावट रह सकती है.

हालांकि एजेंसी ने कहा कि कच्चे तेल की आपूर्ति पर लगाम लगाने के उपायों तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयासों से इस साल की दूसरी छमाही में तेल बाजार में क्रमिक सुधार होने लगेगा.

(पीटीआई-भाषा)

लंदन: कच्चे तेलके उत्पादन में कटौती के लिए प्रमुख तेल उत्पादक देशों के बीच सहमति बन जाने के बाद भी इसके भावों में में गिरावट जारी है और बुधवार को भाव 18 साल के निचले स्तर पर आ गये.

अमेरिका का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडियेट तेल बुधवार को गिरकर 19.20 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. यह 2002 के बाद से इसका निचला स्तर है. ब्रेंट क्रूड भी गिरकर 28.38 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.

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उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह ओपेक समेत अन्य प्रमुख उत्पादक देश गिरती कीमतों को संभालने के लिये उत्पादन में कटौती करने पर सहमत हुए हैं. हालांकि जितनी कटौती पर सहमति बनी है, उसे पर्याप्त नहीं माना जा रहा है.

कोरोना वायरस महामारी के कारण कच्चा तेल की वैश्विक मांग में आयी भारी गिरावट का भी दबाव कायम है.

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी को कच्चे तेल की मांग में रिकॉर्ड गिरावट की आशंका

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी को कोरोना वायरस के कारण इस साल कच्चे तेल की वैश्विक मांग में रिकॉर्ड गिरावट आने की आशंका है. एजेंसी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी.

एजेंसी ने अपनी हालिया मासिक रिपोर्ट में कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोकथाम के लिये दुनिया भर में सरकारें लॉकडाउन (बंद) कर रही हैं. इसके कारण इस साल कच्चे तेल की वैश्विक मांग में रिकॉर्ड गिरावट आ सकती है.

एजेंसी ने कहा कि अप्रैल में कच्चे तेल की वैश्विक दैनिक मांग में 2.9 करोड़ बैरल की गिरावट देखने को मिल सकती है. यह 1995 के बाद का निचला स्तर होगा. पूरे साल के दौरान दैनिक मांग में 93 लाख बैरल की गिरावट रह सकती है.

हालांकि एजेंसी ने कहा कि कच्चे तेल की आपूर्ति पर लगाम लगाने के उपायों तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयासों से इस साल की दूसरी छमाही में तेल बाजार में क्रमिक सुधार होने लगेगा.

(पीटीआई-भाषा)

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