नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत की स्थिति और सुधारने के लिए रूपरेखा तैयार की है. एक अधिकारी ने बताया कि इसे लिए उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) छह मानकों पर विशेष ध्यान दे रहा है. इसमें अनुबंध के प्रवर्तन और कारोबार को शुरू करने जैसे मानक शामिल हैं.
डीपीआईआईटी का ध्यान कोलकाता और बेंगलुरू में सुधार गतिविधियों पर है, क्योंकि विश्वबैंक ने इस साल से दिल्ली और मुंबई के अलावा इन दोनों शहरों के आधार पर कारोबार सुगमता रिपोर्ट तैयार करने का फैसला किया है.
ये भी पढ़ें- भारत के आर्थिक सुधार में रोड़ा बनता अमेरिका-ईरान तनाव
अधिकारी ने कहा कि कोलकाता और बेंगलुरू को इसमें शामिल करने से भारत में कारोबारी माहौल की एक सार्वभौमिक तस्वीर उपलब्ध हो सकेगी. इसके अलावा विश्वबैंक ने कारोबार सुगमता रैंकिंग के लिए मानकों की संख्या एक बढ़ाकर 11 कर दी है. सरकारी अनुबंध के नए मानक को शामिल किया गया है.
सरकार इस साल मई-जून में विश्वबैंक से सुधार गतिविधियों का ब्योरा साझा करेगी. डीपीआईआईटी जिन छह मानकों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, उनमें अनुबंध का प्रवर्तन (इसमें भारत 163वें स्थान पर है), दिवाला निपटान (52वें), कारोबार शुरू करना (136वां), संपत्ति का पंजीकरण (154), कर का भुगतान (115) और सीमापार व्यापार (68) शामिल है.
विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग 2020 में भारत 190 देशों की सूची में 14 स्थानों की छलांग के साथ 63वें स्थान पर पहुंच गया था. दिवाला निपटान और निर्माण परमिट के मोर्चे पर उल्लेखनीय सुधार से भारत की रैंकिंग सुधरी थी.
अधिकारी ने कहा कि अनुबंध के प्रवर्तन के मोर्चे पर सरकार मामलों के निपटान में लगने वाले समय को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. इसी तरह संपत्ति पंजीकरण के मामले में चारों शहरों द्वारा जमीन के टाइटल कानून पर ध्यान दिया जा रहा है.
कारोबार शुरू करने के मानक के तहत कंपनी के पंजीकरण के साथ ईएसआईसी, ईपीएफओ, जीएसटी, पेशेवर कर के एकीकृत पंजीकरण पर ध्यान दिया जा रहा है. यह पूरी प्रक्रिया इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार का लक्ष्य कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत को शीर्ष 50 देशों में शामिल करने का है. विश्वबैंक इस साल की रैंकिंग अक्टूबर में जारी करेगा.
कारोबार सुगमता रैंकिंग: भारत की स्थिति सुधारने को छह मानकों पर काम कर रहा है डीपीआईआईटी
डीपीआईआईटी का ध्यान कोलकाता और बेंगलुरू में सुधार गतिविधियों पर है, क्योंकि विश्वबैंक ने इस साल से दिल्ली और मुंबई के अलावा इन दोनों शहरों के आधार पर कारोबार सुगमता रिपोर्ट तैयार करने का फैसला किया है.
नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत की स्थिति और सुधारने के लिए रूपरेखा तैयार की है. एक अधिकारी ने बताया कि इसे लिए उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) छह मानकों पर विशेष ध्यान दे रहा है. इसमें अनुबंध के प्रवर्तन और कारोबार को शुरू करने जैसे मानक शामिल हैं.
डीपीआईआईटी का ध्यान कोलकाता और बेंगलुरू में सुधार गतिविधियों पर है, क्योंकि विश्वबैंक ने इस साल से दिल्ली और मुंबई के अलावा इन दोनों शहरों के आधार पर कारोबार सुगमता रिपोर्ट तैयार करने का फैसला किया है.
ये भी पढ़ें- भारत के आर्थिक सुधार में रोड़ा बनता अमेरिका-ईरान तनाव
अधिकारी ने कहा कि कोलकाता और बेंगलुरू को इसमें शामिल करने से भारत में कारोबारी माहौल की एक सार्वभौमिक तस्वीर उपलब्ध हो सकेगी. इसके अलावा विश्वबैंक ने कारोबार सुगमता रैंकिंग के लिए मानकों की संख्या एक बढ़ाकर 11 कर दी है. सरकारी अनुबंध के नए मानक को शामिल किया गया है.
