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नीति आयोग के सीईओ ने कहा, भारत को 5जी तकनीक जल्द अपना लेनी चाहिए - मशीन लर्निंग

कांत ने यहां मध्यप्रदेश सरकार के आयोजित निवेशक सम्मेलन "मेग्निफिशंट मध्यप्रदेश" के एक सत्र में संचालक के सवाल पर कहा, "हमें 5जी तकनीक जल्दी अपनानी चाहिए, क्योंकि यह सारे उत्पादों को आपस में जोड़ देगी.इससे डेटा का बहाव तेजी से बढ़ेगा.

नीति आयोग के सीईओ ने कहा, भारत को 5जी तकनीक जल्द अपना लेनी चाहिए
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Published : Oct 18, 2019, 9:07 PM IST

इंदौर: नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने शुक्रवार को कहा कि देश को दूरसंचार क्षेत्र की 5जी तकनीक जल्द अपना लेनी चाहिए और इसके कुछ हिस्सों को स्वदेशी तकनीक से विकसित किया जाना चाहिये.

कांत ने यहां मध्यप्रदेश सरकार के आयोजित निवेशक सम्मेलन "मेग्निफिशंट मध्यप्रदेश" के एक सत्र में संचालक के सवाल पर कहा, "हमें 5जी तकनीक जल्दी अपनानी चाहिए, क्योंकि यह सारे उत्पादों को आपस में जोड़ देगी.इससे डेटा का बहाव तेजी से बढ़ेगा."

उन्होंने कहा, "5जी तकनीक को लेकर बहस जारी है. लेकिन मेरा विचार है कि इसके कुछ क्षेत्रों को हमें भारतीय तकनीक से विकसित करना आवश्यक है ताकि देश को आगे ले जाया जा सके."

ये भी पढ़ें: मैग्नीफिसेंट एमपी: सीएम कमलनाथ ने कहा- मध्य प्रदेश को उद्योग हब बनाने का है लक्ष्य

उन्होंने कहा, "दुनिया के अन्य मुल्कों के मुकाबले हमारे देश में डेटा की कीमत बहुत कम और खपत बहुत ज्यादा है. पिछले तीन साल में देश की डेटा की खपत तेजी से बढ़ी है."

कांत ने 5जी तकनीक के फायदे गिनाते हुए कहा कि इससे डेटा का बहाव बढ़ेगा और लोगों की जिंदगी आसान हो जाएगी. कांत ने मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम मेधा) पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि सरकार के आईटी विभाग को डेटा विश्लेषकों और डेटा वैज्ञानिकों की तादाद बढ़ाने के काम को "अभियान की तरह" हाथ में लेना चाहिए.

डेटा पर उपभोक्ताओं के अधिकारों को लेकर जारी बहस पर कांत ने कहा, "जो डेटा हम इस्तेमाल कर रहे हैं, उस पर सम्बंधित उपभोक्ता का ही अधिकार होना चाहिये. लेकिन कुछ डेटा ऐसे भी होते हैं जिन्हें साझा करने से कोई नुकसान नहीं है. हर तरह के डेटा पर सम्पूर्ण नियंत्रण नहीं किया जा सकता."

उन्होंने हालांकि कहा, "कई तरह के डेटा गम्भीर प्रकृति के होते हैं. मसलन- लोगों के स्वास्थ्य का डेटा। ये डेटा देश में ही रहने चाहिए."

इंदौर: नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने शुक्रवार को कहा कि देश को दूरसंचार क्षेत्र की 5जी तकनीक जल्द अपना लेनी चाहिए और इसके कुछ हिस्सों को स्वदेशी तकनीक से विकसित किया जाना चाहिये.

कांत ने यहां मध्यप्रदेश सरकार के आयोजित निवेशक सम्मेलन "मेग्निफिशंट मध्यप्रदेश" के एक सत्र में संचालक के सवाल पर कहा, "हमें 5जी तकनीक जल्दी अपनानी चाहिए, क्योंकि यह सारे उत्पादों को आपस में जोड़ देगी.इससे डेटा का बहाव तेजी से बढ़ेगा."

