मुंबई: पहले कभी सोना नहीं खरीदने वाले 29 प्रतिशत खुदरा निवेशक अब बहुमूल्य धातु में निवेश करने को तैयार हैं. विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) का कहना है कि सरकार की अगुवाई वाले कई वित्तीय समावेशन कार्यक्रमों, फिनटेक के विस्तार और जानकारी बढ़ने की वजह से अब पूर्व में भी सोने नहीं खरीदने वाले खुदरा निवेशक भी अब इसके लिए तैयार हैं.
डब्ल्यूजीसी की भारत के खुदरा निवेशकों पर रिपोर्ट के अनुसार 52 प्रतिशत निवेशकों के पास पहले से किसी न किसी रूप में बहुमूल्य धातु है. 48 प्रतिशत ऐसे निवेशक हैं जिन्होंने पिछले 12 माह में सोने में निवेश किया है.
भारतीय निवेशकों के पांच शीर्ष निवेश में सोने के आभूषण और सोने के सिक्के भी आते हैं. यह स्थिति पिछले कई साल से कायम है. भारत का सोने का बाजार दुनिया के सबसे बड़े और स्थापित बाजारों में हैं. परंपरागत रूप से भारतीयों का सोने से हमेशा से 'लगाव' रहा है.
विश्व स्वर्ण परिषद के प्रबंध निदेशक, भारत सोमसुंदरम पीआर ने कहा, "सरकार द्वारा चलाए जा रहे वित्तीय समावेशन के कार्यक्रमों, फिनटेक के विस्तार और निवेशकों का ज्ञान बढ़ने से अब खुदरा निवेशक भी सोने में निवेश करने को तैयार हैं."
उन्होंने कहा कि इससे निश्चित रूप से स्वर्ण उद्योग प्रभावित होगा. अब कंपनियां भी प्रौद्योगिकी के जरिये खुदरा निवेशकों तक सोने की पहुंच बढ़ा रही हैं. उन्होंने कहा कि इस सर्वे का एक प्रमुख निष्कर्ष ग्रामीण और शहरी का अंतर है.
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सर्वे के अनुसार 76 प्रतिशत शहरी निवेशक पूर्व में सोने में निवेश कर चुके हैं, जबकि 21 प्रतिशत भविष्य में निवेश करने के लिए तैयार हैं. वहीं 37 प्रतिशत ग्रामीण निवेशक भविष्य में सोना खरीदने पर विचार कर सकते हैं. हालांकि, अभी तक उन्होंने सोने में निवेश नहीं किया है.
(पीटीआई-भाषा)