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छोटे कारोबारियों की मदद के लिए भूमि बैंक, सामुदायिक सूक्ष्म वित्त संस्थान बनाने का विचार: गडकरी - नितिन गडकरी

उद्योग मंडल फिक्की की कर्नाटक इकाई द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन एमएसएमई सम्मेलन को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि हमें भारत का निर्यात बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने को लेकर विचार करने की भी जरूरत है.

छोटे कारोबारियों की मदद के लिए भूमि बैंक, सामुदायिक सूक्ष्म वित्त संस्थान बनाने का विचार: गडकरी
छोटे कारोबारियों की मदद के लिए भूमि बैंक, सामुदायिक सूक्ष्म वित्त संस्थान बनाने का विचार: गडकरी
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Published : Aug 10, 2020, 7:36 PM IST

नई दिल्ली: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि सरकार भूमि बैंक और सामुदायिक सूक्ष्म वित्त संस्थान बनाने जैसे विचारों पर काम कर रही है. ताकि लोगों के छोटी दुकानों और कारोबारों को चलाने में मदद की जा सके.

उद्योग मंडल फिक्की की कर्नाटक इकाई द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन एमएसएमई सम्मेलन को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि हमें भारत का निर्यात बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने को लेकर विचार करने की भी जरूरत है.

चीन के निर्यात के बारे में गडकरी ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था का कुल 30 प्रतिशत विनिर्माण चीन में होता है. करीब 10 ऐसी बड़ी निर्यात श्रेणियां हैं जो कुल निर्यात में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती हैं. इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और उपकर इत्यादि शामिल हैं.

उन्होंने कहा, "अब समय गया है कि हम उन क्षेत्रों की पहचान करें जहां हम आयात पर निर्भरता कम कर सकते हैं. हमें सोचना होगा कि अपने उद्योग और एमएसएमई को कैसे विकसित कर सकते हैं कि जिसका लाभ दुनिया की मौजूदा आर्थिक स्थिति में उठाया जा सके."

वेबिनार में मंत्री ने कहा कि भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए, "हमें कृषि, कृषि प्रसंस्करण, हथकरघा, हस्तशिल्प, खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र में निर्यात बढ़ाने की दिशा में सोचना होगा."

गडकरी ने कहा, "हम भूमि बैंक और सामुदायिक सूक्ष्म वित्त संस्थान बनाने के विचार पर काम कर रहे हैं. यह छोटी दुकानें या कारोबार चलाने वाले उद्यमियों के लिए बड़ा सहायक होगा."

ये भी पढ़ें: एमएसएमई के लिये 10,000 करोड़ रुपये का निवेश कोष होगा शुरू: एसबीआई चेयरमैन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वप्न 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के बारे में उन्होंने कहा कि हथकरघा, हस्तशिल्प, खादी ग्रामोद्योग और कृषि आधारित कारोबारों को प्रोत्साहन देने की जरूरत है, विशेषकर 115 आकांक्षी जिलों में.

"हमें कृषि, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र के लिए विशेष नीतियां बनानी होंगी क्योंकि इन क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने की असीम संभावनाएं हैं."

उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की आकस्मिक ऋण गारंटी योजना के तहत अब तक 1,20,000 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि सरकार भूमि बैंक और सामुदायिक सूक्ष्म वित्त संस्थान बनाने जैसे विचारों पर काम कर रही है. ताकि लोगों के छोटी दुकानों और कारोबारों को चलाने में मदद की जा सके.

उद्योग मंडल फिक्की की कर्नाटक इकाई द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन एमएसएमई सम्मेलन को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि हमें भारत का निर्यात बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने को लेकर विचार करने की भी जरूरत है.

चीन के निर्यात के बारे में गडकरी ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था का कुल 30 प्रतिशत विनिर्माण चीन में होता है. करीब 10 ऐसी बड़ी निर्यात श्रेणियां हैं जो कुल निर्यात में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती हैं. इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और उपकर इत्यादि शामिल हैं.

उन्होंने कहा, "अब समय गया है कि हम उन क्षेत्रों की पहचान करें जहां हम आयात पर निर्भरता कम कर सकते हैं. हमें सोचना होगा कि अपने उद्योग और एमएसएमई को कैसे विकसित कर सकते हैं कि जिसका लाभ दुनिया की मौजूदा आर्थिक स्थिति में उठाया जा सके."

वेबिनार में मंत्री ने कहा कि भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए, "हमें कृषि, कृषि प्रसंस्करण, हथकरघा, हस्तशिल्प, खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र में निर्यात बढ़ाने की दिशा में सोचना होगा."

गडकरी ने कहा, "हम भूमि बैंक और सामुदायिक सूक्ष्म वित्त संस्थान बनाने के विचार पर काम कर रहे हैं. यह छोटी दुकानें या कारोबार चलाने वाले उद्यमियों के लिए बड़ा सहायक होगा."

ये भी पढ़ें: एमएसएमई के लिये 10,000 करोड़ रुपये का निवेश कोष होगा शुरू: एसबीआई चेयरमैन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वप्न 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के बारे में उन्होंने कहा कि हथकरघा, हस्तशिल्प, खादी ग्रामोद्योग और कृषि आधारित कारोबारों को प्रोत्साहन देने की जरूरत है, विशेषकर 115 आकांक्षी जिलों में.

"हमें कृषि, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र के लिए विशेष नीतियां बनानी होंगी क्योंकि इन क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने की असीम संभावनाएं हैं."

उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की आकस्मिक ऋण गारंटी योजना के तहत अब तक 1,20,000 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है.

(पीटीआई-भाषा)

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