नई दिल्ली: विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने व्यापार तनाव और नरम पड़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था को देखते हुए 2019 के लिये वैश्विक व्यापार वृद्धि के पिछले अप्रैल के अनुमान से घटाकर 1.2 प्रतिशत कर दिया है. पिछला अनुमान 2.6 प्रतिशत का था. निर्यात बढ़ाने की कोशिश में लगा भारत के लिये वृद्धि का यह अनुमान चिंता बढ़ाने वाला है.
डब्ल्यूटीओ ने एक बयान में कहा, "व्यापार तनाव और धीमी पड़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था को देखते हुए डब्ल्यूटीओ के अर्थशास्त्रियों ने 2019 और 2020 के लिये व्यापार वृद्धि के अनुमान को कम किया है."
बयान के अनुसार वैश्विक स्तर पर वस्तुओं के व्यापार में केवल 1.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है. यह अप्रैल में जताये गये 2.6 प्रतिशत वृद्धि अनुमान से कहीं कम है. वहीं 2020 में वैश्विक व्यापार में 2.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है जबकि पूर्व में इसके 3 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी.
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डब्ल्यूटीओ ने कहा कि व्यापार में कमी को लेकर जोखिम और व्यापार नीति के दबदबे को देखते हुए यह अनुमान जताया गया है. पुन: दोबारा से शुल्क बढ़ाने तथा उसके जवाब में कदम उठाने से चीजें और बिगड़ सकती हैं.
विश्व व्यापार संगठन के महानिदेशक रोबर्तो एजेवेदो ने कहा कि व्यापार को लेकर निराशाजनक परिदृश्य हतोत्साह करने वाला है लेकिन यह कोई अप्रत्याशित नहीं है.
उन्होंने कहा, "इन सबके कारण रोजगार सृजन भी प्रभावित हो सकता है क्योंकि कंपनियां निर्यात के लिये वस्तुओं और सेवाएं उत्पादित करने के लिये कम कर्मचारियों की सेवाएं लेंगी."
एजेवेदो ने कहा कि व्यापार को लेकर मतभेदों को दूर कर डब्ल्यूटीओ सदस्य इस प्रकार की समस्या से बच सकते हैं. भारत का निर्यात अगस्त महीने में 6.05 प्रतिशत घटकर 26.13 अरब डॉलर रहा. मुख्य रूप से पेट्रोलियम, इंजीनियरिंग, चमड़ा और रत्न एवं आभूषण जैसे क्षेत्रों से निर्यात में कमी के कारण कुल निर्यात पर असर पड़ा.
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार अगस्त महीने में आयात भी 13.45 प्रतिशत घटकर 39.58 अरब डॉलर रहा. इससे व्यापार घाटा कम होकर 13.45 अरब डॉलर रहा.