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आर्थिक गतिविधियों पर रोक से हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे कारोबार: आरएआई

खुदरा संगठन ने कहा कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान ऐसे ही हालत पैदा हुए थे. इसलिए अब सरकार को चाहिये कि गैर-आवश्यक या गैर-खाद्य खुदरा कारोबार और मॉल को सख्त निगरानी के तहत काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

आर्थिक गतिविधियों पर रोक से हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे कारोबार: आरएआई
आर्थिक गतिविधियों पर रोक से हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे कारोबार: आरएआई
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Published : Apr 20, 2021, 5:54 PM IST

नई दिल्ली : कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर विभिन्न राज्यों में स्थानीय स्तर पर लगाए गए प्रतिबंधों के बीच रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने मंगलवार को कहा कि आर्थिक गतिविधियों पर रोक से कारोबार हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे और लाखों लोगों का रोजगार चला जाएगा.

खुदरा संगठन ने कहा कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान ऐसे ही हालत पैदा हुए थे. इसलिए अब सरकार को चाहिये कि गैर-आवश्यक या गैर-खाद्य खुदरा कारोबार और मॉल को सख्त निगरानी के तहत काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

आरएआई के सीईओ कुमार राजगोपालन ने एक बयान में कहा, 'गैर-आवश्यक या गैर-खाद्य खुदरा दुकानों और मॉल को बंद करना समाधान नहीं है. पिछले साल कारोबार को हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए इस स्तर पर आर्थिक गतिविधि को बंद करने से व्यवसाय स्थायी रूप से बंद हो जाएंगे, जिससे लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे.'

ये भी पढ़ें : आर्थिक वृद्धि बनाए रखने के लिए उद्योग और सरकार के बीच पूर्ण विश्वास जरूरी : सीतारमण

उन्होंने कहा कि इसकी जगह सख्त निगरानी में सुरक्षा और स्वच्छता के सभी नियमों और शारीरिक दूरी के मानदंडों का पालन सुनिश्चित करते हुये कारोबार को खुला रखना चाहिये और उन पर पूर्ण पाबंदी नहीं लगानी चाहिये.

राजगोपालन ने कहा कि शॉपिंग केन्द्रों सहित देश भर में संगठित क्षेत्र के खुदरा कारोबारी पूरी सफलता के साथ कामकाज की मानक परिचालन प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं और इसलिये उन्हें सख्त निगरानी में रखते हुये काम करने की अनुमति मिलनी चाहिये.

नई दिल्ली : कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर विभिन्न राज्यों में स्थानीय स्तर पर लगाए गए प्रतिबंधों के बीच रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने मंगलवार को कहा कि आर्थिक गतिविधियों पर रोक से कारोबार हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे और लाखों लोगों का रोजगार चला जाएगा.

खुदरा संगठन ने कहा कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान ऐसे ही हालत पैदा हुए थे. इसलिए अब सरकार को चाहिये कि गैर-आवश्यक या गैर-खाद्य खुदरा कारोबार और मॉल को सख्त निगरानी के तहत काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

आरएआई के सीईओ कुमार राजगोपालन ने एक बयान में कहा, 'गैर-आवश्यक या गैर-खाद्य खुदरा दुकानों और मॉल को बंद करना समाधान नहीं है. पिछले साल कारोबार को हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए इस स्तर पर आर्थिक गतिविधि को बंद करने से व्यवसाय स्थायी रूप से बंद हो जाएंगे, जिससे लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे.'

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उन्होंने कहा कि इसकी जगह सख्त निगरानी में सुरक्षा और स्वच्छता के सभी नियमों और शारीरिक दूरी के मानदंडों का पालन सुनिश्चित करते हुये कारोबार को खुला रखना चाहिये और उन पर पूर्ण पाबंदी नहीं लगानी चाहिये.

राजगोपालन ने कहा कि शॉपिंग केन्द्रों सहित देश भर में संगठित क्षेत्र के खुदरा कारोबारी पूरी सफलता के साथ कामकाज की मानक परिचालन प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं और इसलिये उन्हें सख्त निगरानी में रखते हुये काम करने की अनुमति मिलनी चाहिये.

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