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आरबीआई ने जीरो बैलेंस खातों के लिए नियमों में ढील दी, अब मिलेंगे चेक बुक समेत अन्य सुविधाएं - Reserve Bank

केंद्रीय बैंक ने यह भी साफ किया है कि अतिरिक्त सेवाओं की पेशकश को लेकर बैंकों को ग्राहकों से न्यूनतम राशि रखने को नहीं कहना चाहिए. बीएसबीडी खाता नियतों के तहत खाताधारकों को न्यूनतम राशि रखने की जरूरत नहीं है और उन्हें कुछ न्यूनतम सुविधाएं मुफ्त मिलती हैं.

आरबीआई ने जीरो बैलेंस खातों के लिए नियमों में ढील दी, अब मिलेंगे चेक बुक समेत अन्य सुविधाएं
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Published : Jun 11, 2019, 3:32 PM IST

मुंबई: रिजर्व बैंक ने प्राथमिक खातों (बेसिक एकाउंट) के मामले में सोमवार को नियमों में कुछ छूट दी जिससे अब ऐसे खाताधारकों को चेक बुक और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सकेंगी. हालांकि बैंक इन सुविधाओं के लिये खाताधारकों को कोई न्यूनतम राशि रखने के लिये नहीं कह सकते.

प्राथमिक बचत बैंक जमा खाता (बीएसबीडी) से आशय ऐसे खातों से है जिसे शून्य राशि से खोला जा सकता है. इसमें कोई न्यूनतम राशि रखने की जरूरत नहीं है. इससे पहले नियमित बचत खाते जैसे खातों को ही अतिरिक्त सुविधा मिलती थी. अत: इन खातों में न्यूनतम राशि रखने की जरूरत होती है और अन्य शुल्क भी देने होते हैं.

ये भी पढ़ें- अनिल अंबानी का दावा, पिछले 14 महीनों में चुकाया 35,000 करोड़ रुपये का कर्ज

वित्तीय समावेशी अभिभयान के तहत आरबीआई ने बैंकों से बचत खाते के रूप में बीएसबीडी खाते की सुविधा देने को कहा. इसमें बिना किसी शुल्क के कुछ न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती थी.

रिजर्व बैंक ने कहा, "बैंक न्यूनतम सुविधाओं के अलावा चेक बुक जारी करने समेत अतिरिक्त मूल्य वर्द्धित सेवाएं देने के लिये स्वतंत्र हैं. अतिरिक्त सुविधाएं उपलब्ध कराने से ये खाते गैर-बीएसबीडी खाते नहीं हो जाएंगे."

केंद्रीय बैंक ने यह भी साफ किया है कि अतिरिक्त सेवाओं की पेशकश को लेकर बैंकों को ग्राहकों से न्यूनतम राशि रखने को नहीं कहना चाहिए. बीएसबीडी खाता नियतों के तहत खाताधारकों को न्यूनतम राशि रखने की जरूरत नहीं है और उन्हें कुछ न्यूनतम सुविधाएं मुफ्त मिलती हैं.

इन सुविधाओं में एटीएम से एक महीने में चार बार निकासी, बैंक शाखा में जमा तथा एटीएम कार्ड शामिल हैं. इन खातों में एक महीने में जमा राशि की संख्या और मूल्य पर कोई सीमा नहीं है.

मुंबई: रिजर्व बैंक ने प्राथमिक खातों (बेसिक एकाउंट) के मामले में सोमवार को नियमों में कुछ छूट दी जिससे अब ऐसे खाताधारकों को चेक बुक और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सकेंगी. हालांकि बैंक इन सुविधाओं के लिये खाताधारकों को कोई न्यूनतम राशि रखने के लिये नहीं कह सकते.

प्राथमिक बचत बैंक जमा खाता (बीएसबीडी) से आशय ऐसे खातों से है जिसे शून्य राशि से खोला जा सकता है. इसमें कोई न्यूनतम राशि रखने की जरूरत नहीं है. इससे पहले नियमित बचत खाते जैसे खातों को ही अतिरिक्त सुविधा मिलती थी. अत: इन खातों में न्यूनतम राशि रखने की जरूरत होती है और अन्य शुल्क भी देने होते हैं.

