नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कोविड-19 संकट के प्रभावों से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए कई उपायों की घोषणा की.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इन घोषणाओं पर टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी के द्वारा आज की गई घोषणाएं व्यवसायों विशेषकर एमएसएमई की समस्याएं हल करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करेंगी. घोषित कदम लिक्विडिटी को बढ़ावा देंगे,उद्यमियों को सशक्त बनाएंगे और उनकी प्रतिस्पर्धी भावना को मजबूत करेंगे:"
कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, "लाखों गरीब, भूखे प्रवासी कामगार जो अपने घरों की तरफ जा रहे हैं, वित्त मंत्री ने उनके लिए कुछ नहीं कहा. यह उन लोगों के लिए एक क्रूर झटका है."
चिदंबरम ने कहा कि सरकार को अधिक खर्च करना चाहिए, अधिक उधार लेना चाहिए, और राज्यों को अधिक उधार लेने की अनुमति देनी चाहिए; लेकिन यह ऐसा करने को तैयार नहीं है.
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने केंद्र सरकार पर 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज नाम पर लोगों को 'गुमराह' करने का आरोप लगाया है. मित्रा ने बुधवार को कहा कि वास्तविक पैकेज सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का मात्र दो प्रतिशत है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी. इनमें सरकार की हालिया घोषणा के अलावा रिजर्व बैंक द्वारा किए गए विभिन्न उपाय शामिल है. प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह पैकेज जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर होगा. इससे व्यापक क्षेत्रों और प्रवासी मजदूरों की परेशानियों को दूर करने में मदद मिलेगी.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बुधवार को घोषित आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की सराहना करते हुए कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री की घोषणाओं के बाद उन पर शानदार काम किया है.
उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिये जो कदम उठाये गये हैं, उससे उनका पैमाना बड़ा होगा तथा इससे कई अन्य समस्याओं का समाधान होगा.
एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि वित्त कंपनियों, अचल संपत्ति और निर्माण क्षेत्रों को कोविड19 महामारी के कारण राष्ट्रव्यापी बंद के व्यापक प्रभाव को कम करने के लिए जोर दिया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के रूप में घोषित किए गए उपायों की पहली किश्त, एमएसएमई, सूक्ष्म वित्त संस्थानों, आवास को तत्काल और बहुत जरूरी राहत प्रदान करेगी.
उन्होंने कहा कि एमएसएमई को चार साल के कार्यकाल के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के ऋण पर 100 प्रतिशत सरकारी गारंटी का आश्वासन और एक साल की मोहलत एमएसएमई क्षेत्र को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो 11 करोड़ नौकरियों और 30 प्रति खातों का सृजन करता है.
सीआईआई के महानिदेशक, चंद्रजीत बैनर्जी ने कहा, "माननीय वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की पहली किश्त के तहत एक प्रभावशाली पैकेज का अनावरण किया है क्योंकि कोविड-19 के कारण हम बहुत ही गंभीर आर्थिक परिस्थितियों की माँग कर रहे हैं." पहला चरण एमएसएमई के प्रमुख क्षेत्रों, कर्मचारी भविष्य निधि, डिस्कॉम और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में कराधान को लक्षित करता है जो सबसे अधिक प्रभावित हैं.
एमएसएमई क्षेत्र के लिए माननीय वित्त मंत्री द्वारा घोषित छह उपायों को बहुत अच्छी तरह से लक्षित किया गया है और यह तत्काल और साथ ही क्षेत्र की दीर्घकालिक आवश्यकताओं को पूरा करता है. सीआईआई ने सुझाव दिया था कि एमएसएमई को संपार्श्विक आवश्यकता के बिना और सरकार से गारंटी के साथ ऋण प्रदान किया जाए. सरकार और सार्वजनिक उपक्रमों को एमएसएमई से विलंबित भुगतान करने का प्रस्ताव लंबे समय से उद्योग का अनुरोध था.
ये भी पढ़ें: आयकर रिटर्न भरने की तारीख 30 नवंबर तक बढ़ी