नई दिल्ली: देश में आर्थिक गतिविधियों और मुद्रास्फीति में नरम रुख रहने के बीच भारतीय रिजर्व बैंक चार अक्टूबर को अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर को और घटा सकता है. वित्तीय सेवा कंपनी गोल्डमैन साक्स ने सोमवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक अक्टूबर और दिसंबर दोनों समय अपनी समीक्षा में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है.
गोल्डमैन साक्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, "आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती रहने, मुद्रास्फीति और वैश्विक आर्थिक वृद्धि में कमजोर रहने के बीच दुनियाभर के केंद्रीय बैंक नरम रुख अपना रहे हैं. हमें उम्मीद है कि चार अक्टूबर को रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर घटा सकता है. इसके बाद उसके दिसंबर में भी ब्याज दर घटाने का अनुमान है."
वर्ष 2019 में केंद्रीय बैंक ने अपनी चारों मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर को घटाया है. बैंक की आगामी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा चार अक्टूबर को पेश की जानी है. रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर तक ब्याज दरों में 0.5 प्रतिशत की और कटौती करने के बाद बैंक इस पर विराम लगा सकता है, क्योंकि तब भी मुख्य खुदरा मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत के दायरे में बने रहने की संभावना है.
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गोल्डमैन साक्स के अनुसार रिजर्व बैंक अपना आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6 से 6.5 प्रतिशत के दायरे में रख सकता है. देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में लगातार पांचवी तिमाही तक गिरकर पांच प्रतिशत पर आ गयी थी. यह पिछले छह साल से अधिक का निम्नतम स्तर है.