कोलकाता: देश में आर्थिक सुस्ती गहराने को लेकर बढ़ती चर्चा के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार सभी क्षेत्र की चुनौतियों पर गौर कर रही है और इनको लेकर आगे कदम उठायेगी.
वित्त मंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इन क्षेत्रों को हर संभव मदद दी जाएगी. अर्थव्यवस्था में सुस्ती के सवाल पर सीतारमण ने कहा, "हम उन चुनौतियों पर विचार कर रहे हैं, जिनका विभिन्न क्षेत्रों और उद्योगों को सामना करना पड़ा रहा है. हम इन चुनौतियों को देखेंगे और उन्हें दूर करने के लिए कदम उठाएंगे और प्रभावित क्षेत्रों को हर संभव मदद करेंगे."
कोलकाता में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ईटीवी भारत ने वित्त मंत्री से पूछा कि दो चरणों के विकास के उपायों (23 अगस्त और 30 अगस्त) के बाद शेयर बाजार में सकारात्मक भावना का निर्माण क्यों नहीं हुआ है.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि अभी इस सवाल पर कुछ नहीं कहना चाहती. उन्होंने कहा कि सरकार हर उस क्षेत्र को जवाब दे रही है जिसने उनसे सवाल किया था, लेकिन ये हो सकता है कि हमसे 10 सवाल पूछे गए होंगे और हमने सभी के जवाब नहीं दिए होंगे.
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चालू वित्त वर्ष के दौरान राजस्व संग्रह को लेकर उन्होंने कहा कि इसके लिये केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) को कर राजस्व के लक्ष्य दिए गए हैं.
वित्त मंत्री ने कहा, "ये लक्ष्य उचित विचार-विमर्श और परामर्श के बाद दिए गए हैं. यदि राजस्व संग्रह कम रहता है, तो केंद्र सरकार इस पर ध्यान देगी. हालांकि, उन्होंने कहा कि सामाजिक क्षेत्र पर होने वाले खर्च को प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा."
सरकार को आरबीआई से अधिशेष हस्तांतरण पर सीतारमण ने कहा कि इसका उपयोग कैसे किया जाए, इस बारे में केंद्र ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है. रिजर्व बैंक ने हाल ही में सरकार को लाभांश और अधिशेष आरक्षित कोष से 1.76 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने का फैसला किया है.
वित्त मंत्री की यहां कर प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक हुई. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग करदाताओं के साथ आमना-सामना किये बिना कर आकलन की प्रणाली को आगे बढ़ायेगी और इस तरह की जांच प्रक्रिया को विजयदशमी के दिन से शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि यह कदम करदाताओं को प्रताड़ित करने की संभावनाओं को कम करने के लिये उठाया जा रहा है.