नई दिल्ली: विपक्षी सदस्यों की टोकाटाकी और बहिर्गमन के बीच बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि उनके बजट में प्रस्तुत अनुमान व्यावहारिक और तार्किक हैं. उन्होंने कहा कि सरकार सूझबूझ के साथ व्यय को तर्कसंगत रखते हुए राजकोषीय मजबूती की ओर बढ़ रही है.
सीतारमण ने भरोसा दिलाया है कि अर्थव्यवस्था के किसी भी क्षेत्र को नुकसान नहीं होने दिया जायेगा और राज्यों को भी पहले से अधिक संसाधन प्राप्त हो रहे हैं.
सदन में आम बजट 2019- 20 पर हुई सामान्य चर्चा का उत्तर देते हुये सीतारामन ने कहा कि देश को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये सरकार निजी क्षेत्र का निवेश बढ़ाने पर काम कर रही है. देश को विनिर्माण का बड़ा केन्द्र बनाया जायेगा ताकि रोजगार के अवसर बढ़ाये जा सकेंगे.
ये भी पढ़ें- ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने ब्याज दर 0.10 प्रतिशत तक घटायीं
सीतारमण ने कहा कि सरकार ने निवेश और आर्थिक वृद्धि के प्रोत्साहन के लिये पांच सदस्यीय मंत्रिमंडलीय समिति भी बनाई है.
बजट के आंकड़ों और पेट्रोल, डीजल पर शुल्क बढ़ाये जाने के विरोध में कांग्रेस तथा कुछ अन्य पार्टी के सदस्यों की टोकाटाकी के बीच सीतारमण ने कहा कि इस बजट में केन्द्र प्रायोजित योजनाओं सहित राज्यों को अधिक आवंटन का प्रावधान किया गया है.
उन्होंने कहा किसी भी क्षेत्र के व्यय से समझौता किये बिना राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.3 प्रतिशत पर रखने का अनुमान है. पिछले वित्त वर्ष के संशोधित बजट अनुमान में राजकोषीय घाटा 3.4 प्रतिशत था.
लोकसभा में 15 घंटे से अधिक चली बजट चर्चा का उत्तर देते हुये वित्त मंत्री ने पेट्रोल, डीजल पर शुल्क बढ़ाये जाने के बारे में सीधे तो कुछ नहीं कहा लेकिन महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों का जवाब देते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने महंगाई को पिछले पांच साल के दौरान काबू में रखा है.
पांच साल पहले खुदरा मुद्रास्फीति 5.9 प्रतिशत पर थी जो घटकर 2019 में 3 प्रतिशत के आसपास आ गई. इसी प्रकार खाद्य मुद्रास्फीति 2014- 15 के दौरान 6.4 प्रतिशत तक पहुंच गई थी, अब यह घटकर 0.3 प्रतिशत रह गई है.
इस बीच कांग्रेस के नेतृत्व में नेशनल कांफ्रेंस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रमुक के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया. कांग्रेस सदस्य वित्त मंत्री के जवाब के दौरान पेट्रोल, डीजल उपकर वापस लो, वापस लो का नारा लगा रहे थे.
संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इस दौरान सदन में उपस्थित थीं. कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने बजट को जन- विरोधी बताते हुये पार्टी सदस्यों के साथ सदन से वॉकआउट किया. नेशनल कांफ्रेस के फारुख अब्दुल्ला और द्रमुक के टी. आर. बालू भी कांग्रेस सदस्यों के साथ सदन से उठकर चले गये.
सीतारमण ने कहा कि उनका यह बजट फरवरी में पेश अंतरिम बजट और 14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट की तैयारी के बीच पेश किया गया है. वित्त आयोग की रिपोर्ट अगले कुछ महीनों में सरकार को मिलने वाली है. इस बजट में भारत को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है.
कंपनियों पर कर बोझ कम किया गया है. इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने को प्रोत्साहन देते हुये उसके कर्ज पर दिये जाने वाले ब्याज पर करछूट का प्रस्ताव किया गया है. छोटे व्यापारियों के लिये पेंशन योजना का प्रस्ताव इसमें है. अगले पांच साल के दौरान ढांचागत क्षेत्र पर 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की भी बजट में घोषणा की गई है.