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सरकार की सेज परियोजनाओं में इकाइयों का 2020-21 का किराया नहीं बढ़ाया जायेगा

मंत्रालय ने यह भी कहा है कि सेज में काम करने वाली इकाइयों का पहली तिमाही का पट्टा किराया भुगतान 31 जुलाई तक के लिये टाल दिया गया है. इस बढ़ी अवधि के लिये किराये पर कोई ब्याज भी नहीं लिया जायेगा.

सरकार की सेज परियोजनाओं में इकाइयों का 2020-21 का किराया नहीं बढ़ाया जायेगा
सरकार की सेज परियोजनाओं में इकाइयों का 2020-21 का किराया नहीं बढ़ाया जायेगा
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Published : May 11, 2020, 9:54 PM IST

नई दिल्ली: सरकारी स्वामित्व वाले विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) में काम कर रही इकाइयों का 2020-21 के दौरान पट्टा किराया नहीं बढ़ाया जायेगा. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को यह घोषणा की.

मंत्रालय ने यह भी कहा है कि सेज में काम करने वाली इकाइयों का पहली तिमाही का पट्टा किराया भुगतान 31 जुलाई तक के लिये टाल दिया गया है. इस बढ़ी अवधि के लिये किराये पर कोई ब्याज भी नहीं लिया जायेगा.

मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुये व्यय विभाग के साथ विचार विमर्श के बाद सेज इकाइयों को यह राहत देने का फैसला किया गया है. उसने कहा कि सेज स्थित इकाइयों के पट्टा किराया में 2020- 21 के दौरान कोई वृद्धि नहीं होगी.

मंत्रालय ने दूसरे विशेष आर्थिक क्षेत्रों के विकास आयुक्तों से भी कहा है कि वह राज्य सरकार और निजी स्वामित्व वाले सेज डेवलपर्स को भी इसी तरह की राहत के उपायों पर विचार करने को कहें.

देश में सात सरकारी स्वामित्व वाले सेज हैं. ये से कांडला,चेन्नई, फाल्टा, कोचिन, नोएडा, सांताक्रुज और विशाखापत्तनम में हैं. ये सभी क्षेत्र एक विकास आयुक्त के निरीक्षण के तहत हैं. एक विकास आयुक्त ने सरकार के इस कदम को सही समय पर उठाया गया कदम बताया.

ये भी पढ़ें: राज्यों के श्रम कानून निलंबित करने से कारोबारों को संकट से बाहर आने में मिलेगी मदद: आईएसएफ

उन्होंने कहा कि ऐसे समय जब सेज स्थित इकाइयां लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति में संघर्ष कर रहीं हैं सरकार की इस राहत से उन्हें मदद मिलेगी. सेज देश के प्रमुख निर्यात केन्द्र हैं. सरकार इन क्षेत्रों में स्थित इकाइयों को एकल खिड़की निर्यात की सुविधा के साथ ही कई तरह के प्रोत्साहन भी देती है.

वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में सेज स्थित इकाइयों का कुल निर्यात कारोबार 14.5 प्रतिशत बढ़कर 3.82 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि इससे पिछले पूरे वित्त वर्ष में इन क्षेत्रों से 7.02 लाख करोड़ रुपये का निर्यात कारोबार किया गया.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: सरकारी स्वामित्व वाले विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) में काम कर रही इकाइयों का 2020-21 के दौरान पट्टा किराया नहीं बढ़ाया जायेगा. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को यह घोषणा की.

मंत्रालय ने यह भी कहा है कि सेज में काम करने वाली इकाइयों का पहली तिमाही का पट्टा किराया भुगतान 31 जुलाई तक के लिये टाल दिया गया है. इस बढ़ी अवधि के लिये किराये पर कोई ब्याज भी नहीं लिया जायेगा.

मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुये व्यय विभाग के साथ विचार विमर्श के बाद सेज इकाइयों को यह राहत देने का फैसला किया गया है. उसने कहा कि सेज स्थित इकाइयों के पट्टा किराया में 2020- 21 के दौरान कोई वृद्धि नहीं होगी.

मंत्रालय ने दूसरे विशेष आर्थिक क्षेत्रों के विकास आयुक्तों से भी कहा है कि वह राज्य सरकार और निजी स्वामित्व वाले सेज डेवलपर्स को भी इसी तरह की राहत के उपायों पर विचार करने को कहें.

देश में सात सरकारी स्वामित्व वाले सेज हैं. ये से कांडला,चेन्नई, फाल्टा, कोचिन, नोएडा, सांताक्रुज और विशाखापत्तनम में हैं. ये सभी क्षेत्र एक विकास आयुक्त के निरीक्षण के तहत हैं. एक विकास आयुक्त ने सरकार के इस कदम को सही समय पर उठाया गया कदम बताया.

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उन्होंने कहा कि ऐसे समय जब सेज स्थित इकाइयां लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति में संघर्ष कर रहीं हैं सरकार की इस राहत से उन्हें मदद मिलेगी. सेज देश के प्रमुख निर्यात केन्द्र हैं. सरकार इन क्षेत्रों में स्थित इकाइयों को एकल खिड़की निर्यात की सुविधा के साथ ही कई तरह के प्रोत्साहन भी देती है.

वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में सेज स्थित इकाइयों का कुल निर्यात कारोबार 14.5 प्रतिशत बढ़कर 3.82 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि इससे पिछले पूरे वित्त वर्ष में इन क्षेत्रों से 7.02 लाख करोड़ रुपये का निर्यात कारोबार किया गया.

(पीटीआई-भाषा)

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