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पीएम किसान योजना में 15,000 रुपये दिए जाएं: स्वामीनाथन फाउंडेशन

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Published : Apr 21, 2020, 12:11 AM IST

प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन की अगुवाई वाले स्वामीनाथन फाउंडेशन ने एक बयान में कहा कि मौजूदा समय में इस स्कीम का पैसा "मौजूदा नुकसान की भरपाई करने और अगली फसल की बुवाई की जरूरत के लिहाज से अपर्याप्त है."

पीएम किसान योजना में 15,000 रुपये दिए जाएं: स्वामीनाथन फाउंडेशन
पीएम किसान योजना में 15,000 रुपये दिए जाएं: स्वामीनाथन फाउंडेशन

नई दिल्ली: कोराना वायरस महामारी से रोकने के लागू प्रतिबंधों को देखते हुए सरकार को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत दी जाने वाली धनराशि को बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रतिवर्ष कर देना चाहिये. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन ने सोमवार को यह सुझाव दिया.

इस योजना में ज्यादा आय वालों को छोड़ सभी किसानों को तीन बराबर किस्तों में प्रति वर्ष कुल 6,000 रुपये की मदद सीधे उनके खातों में दी जाती है.

प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन की अगुवाई वाले स्वामीनाथन फाउंडेशन ने एक बयान में कहा कि मौजूदा समय में इस स्कीम का पैसा "मौजूदा नुकसान की भरपाई करने और अगली फसल की बुवाई की जरूरत के लिहाज से अपर्याप्त है."

इसने कहा है कि कृषि और बागवानी विभाग को सब्जियों और फलों जैसे जल्द खराब होने की संभावना वाले कृषि उत्पादों का विपणन करने के लिए शीघ्रता से कदम उठाने चाहिए.

ये भी पढ़ें: आजादपुर मंडी 21 अप्रैल से चौबीसों घंटे खुली रहेगी

इसने बयान में यह भी कहा गया है कि खेतिहर मजदूरों को उनके गांवों में रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं मिल रहे हैं और उनके लिए सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए जाने चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: कोराना वायरस महामारी से रोकने के लागू प्रतिबंधों को देखते हुए सरकार को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत दी जाने वाली धनराशि को बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रतिवर्ष कर देना चाहिये. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन ने सोमवार को यह सुझाव दिया.

इस योजना में ज्यादा आय वालों को छोड़ सभी किसानों को तीन बराबर किस्तों में प्रति वर्ष कुल 6,000 रुपये की मदद सीधे उनके खातों में दी जाती है.

प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन की अगुवाई वाले स्वामीनाथन फाउंडेशन ने एक बयान में कहा कि मौजूदा समय में इस स्कीम का पैसा "मौजूदा नुकसान की भरपाई करने और अगली फसल की बुवाई की जरूरत के लिहाज से अपर्याप्त है."

इसने कहा है कि कृषि और बागवानी विभाग को सब्जियों और फलों जैसे जल्द खराब होने की संभावना वाले कृषि उत्पादों का विपणन करने के लिए शीघ्रता से कदम उठाने चाहिए.

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इसने बयान में यह भी कहा गया है कि खेतिहर मजदूरों को उनके गांवों में रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं मिल रहे हैं और उनके लिए सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए जाने चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

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