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अगले साल की शुरुआत में नीतिगत दर में वृद्धि कर सकता है रिजर्व बैंक: विश्लेषक

भारतीय रिजर्व बैंक का ऊंची मुद्रास्फीति को लेकर ब्याज दरों में 'संयम' की स्थिति जल्द समाप्त हो सकती है. विश्लेषकों का मानना है कि केंद्रीय बैंक 2022 की पहली छमाही में संभवत: ब्याज दरों में बढ़ोतरी की शुरुआत कर सकता है.

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Published : Aug 13, 2021, 7:17 PM IST

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नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक का ऊंची मुद्रास्फीति को लेकर ब्याज दरों में 'संयम' की स्थिति जल्द समाप्त हो सकती है. विश्लेषकों का मानना है कि केंद्रीय बैंक 2022 की पहली छमाही में संभवत: ब्याज दरों में बढ़ोतरी की शुरुआत कर सकता है.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा रिजर्व बैंक अपने नरम रुख को भी वापस लेना शुरू करेगा. केंद्रीय बैंक के नरम रुख की वजह से भी तरलता की स्थिति अभी सुगम है.

विश्लेषकों ने यह राय ऐसे समय जताई है जबकि जुलाई में मुद्रास्फीति घटकर 5.6 प्रतिशत रह गई है. इससे दो माह पहले यह रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर छह प्रतिशत को पार कर गई थी.

केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों को यथावत रखा हुआ है. साथ ही सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वद्धि को प्रोत्साहन के लिए उसने अपने नरम रुख को भी जारी रखा है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा था कि मौजूदा परिस्थतियां अभी नरम रुख को वापस लिए जाने के पक्ष में नहीं हैं.

पढ़ें :- बैंकरों ने कहा, RBI का नीतिगत दरों को यथावत रखने का निर्णय उम्मीद के अनुरूप

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा, रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति को लेकर संयम बरता है और साथ ही उसने अपने नरम रुख को कायम रखा है. लेकिन मुद्रास्फीति ऊपरी स्तर पर बनी हुई है जिससे लगता है कि केंद्रीय बैंक का संयम अब समाप्त होने को है.

क्रिसिल की समकक्ष एक्यूट का अनुमान है कि नीति का सामान्यीकरण धीरे-धीरे होगा. यह टीकाकरण की स्थिति तथा राजकोषीय रुख की स्पष्टता पर निर्भर करेगा.

एक्यूट ने कहा कि कहा कि आगे केंद्रीय बैंक रिवर्स रेपो दर को 0.40 प्रतिशत बढ़ा सकता है जिससे रेपो दर के साथ उसका अंतर घटकर फरवरी, 2022 तक 0.25 प्रतिशत पर आ सके.

विश्लेषकों ने कहा कि टीकाकरण अभियान से 'हर्ड इम्युनिटी' हासिल होने की उम्मीद है जिसके बाद अप्रैल, 2022 में रिजर्व बैंक रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक का ऊंची मुद्रास्फीति को लेकर ब्याज दरों में 'संयम' की स्थिति जल्द समाप्त हो सकती है. विश्लेषकों का मानना है कि केंद्रीय बैंक 2022 की पहली छमाही में संभवत: ब्याज दरों में बढ़ोतरी की शुरुआत कर सकता है.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा रिजर्व बैंक अपने नरम रुख को भी वापस लेना शुरू करेगा. केंद्रीय बैंक के नरम रुख की वजह से भी तरलता की स्थिति अभी सुगम है.

विश्लेषकों ने यह राय ऐसे समय जताई है जबकि जुलाई में मुद्रास्फीति घटकर 5.6 प्रतिशत रह गई है. इससे दो माह पहले यह रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर छह प्रतिशत को पार कर गई थी.

केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों को यथावत रखा हुआ है. साथ ही सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वद्धि को प्रोत्साहन के लिए उसने अपने नरम रुख को भी जारी रखा है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा था कि मौजूदा परिस्थतियां अभी नरम रुख को वापस लिए जाने के पक्ष में नहीं हैं.

पढ़ें :- बैंकरों ने कहा, RBI का नीतिगत दरों को यथावत रखने का निर्णय उम्मीद के अनुरूप

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा, रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति को लेकर संयम बरता है और साथ ही उसने अपने नरम रुख को कायम रखा है. लेकिन मुद्रास्फीति ऊपरी स्तर पर बनी हुई है जिससे लगता है कि केंद्रीय बैंक का संयम अब समाप्त होने को है.

क्रिसिल की समकक्ष एक्यूट का अनुमान है कि नीति का सामान्यीकरण धीरे-धीरे होगा. यह टीकाकरण की स्थिति तथा राजकोषीय रुख की स्पष्टता पर निर्भर करेगा.

एक्यूट ने कहा कि कहा कि आगे केंद्रीय बैंक रिवर्स रेपो दर को 0.40 प्रतिशत बढ़ा सकता है जिससे रेपो दर के साथ उसका अंतर घटकर फरवरी, 2022 तक 0.25 प्रतिशत पर आ सके.

विश्लेषकों ने कहा कि टीकाकरण अभियान से 'हर्ड इम्युनिटी' हासिल होने की उम्मीद है जिसके बाद अप्रैल, 2022 में रिजर्व बैंक रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

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