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अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे सुधार की ओर लेकिन बेरोजगारी चिंता का विषय : उद्योग मंडल

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Published : Oct 25, 2020, 6:23 PM IST

उद्योग मंडल ने कहा कि सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगारी है. पीएचडीसीसीआई ने यह निष्कर्ष 25 प्रमुख आर्थिक संकेतकों के आधार पर निकाला है. इनसे संकेत मिलता है कि कारोबारी गतिविधियों अब सामान्य हो रही हैं.

अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे सुधार की ओर लेकिन बेरोजगारी चिंता का विषय : उद्योग मंडल
अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे सुधार की ओर लेकिन बेरोजगारी चिंता का विषय : उद्योग मंडल

नई दिल्ली: उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.9 प्रतिशत की गिरावट आएगी. पीएचडीसीसीआई ने कहा है कि अब बुरा समय बीत चुका है और भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे सुधार की रहा पर है.

उद्योग मंडल ने कहा कि सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगारी है. पीएचडीसीसीआई ने यह निष्कर्ष 25 प्रमुख आर्थिक संकेतकों के आधार पर निकाला है. इनसे संकेत मिलता है कि कारोबारी गतिविधियों अब सामान्य हो रही हैं.

ये भी पढ़ें- टाटा मोटर्स को यात्री वाहन कारोबार के लिए भागीदार की तलाश

पीएचडीसीसीआई ने एक रिपोर्ट में कहा कि बेरोजगारी की दर अब भी चिंता का विषय है. अगस्त में यह बढ़कर 8.3 प्रतिशत हो गई, जो जुलाई में 7.4 प्रतिशत थी.

पीएचडीसीसीआई ने कहा कि आगे चलकर भारत को चीन से आयात समाप्त करने और मित्र अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. इसके अलावा घरेलू क्षमता का निर्माण करना चाहिए. साथ ही आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए घरेलू उत्पादन का स्तर बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए.

पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि निर्यात उत्पादों के पोर्टफोलियो का अधिक देशों और साथ ही अधिक उत्पादों के हिसाब से विविधीकरण करने की जरूरत है. अग्रवाल ने कहा कि सरकार द्वारा पिछले छह माह के दौरान उठाए गए कदमों की वजह से अब अर्थव्यवस्था में सुधार दिखने लगा है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.9 प्रतिशत की गिरावट आएगी. पीएचडीसीसीआई ने कहा है कि अब बुरा समय बीत चुका है और भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे सुधार की रहा पर है.

उद्योग मंडल ने कहा कि सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगारी है. पीएचडीसीसीआई ने यह निष्कर्ष 25 प्रमुख आर्थिक संकेतकों के आधार पर निकाला है. इनसे संकेत मिलता है कि कारोबारी गतिविधियों अब सामान्य हो रही हैं.

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पीएचडीसीसीआई ने एक रिपोर्ट में कहा कि बेरोजगारी की दर अब भी चिंता का विषय है. अगस्त में यह बढ़कर 8.3 प्रतिशत हो गई, जो जुलाई में 7.4 प्रतिशत थी.

पीएचडीसीसीआई ने कहा कि आगे चलकर भारत को चीन से आयात समाप्त करने और मित्र अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. इसके अलावा घरेलू क्षमता का निर्माण करना चाहिए. साथ ही आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए घरेलू उत्पादन का स्तर बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए.

पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि निर्यात उत्पादों के पोर्टफोलियो का अधिक देशों और साथ ही अधिक उत्पादों के हिसाब से विविधीकरण करने की जरूरत है. अग्रवाल ने कहा कि सरकार द्वारा पिछले छह माह के दौरान उठाए गए कदमों की वजह से अब अर्थव्यवस्था में सुधार दिखने लगा है.

(पीटीआई-भाषा)

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