नई दिल्ली: देश के राजमार्गों सहित ढांचागत सुविधाओं को बेहतर बनाना और लघु उद्योगों के जरिये रोजगार के अवसर सृजित करना वरिष्ठ भाजपा नेता और केन्द्रीय मंत्री नितिन जयराम गडकरी की प्राथमिकताओं में शामिल है.
गडकरी ने मंगलवार को सड़क परिवहन, राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्रालयों का कार्यभार संभालने के मौके पर अपनी यह मंशा जाहिर की.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दूसरे कार्यकाल में नितिन गडकरी को इन मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. गडकरी, 62 वर्ष, को एक कुशल प्रशासक माना जाता है. मोदी की पिछली सरकार में गडकरी की गिनती सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों में होती रही है.
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गडकरी ने पिछले कार्यकाल में राजमार्ग विकास के क्षेत्र में काफी काम किया. उन्होंने पिछले कई सालों से अटकी पड़ी सड़क परियोजनाओं को आगे बढ़ाया और ढांचागत विकास के क्षेत्र में काफी काम किया.
गडकरी ने दोनों मंत्रालयों का कार्यभार संभालने के मौके पर कहा, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ढांचागत सुविधाओं को मजबूती देना मेरी प्राथमिकता होगी. इसके साथ ही देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और लघु उद्योगों के जरिये रोजगार सृजन पर ध्यान दिया जायेगा." इस अवसर पर गडकरी के साथ उनकी पत्नी कंचन गडकरी भी उपस्थित थी.
गडकरी नागपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्धंदी कांग्रेस के सदस्य नाना पटोले को 2.13 लाख मतों से हराया है.
गडकरी ने अपने पिछले कार्यकाल में 3.85 लाख करोड़ रुपये की अटकी पड़ी राजमार्ग परियोजनाओं को आगे बढ़ाया. उन्होंने गंगा नदी में जलपोत से माल परिवहन की शुरुआत की. देश में ढांचागत सुविधाओं के विकास में वह आगे रहे. पूर्वी बाहरी एक्सप्रेसवे की बात हो, जोजिला टनल या फिर दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेसवे उन्होंने सड़क क्षेत्र में तेजी से काम किया.
गडकरी को पिछली सरकार में मई 2014 में सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री बनाया गया था. उसके बाद सितंबर 2017 में उन्हें जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनर्जीवन मंत्रालय का कार्यभार भी सौंपा गया. कुछ समय के लिये उनहोंने ग्रामीण विकास, पंचायती राज और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालयों का कामकाज भी देखा.
गडकरी का जन्म 1957 में नागपुर के एक मध्यमवर्गीय ग्रामीण परिवार में हुआ. महाराष्ट्र में लोक निर्माण मंत्री रहते उन्होंने मुंबई में कई फ्लाईओवर का निर्माण कराया. मुंबई- पुणे एक्सप्रेसवे के निर्माण में भी उनकी अहम भूमिका रही. केन्द्र में आने से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में वह लंबे समय तक सक्रिय रहे.