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वित्तीय समावेशी अभिभयान के तहत आरबीआई ने बैंकों से बचत खाते के रूप में बीएसबीडी खाते की सुविधा देने को कहा. इसमें बिना किसी शुल्क के कुछ न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती थी.

रिजर्व बैंक ने कहा, "बैंक न्यूनतम सुविधाओं के अलावा चेक बुक जारी करने समेत अतिरिक्त मूल्य वर्द्धित सेवाएं देने के लिये स्वतंत्र हैं. अतिरिक्त सुविधाएं उपलब्ध कराने से ये खाते गैर-बीएसबीडी खाते नहीं हो जाएंगे."

केंद्रीय बैंक ने यह भी साफ किया है कि अतिरिक्त सेवाओं की पेशकश को लेकर बैंकों को ग्राहकों से न्यूनतम राशि रखने को नहीं कहना चाहिए. बीएसबीडी खाता नियतों के तहत खाताधारकों को न्यूनतम राशि रखने की जरूरत नहीं है और उन्हें कुछ न्यूनतम सुविधाएं मुफ्त मिलती हैं.

इन सुविधाओं में एटीएम से एक महीने में चार बार निकासी, बैंक शाखा में जमा तथा एटीएम कार्ड शामिल हैं. इन खातों में एक महीने में जमा राशि की संख्या और मूल्य पर कोई सीमा नहीं है.

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आरबीआई ने जीरो बैलेंस खातों के लिए नियमों में ढील दी, अब मिलेंगे चेक बुक समेत अन्य सुविधाएं

मुंबई: रिजर्व बैंक ने प्राथमिक खातों (बेसिक एकाउंट) के मामले में सोमवार को नियमों में कुछ छूट दी जिससे अब ऐसे खाताधारकों को चेक बुक और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सकेंगी. हालांकि बैंक इन सुविधाओं के लिये खाताधारकों को कोई न्यूनतम राशि रखने के लिये नहीं कह सकते.

प्राथमिक बचत बैंक जमा खाता (बीएसबीडी) से आशय ऐसे खातों से है जिसे शून्य राशि से खोला जा सकता है. इसमें कोई न्यूनतम राशि रखने की जरूरत नहीं है. इससे पहले नियमित बचत खाते जैसे खातों को ही अतिरिक्त सुविधा मिलती थी. अत: इन खातों में न्यूनतम राशि रखने की जरूरत होती है और अन्य शुल्क भी देने होते हैं.

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वित्तीय समावेशी अभिभयान के तहत आरबीआई ने बैंकों से बचत खाते के रूप में बीएसबीडी खाते की सुविधा देने को कहा. इसमें बिना किसी शुल्क के कुछ न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती थी.

रिजर्व बैंक ने कहा, "बैंक न्यूनतम सुविधाओं के अलावा चेक बुक जारी करने समेत अतिरिक्त मूल्य वर्द्धित सेवाएं देने के लिये स्वतंत्र हैं. अतिरिक्त सुविधाएं उपलब्ध कराने से ये खाते गैर-बीएसबीडी खाते नहीं हो जाएंगे."

केंद्रीय बैंक ने यह भी साफ किया है कि अतिरिक्त सेवाओं की पेशकश को लेकर बैंकों को ग्राहकों से न्यूनतम राशि रखने को नहीं कहना चाहिए. बीएसबीडी खाता नियतों के तहत खाताधारकों को न्यूनतम राशि रखने की जरूरत नहीं है और उन्हें कुछ न्यूनतम सुविधाएं मुफ्त मिलती हैं.

इन सुविधाओं में एटीएम से एक महीने में चार बार निकासी, बैंक शाखा में जमा तथा एटीएम कार्ड शामिल हैं. इन खातों में एक महीने में जमा राशि की संख्या और मूल्य पर कोई सीमा नहीं है.


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