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जेट एयरवेज में फंसा एसबीआई का पैसा चिंता का कारण नहीं : चेयरमैन

एनपीए से संबंधित दूसरे प्रमुख खाते, आईएलएंडएफएस के खाते के संबंध उन्होंने कहा कि इस खाते में 50 फीसदी रकम की प्रोविजनिंग की गई है. आईएलएंडएफएस में बैंक की 3,487 करोड़ रुपये की रकम फंसी हुई है.

जेट एयरवेज में फंसा एसबीआई का पैसा चिंता का कारण नहीं : चेयरमैन
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Published : May 11, 2019, 1:15 PM IST

मुंबई: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयमैन रजनीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि जेट एयरवेज में फंसा एसबीआई का पैसा चिंता का कोई कारण नहीं है, क्योंकि यह रकम करीब 1,600 करोड़ रुपये है, जोकि बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए या खराब कर्ज) का महज सात आधार अंक (बीपीएस) है.

उन्होंने इस बात से इनकार किया कि देश के सबसे बड़े कर्जदाता बैंक की रकम जेट एयरवेज में फंस जाने से कोई चिंता नहीं है.

ये भी पढ़ें- आईटीसी के चेयरमैन वाईसी देवेश्वर का हुआ निधन

वहीं, एनपीए से संबंधित दूसरे प्रमुख खाते, आईएलएंडएफएस के खाते के संबंध उन्होंने कहा कि इस खाते में 50 फीसदी रकम की प्रोविजनिंग की गई है. आईएलएंडएफएस में बैंक की 3,487 करोड़ रुपये की रकम फंसी हुई है.

उन्होंने कहा, "जेट एयरवेज में फंसी कुल रकम हमारे सकल एनपीए का सात बीपीएस है. इसलिए यह चिंता की बात नहीं है. 23 लाख करोड़ रुपये कर्ज की बही में 1,600 करोड़ रुपये सकल एनपीए का महज सात बीपीएस है. इसलिए इसे नजरंदाज किया जा सकता है."

कुमार ने कहा कि जेट एयरवेज में फंसी रकम की बात भी नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि बैंक ने एस्सार और दो अन्य खातों के लिए 100 फीसदी प्रोविजनिंग की है.

एसबीआई के प्रबंध निदेशक अभिजीत बसु ने कहा, "आईएलएंडएफएस के लिए एनपीए की पहचान आरबीआई के मानकों के अनुसार किया गया है. हमने सभी होल्डिंग कंपनियों में 50 फीसदी की प्रोविजनिंग की है. इसमें 3,487 करोड़ रुपये फंसी हुई और इसमें एनपीए 1,125 करोड़ रुपये है."

मुंबई: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयमैन रजनीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि जेट एयरवेज में फंसा एसबीआई का पैसा चिंता का कोई कारण नहीं है, क्योंकि यह रकम करीब 1,600 करोड़ रुपये है, जोकि बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए या खराब कर्ज) का महज सात आधार अंक (बीपीएस) है.

उन्होंने इस बात से इनकार किया कि देश के सबसे बड़े कर्जदाता बैंक की रकम जेट एयरवेज में फंस जाने से कोई चिंता नहीं है.

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वहीं, एनपीए से संबंधित दूसरे प्रमुख खाते, आईएलएंडएफएस के खाते के संबंध उन्होंने कहा कि इस खाते में 50 फीसदी रकम की प्रोविजनिंग की गई है. आईएलएंडएफएस में बैंक की 3,487 करोड़ रुपये की रकम फंसी हुई है.

उन्होंने कहा, "जेट एयरवेज में फंसी कुल रकम हमारे सकल एनपीए का सात बीपीएस है. इसलिए यह चिंता की बात नहीं है. 23 लाख करोड़ रुपये कर्ज की बही में 1,600 करोड़ रुपये सकल एनपीए का महज सात बीपीएस है. इसलिए इसे नजरंदाज किया जा सकता है."

कुमार ने कहा कि जेट एयरवेज में फंसी रकम की बात भी नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि बैंक ने एस्सार और दो अन्य खातों के लिए 100 फीसदी प्रोविजनिंग की है.

एसबीआई के प्रबंध निदेशक अभिजीत बसु ने कहा, "आईएलएंडएफएस के लिए एनपीए की पहचान आरबीआई के मानकों के अनुसार किया गया है. हमने सभी होल्डिंग कंपनियों में 50 फीसदी की प्रोविजनिंग की है. इसमें 3,487 करोड़ रुपये फंसी हुई और इसमें एनपीए 1,125 करोड़ रुपये है."

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जेट एयरवेज में फंसा एसबीआई का पैसा चिंता का कारण नहीं : चेयरमैन

मुंबई: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयमैन रजनीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि जेट एयरवेज में फंसा एसबीआई का पैसा चिंता का कोई कारण नहीं है, क्योंकि यह रकम करीब 1,600 करोड़ रुपये है, जोकि बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए या खराब कर्ज) का महज सात आधार अंक (बीपीएस) है.

उन्होंने इस बात से इनकार किया कि देश के सबसे बड़े कर्जदाता बैंक की रकम जेट एयरवेज में फंस जाने से कोई चिंता नहीं है.

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वहीं, एनपीए से संबंधित दूसरे प्रमुख खाते, आईएलएंडएफएस के खाते के संबंध उन्होंने कहा कि इस खाते में 50 फीसदी रकम की प्रोविजनिंग की गई है. आईएलएंडएफएस में बैंक की 3,487 करोड़ रुपये की रकम फंसी हुई है. 

उन्होंने कहा, "जेट एयरवेज में फंसी कुल रकम हमारे सकल एनपीए का सात बीपीएस है. इसलिए यह चिंता की बात नहीं है. 23 लाख करोड़ रुपये कर्ज की बही में 1,600 करोड़ रुपये सकल एनपीए का महज सात बीपीएस है. इसलिए इसे नजरंदाज किया जा सकता है."

कुमार ने कहा कि जेट एयरवेज में फंसी रकम की बात भी नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि बैंक ने एस्सार और दो अन्य खातों के लिए 100 फीसदी प्रोविजनिंग की है. 

एसबीआई के प्रबंध निदेशक अभिजीत बसु ने कहा, "आईएलएंडएफएस के लिए एनपीए की पहचान आरबीआई के मानकों के अनुसार किया गया है. हमने सभी होल्डिंग कंपनियों में 50 फीसदी की प्रोविजनिंग की है. इसमें 3,487 करोड़ रुपये फंसी हुई और इसमें एनपीए 1,125 करोड़ रुपये है."


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