नई दिल्ली: खाद्य जिन्सों और सब्जियों के भाव नरम होने से महीने में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति नरम होकर 2.26 प्रतिशत पर आ गयी. इस साल जनवरी में थोक मुद्रास्फीति 3.1 प्रतिशत थी.
साल भर पहले यानी फरवरी 2019 में यह 2.93 प्रतिशत पर थी. सोमवार को जारी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2020 में खाद्य सामग्रियों की थोक मुद्रास्फीति जनवरी 2020 के 11.51 प्रतिशत से कम होकर 7.79 प्रतिशत पर आ गयी.
ये भी पढ़ें- जब वित्तमंत्री ने एसबीआई को बताया 'बेरहम बैंक'
इसी तरह आलू और प्याज की थोक मुद्रास्फीति भी जनवरी 2020 के 293.37 प्रतिशत और 87.84 प्रतिशत से कम होकर फरवरी 2020 में क्रमश: 162.30 प्रतिशत और 60.73 प्रतिशत पर आ गयी. पूर्व कारणों से चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति की दर अभी तक 1.92 प्रतिशत है, जो साल भर पहले 2.75 प्रतिशत थी.
इक्रा की अर्थशास्त्री अदिति नैयर ने कहा, "फरवरी 2020 में थोक मुद्रास्फीति में ठीक-ठाक गिरावट देखने को मिली है, और यह हमारे अनुमान के अनुकूल है. यह गिरावट मुख्यत: खाद्य सामग्रियों के दाम कम होने तथा कच्चा तेल व खनिजों के दाम में भी कुछ नरमी आने के कारण है. कच्चा तेल और खनिजों के दाम में आयी गिरावट का असर आने वाले महीने में अधिक होने वाला है."
(पीटीआई-भाषा)