मुंबई: सरकार की प्रमुख अंशदान आधारित सेवानिवृत्ति बचत योजना राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से अप्रैल-जून तिमाही में 1.03 लाख नये सदस्य जुड़े हैं. इस तरह एनपीएस ने 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है. सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
वित्त मंत्रालय के जारी बयान में कहा गया है कि इस अवधि में निजी क्ष्रेत्र से करीब 1.03 लाख व्यक्तिगत अंशधारक और 206 कंपनियों को एनपीएस से जोड़ा गया. इनमें से 43 हजार कंपनियों अथवा उनके नियोक्ताओं के जरिये जुड़े हैं जबकि शेष व्यक्तिगत तौर पर योजना से जुड़े हैं.
बयान में कहा गया है कि कोविड-19 से बाद से नियोक्ता अपने कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिक गहराई वाले उपायों को अपना रहे हैं या अपनाना चाहते हैं. एनपीएस में नए सदस्यों के जुड़ने के साथ उसके 18 से 65 वर्ष के कॉरपोरेट अंशधारकों की संख्या 10.13 लाख हो गई है.
बयान में कहा गया है कि विलिस वॉटसन के एक हालिया सर्वे के अनुसार निजी क्षेत्र के 20 प्रतिशत नियोक्ता सेवानिवृत्ति से संबंध उपायों तथा बचत विकल्पों के बारे में शिक्षित करना चाहते हैं. वहीं कुछ अन्य कंपनियां जल्द सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को स्वतंत्र और निष्पक्ष वित्तीय सलाह उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने कहा कि एनपीएस कॉरपोरेट कर्मचारियों के बीच काफी सफल है.
बंदोपाध्याय ने कहा, "किसी व्यक्ति के जीवन में वित्तीय योजना हमेशा पीछे रहती है, लेकिन आज कोरोना वायरस महामारी के दौर में यह सबसे आगे है. ऐसे मुश्किल समय के लिए लोगों में वित्तीय सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ी है."
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बंदोपाध्याय ने कहा कि महामारी के दौरान लोगों और कंपनियों सभी को समझ आ गया है कि सेवानिवृत्ति योजना सिर्फ बचत या कर बचाने के लिए नहीं है. बयान में कहा गया है कि अप्रैल-जून के दौरान 1,02,975 अंशधारकों ने अपना पंजीकरण कराया. इनमें से 43,000 ने अपना पंजीकरण नियोक्ता या कंपनी के जरिये कराया है। शेष स्वैच्छिक रूप से इस योजना से जुड़े हैं.
30 अप्रैल 2020 की स्थिति के अनुसार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली और अटल पेंशन योजना के तहत कुल मिलाकर 3.46 करोड़ अंशधारक हो गये हैं. इनकी कुल प्रबंधनाधीन संपत्ति बढ़कर 4,33,555 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है.
एनपीएस के तहत 68 लाख से अधिक सरकारी कम्रचारी पंजीकृत हैं जबकि 22.60 लाख निजी क्षेत्र से हैं, जिनमें 7,616 कंपनियों पंजीकृत हैं.
(पीटीआई-भाषा)