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देश के सेवा क्षेत्र गतिविधियों में अगस्त में नरमीः पीएमआई - IHS Market's India Services Business Activity Index,

आईएचएस मार्किट का इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी सूचकांक (पीएमआई) अगस्त में घटकर 52.4 पर रह गया. जुलाई में यह आंकड़ा 53.8 पर था. ये हालिया आंकड़े उत्पादन में बढ़ोत्तरी की दर में कमी को दर्शाते हैं.

देश के सेवा क्षेत्र गतिविधियों में अगस्त में नरमीः पीएमआई
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Published : Sep 4, 2019, 12:45 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 9:52 AM IST

नई दिल्ली: देश में नये कारोबार की धीमी वृद्धि दर, रोजगार सृजन एवं उत्पादन में बढ़ोत्तरी के मध्यम दर से बढ़ने के कारण देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां अगस्त में सुस्त रहीं. एक नये मासिक सर्वेक्षण में बुधवार को यह दिखाया गया है.

आईएचएस मार्किट का इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी सूचकांक (पीएमआई) अगस्त में घटकर 52.4 पर रह गया. जुलाई में यह आंकड़ा 53.8 पर था. ये हालिया आंकड़े उत्पादन में बढ़ोत्तरी की दर में कमी को दर्शाते हैं.

सूचकांक का 50 से अधिक रहना विस्तार दर्शाता है जबकि 50 से नीचे का सूचकांक संकुचन का संकेत देता है.

ये भी पढ़ें - गिरावट के साथ खुले घरेलू शेयर बाजार, बाद में संभले

आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री पी डी लिमा ने कहा, "भारत के सेवा क्षेत्र का पीएमआई विनिर्माण क्षेत्र के रुझान के मुताबिक ही है. यह वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में नरमी की बुरी खबर लेकर आ रहा है."

आईएचएस मार्किट का इंडिया कम्पोजिट पीएमआई आउटपुट सूचकांक घटकर अगस्त में 52.6 रह गया, जो जुलाई में 53.9 पर था. इस सूचकांक में विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र दोनों को शामिल किया जाता है.

हालांकि, पीएमआई आउटपुट सूचकांक में लगातार 18वें महीने विस्तार देखने को मिला. वहीं नये ऑर्डर में जुलाई के मुकाबले अगस्त में अधिक नरमी देखने को मिली. अगस्त में निजी क्षेत्र की नौकरियों में वृद्धि देखने को तो मिली लेकिन उसकी रफ्तार बहुत धीमी रही.

हालांकि, गिरावट के बावजूद सेवा प्रदाता आने वाले 12 महीनों में कारोबारी गतिविधियों में वृद्धि को लेकर आश्वस्त हैं.

नई दिल्ली: देश में नये कारोबार की धीमी वृद्धि दर, रोजगार सृजन एवं उत्पादन में बढ़ोत्तरी के मध्यम दर से बढ़ने के कारण देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां अगस्त में सुस्त रहीं. एक नये मासिक सर्वेक्षण में बुधवार को यह दिखाया गया है.

आईएचएस मार्किट का इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी सूचकांक (पीएमआई) अगस्त में घटकर 52.4 पर रह गया. जुलाई में यह आंकड़ा 53.8 पर था. ये हालिया आंकड़े उत्पादन में बढ़ोत्तरी की दर में कमी को दर्शाते हैं.

सूचकांक का 50 से अधिक रहना विस्तार दर्शाता है जबकि 50 से नीचे का सूचकांक संकुचन का संकेत देता है.

ये भी पढ़ें - गिरावट के साथ खुले घरेलू शेयर बाजार, बाद में संभले

आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री पी डी लिमा ने कहा, "भारत के सेवा क्षेत्र का पीएमआई विनिर्माण क्षेत्र के रुझान के मुताबिक ही है. यह वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में नरमी की बुरी खबर लेकर आ रहा है."

आईएचएस मार्किट का इंडिया कम्पोजिट पीएमआई आउटपुट सूचकांक घटकर अगस्त में 52.6 रह गया, जो जुलाई में 53.9 पर था. इस सूचकांक में विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र दोनों को शामिल किया जाता है.

हालांकि, पीएमआई आउटपुट सूचकांक में लगातार 18वें महीने विस्तार देखने को मिला. वहीं नये ऑर्डर में जुलाई के मुकाबले अगस्त में अधिक नरमी देखने को मिली. अगस्त में निजी क्षेत्र की नौकरियों में वृद्धि देखने को तो मिली लेकिन उसकी रफ्तार बहुत धीमी रही.

हालांकि, गिरावट के बावजूद सेवा प्रदाता आने वाले 12 महीनों में कारोबारी गतिविधियों में वृद्धि को लेकर आश्वस्त हैं.

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Last Updated : Sep 29, 2019, 9:52 AM IST
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