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देश में इस्पात का उत्पादन नवंबर में 3.5 प्रतिशत बढ़ा - इस्पात

वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, देश का कच्चा इस्पात उत्पादन नवंबर महीने में 92.45 लाख टन रहा, जबकि पिछले साल इसी महीने के दौरान उत्पादन 89.33 लाख टन रहा था, जो आर्थिक गतिविधियों में एक बड़ी तेजी का संकेत दे रहा है.

देश में इस्पात का उत्पादन नवंबर में 3.5 प्रतिशत बढ़ा
देश में इस्पात का उत्पादन नवंबर में 3.5 प्रतिशत बढ़ा
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Published : Dec 28, 2020, 3:36 PM IST

नई दिल्ली : नए साल की शुरूआत से पहले ही, भारतीय इस्पात क्षेत्र ने नवंबर में कच्चे इस्पात के उत्पादन में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए अपनी खोई हुई चमक वापस पा ली है.

वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन (डब्ल्यूएसए) की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, देश का कच्चा इस्पात उत्पादन नवंबर महीने में 92.45 लाख टन रहा, जबकि पिछले साल इसी महीने के दौरान उत्पादन 89.33 लाख टन रहा था, जो आर्थिक गतिविधियों में एक बड़ी तेजी का संकेत दे रहा है.

इस्पात उत्पादन में वृद्धि बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में देखी जाने वाली वृद्धि का एक संकेतक भी है, जहां अर्थव्यवस्था को सामान्य स्थिति में लाने के लिए सरकार की ओर से बहुत सी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें : नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिये अपनाने होंगे नवोन्मेषी उपाय

डब्ल्यूएसए ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में यह भी दिखाया है कि इस्पात उद्योग न केवल भारत में रिकवरी के रास्ते पर है, बल्कि यहां के विकास में लगभग 64 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में कच्चे इस्पात के उत्पादन के साथ एक बड़ी वैश्विक रिकवरी का हिस्सा भी है.

कोविड-19 महामारी के कारण मौजूदा कठिनाइयों को देखते हुए इस महीने के आंकड़े को अगले महीने के उत्पादन अनुमान के साथ संशोधित किए जाने की संभावना है.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत 2019 में कच्चे इस्पात का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश बन गया, जिसने जनवरी-दिसंबर की अवधि में पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 1.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की.

नई दिल्ली : नए साल की शुरूआत से पहले ही, भारतीय इस्पात क्षेत्र ने नवंबर में कच्चे इस्पात के उत्पादन में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए अपनी खोई हुई चमक वापस पा ली है.

वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन (डब्ल्यूएसए) की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, देश का कच्चा इस्पात उत्पादन नवंबर महीने में 92.45 लाख टन रहा, जबकि पिछले साल इसी महीने के दौरान उत्पादन 89.33 लाख टन रहा था, जो आर्थिक गतिविधियों में एक बड़ी तेजी का संकेत दे रहा है.

इस्पात उत्पादन में वृद्धि बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में देखी जाने वाली वृद्धि का एक संकेतक भी है, जहां अर्थव्यवस्था को सामान्य स्थिति में लाने के लिए सरकार की ओर से बहुत सी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें : नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिये अपनाने होंगे नवोन्मेषी उपाय

डब्ल्यूएसए ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में यह भी दिखाया है कि इस्पात उद्योग न केवल भारत में रिकवरी के रास्ते पर है, बल्कि यहां के विकास में लगभग 64 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में कच्चे इस्पात के उत्पादन के साथ एक बड़ी वैश्विक रिकवरी का हिस्सा भी है.

कोविड-19 महामारी के कारण मौजूदा कठिनाइयों को देखते हुए इस महीने के आंकड़े को अगले महीने के उत्पादन अनुमान के साथ संशोधित किए जाने की संभावना है.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत 2019 में कच्चे इस्पात का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश बन गया, जिसने जनवरी-दिसंबर की अवधि में पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 1.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की.

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