सरकार इस साल मई-जून में विश्वबैंक से सुधार गतिविधियों का ब्योरा साझा करेगी. डीपीआईआईटी जिन छह मानकों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, उनमें अनुबंध का प्रवर्तन (इसमें भारत 163वें स्थान पर है), दिवाला निपटान (52वें), कारोबार शुरू करना (136वां), संपत्ति का पंजीकरण (154), कर का भुगतान (115) और सीमापार व्यापार (68) शामिल है.
विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग 2020 में भारत 190 देशों की सूची में 14 स्थानों की छलांग के साथ 63वें स्थान पर पहुंच गया था. दिवाला निपटान और निर्माण परमिट के मोर्चे पर उल्लेखनीय सुधार से भारत की रैंकिंग सुधरी थी.
अधिकारी ने कहा कि अनुबंध के प्रवर्तन के मोर्चे पर सरकार मामलों के निपटान में लगने वाले समय को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. इसी तरह संपत्ति पंजीकरण के मामले में चारों शहरों द्वारा जमीन के टाइटल कानून पर ध्यान दिया जा रहा है.
कारोबार शुरू करने के मानक के तहत कंपनी के पंजीकरण के साथ ईएसआईसी, ईपीएफओ, जीएसटी, पेशेवर कर के एकीकृत पंजीकरण पर ध्यान दिया जा रहा है. यह पूरी प्रक्रिया इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार का लक्ष्य कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत को शीर्ष 50 देशों में शामिल करने का है. विश्वबैंक इस साल की रैंकिंग अक्टूबर में जारी करेगा.
कारोबार सुगमता रैंकिंग: भारत की स्थिति सुधारने को छह मानकों पर काम कर रहा है डीपीआईआईटी
नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत की स्थिति और सुधारने के लिए रूपरेखा तैयार की है. एक अधिकारी ने बताया कि इसे लिए उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) छह मानकों पर विशेष ध्यान दे रहा है. इसमें अनुबंध के प्रवर्तन और कारोबार को शुरू करने जैसे मानक शामिल हैं.
डीपीआईआईटी का ध्यान कोलकाता और बेंगलुरू में सुधार गतिविधियों पर है, क्योंकि विश्वबैंक ने इस साल से दिल्ली और मुंबई के अलावा इन दोनों शहरों के आधार पर कारोबार सुगमता रिपोर्ट तैयार करने का फैसला किया है.
ये भी पढ़ें-
अधिकारी ने कहा कि कोलकाता और बेंगलुरू को इसमें शामिल करने से भारत में कारोबारी माहौल की एक सार्वभौमिक तस्वीर उपलब्ध हो सकेगी. इसके अलावा विश्वबैंक ने कारोबार सुगमता रैंकिंग के लिए मानकों की संख्या एक बढ़ाकर 11 कर दी है. सरकारी अनुबंध के नए मानक को शामिल किया गया है.
सरकार इस साल मई-जून में विश्वबैंक से सुधार गतिविधियों का ब्योरा साझा करेगी. डीपीआईआईटी जिन छह मानकों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, उनमें अनुबंध का प्रवर्तन (इसमें भारत 163वें स्थान पर है), दिवाला निपटान (52वें), कारोबार शुरू करना (136वां), संपत्ति का पंजीकरण (154), कर का भुगतान (115) और सीमापार व्यापार (68) शामिल है.
विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग 2020 में भारत 190 देशों की सूची में 14 स्थानों की छलांग के साथ 63वें स्थान पर पहुंच गया था. दिवाला निपटान और निर्माण परमिट के मोर्चे पर उल्लेखनीय सुधार से भारत की रैंकिंग सुधरी थी.
अधिकारी ने कहा कि अनुबंध के प्रवर्तन के मोर्चे पर सरकार मामलों के निपटान में लगने वाले समय को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. इसी तरह संपत्ति पंजीकरण के मामले में चारों शहरों द्वारा जमीन के टाइटल कानून पर ध्यान दिया जा रहा है.
कारोबार शुरू करने के मानक के तहत कंपनी के पंजीकरण के साथ ईएसआईसी, ईपीएफओ, जीएसटी, पेशेवर कर के एकीकृत पंजीकरण पर ध्यान दिया जा रहा है. यह पूरी प्रक्रिया इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार का लक्ष्य कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत को शीर्ष 50 देशों में शामिल करने का है. विश्वबैंक इस साल की रैंकिंग अक्टूबर में जारी करेगा.
Conclusion: