नई दिल्ली:केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी को उम्मीद है कि एसएसएमई क्षेत्र को लॉकडाउन की वजह से जो झटका लगा है, वह उससे जल्द उबर जाएगा.
गडकरी ने पीटीआई के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कह कि यह क्षेत्र चीन के आयात पर निर्भरता को कम करेगा और सरकार के समर्थन से घरेलू विनिर्माण में तेजी लाएगा.
गडकरी ने कहा, "सरकार इस क्षेत्र के मुद्दों मसलन कार्यशील पूंजी की कमी और सस्ते कर्ज तक पहुंच को सुलझाने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है."
उन्होंने कहा कि लाखों इकाइयों को मौजूदा परिस्थतियों में भारी नुकसान होने की आशंका है. एमएसएमई मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा गठित समितियां जमीनी स्तर पर लगातार स्थिति की निगरानी और आकलन कर रही हैं.
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पीएमओ की समिति इस बारे में सुझाव देगी कि कुछ क्षेत्रों में सामान्य परिचालन के लिए लॉकडाउन को कब हटाया जा सकता है. गडकरी ने कहा कि आगामी दिनों में करीब 8 से 10 लाख इकाइयों को पुनर्गठित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इन इकाइयों के मालिकों को काम पर लौटने के बाद अपने कामगारों का पूरा ध्यान रखना होगा और कार्यस्थल को सैनिटाइज करना होगा.
गडकरी ने बताया कि वित्त समिति ने 10,000 करोड़ रुपये के कोषों के कोष को मंजूरी दे दी है. अब इसके केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. मंत्री ने कहा कि हम एमएसएमई इकाइयों को पूंजी बाजार में उतरने और विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. इसके अलावा उन्हें बड़े पैमाने पर उत्पादन के जरिये क्षेत्र से निर्यात बढ़ाने और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित किया जाएगा.
युद्धस्तर पर राजमार्गों का निर्माण फिर शुरू करने की जरूरत: गडकरी
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का मानना है कि भारत को संकट को अवसर में बदलना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से जो नुकसान हुआ है उसके मद्देनजर बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
गडकरी ने कहा कि हम ऐसी राजमार्ग परियोजनाओं में फिर से निर्माण शुरू करने के लिए राज्य सरकारों के साथ बातचीत कर रहे हैं जिनमें प्रवासी मजदूरी को रोजगार मिल सके. मंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों के साथ बातचीत की जा रही है.
देशभर में करीब 20 लाख प्रवासी मजदूर या तो अपने गावों को लौट गए है या रास्ते में आश्रय स्थलों पर फंसे हुए हैं. मंत्री ने कहा, "मेरी सड़क क्षेत्र के अधिकारियों के साथ बैठक हुई है. यदि कोरोना वायरस के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए जाएं तो परियोजनाओं में काम शुरू हो सकता है. हमें दिशानिर्देशों का पालन करना होगा. कुछ स्थानों पर कलेक्टरों ने अनुमति दी है, कुछ पर नहीं दी है. हमें राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ इस पर आगे जानकारी ले रहे हैं."
(पीटीआई-भाषा)