नई दिल्ली: वाहन क्षेत्र को गति देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से गत सप्ताह घोषित प्रोत्साहन पैकेज 'बहुत छोटा और काफी देर' से उठाया गया कदम है. फिच सॉल्यूशन्स मैक्रो रिसर्च ने गुरुवार को यह कहा.
उसने कहा कि वाहन उद्योग की नरमी को थामने के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर में कमी एवं पुराने वाहनों को रद्दी में भेजने की योजना जैसे कदम उठाये जाने चाहिए. सीतारमण ने निवेश बढ़ाने और बैंकिंग एवं वाहन क्षेत्र को मजबूती देने के लिए 23 अगस्त को कई कदमों की घोषणा की है.
फिच सॉल्यूशन्स ने कहा है, "हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 2018-19 में आई नरमी को थामने के लिए यह प्रारंभिक प्रोत्साहन पैकेज बहुत छोटा और काफी देर से किया गया फैसला है क्योंकि वाहन क्षेत्र में सुस्ती गति पकड़ चुकी है और इसलिए उसे रोकना मुश्किल होगा."
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वाहन क्षेत्र से जुड़े अपने परिदृश्य में फिच सॉल्यूशन्स ने कहा है कि पहला प्रोत्साहन पैकेज दिखाता है कि सरकार इस क्षेत्र में हस्तक्षेप को इच्छुक है. उम्मीद है कि अगला प्रोत्साहन पैकेज ज्यादा लक्षित और अधिक व्यापक होगा.
उसने कहा कि प्रारंभिक प्रोत्साहन पैकेज वाहन क्षेत्र की नरमी को थामने के लिए काफी नहीं है और इस वर्ष बिक्री में 11.8 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है.