उन्होंने कहा, "5जी तकनीक को लेकर बहस जारी है. लेकिन मेरा विचार है कि इसके कुछ क्षेत्रों को हमें भारतीय तकनीक से विकसित करना आवश्यक है ताकि देश को आगे ले जाया जा सके."

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उन्होंने कहा, "दुनिया के अन्य मुल्कों के मुकाबले हमारे देश में डेटा की कीमत बहुत कम और खपत बहुत ज्यादा है. पिछले तीन साल में देश की डेटा की खपत तेजी से बढ़ी है."

कांत ने 5जी तकनीक के फायदे गिनाते हुए कहा कि इससे डेटा का बहाव बढ़ेगा और लोगों की जिंदगी आसान हो जाएगी. कांत ने मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम मेधा) पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि सरकार के आईटी विभाग को डेटा विश्लेषकों और डेटा वैज्ञानिकों की तादाद बढ़ाने के काम को "अभियान की तरह" हाथ में लेना चाहिए.

डेटा पर उपभोक्ताओं के अधिकारों को लेकर जारी बहस पर कांत ने कहा, "जो डेटा हम इस्तेमाल कर रहे हैं, उस पर सम्बंधित उपभोक्ता का ही अधिकार होना चाहिये. लेकिन कुछ डेटा ऐसे भी होते हैं जिन्हें साझा करने से कोई नुकसान नहीं है. हर तरह के डेटा पर सम्पूर्ण नियंत्रण नहीं किया जा सकता."

उन्होंने हालांकि कहा, "कई तरह के डेटा गम्भीर प्रकृति के होते हैं. मसलन- लोगों के स्वास्थ्य का डेटा। ये डेटा देश में ही रहने चाहिए."

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इंदौर: नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने शुक्रवार को कहा कि देश को दूरसंचार क्षेत्र की 5जी तकनीक जल्द अपना लेनी चाहिए और इसके कुछ हिस्सों को स्वदेशी तकनीक से विकसित किया जाना चाहिये.

कांत ने यहां मध्यप्रदेश सरकार के आयोजित निवेशक सम्मेलन "मेग्निफिशंट मध्यप्रदेश" के एक सत्र में संचालक के सवाल पर कहा, "हमें 5जी तकनीक जल्दी अपनानी चाहिए, क्योंकि यह सारे उत्पादों को आपस में जोड़ देगी.इससे डेटा का बहाव तेजी से बढ़ेगा."

उन्होंने कहा, "5जी तकनीक को लेकर बहस जारी है. लेकिन मेरा विचार है कि इसके कुछ क्षेत्रों को हमें भारतीय तकनीक से विकसित करना आवश्यक है ताकि देश को आगे ले जाया जा सके."

उन्होंने कहा, "दुनिया के अन्य मुल्कों के मुकाबले हमारे देश में डेटा की कीमत बहुत कम और खपत बहुत ज्यादा है. पिछले तीन साल में देश की डेटा की खपत तेजी से बढ़ी है."

कांत ने 5जी तकनीक के फायदे गिनाते हुए कहा कि इससे डेटा का बहाव बढ़ेगा और लोगों की जिंदगी आसान हो जाएगी. कांत ने मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम मेधा) पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि सरकार के आईटी विभाग को डेटा विश्लेषकों और डेटा वैज्ञानिकों की तादाद बढ़ाने के काम को "अभियान की तरह" हाथ में लेना चाहिए.

डेटा पर उपभोक्ताओं के अधिकारों को लेकर जारी बहस पर कांत ने कहा, "जो डेटा हम इस्तेमाल कर रहे हैं, उस पर सम्बंधित उपभोक्ता का ही अधिकार होना चाहिये. लेकिन कुछ डेटा ऐसे भी होते हैं जिन्हें साझा करने से कोई नुकसान नहीं है. हर तरह के डेटा पर सम्पूर्ण नियंत्रण नहीं किया जा सकता."

उन्होंने हालांकि कहा, "कई तरह के डेटा गम्भीर प्रकृति के होते हैं. मसलन- लोगों के स्वास्थ्य का डेटा। ये डेटा देश में ही रहने चाहिए."

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