जिनेवा: अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से छह में से एक से अधिक युवा बेरोजगार हुए, जबकि नौकरी पर जाने वालों ने अपने काम के घंटों में 23 फीसदी की कटौती पाई.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ में 'आईएलओ मॉनिटर: कोविड-19 और काम की दुनिया: चौथे संस्करण' के अनुसार, महामारी से युवा वर्ग बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं, और फरवरी से देखी गई युवा बेरोजगारी में पर्याप्त और तेजी से वृद्धि युवा महिलाओं को अधिक प्रभावित कर रही है.
महामारी युवाओ पर तीहरी मार कर रही है.
रिपोर्ट में कहा गया है, न केवल यह उनके रोजगार को नष्ट कर रहा है, बल्कि यह शिक्षा और प्रशिक्षण को भी बाधित कर रहा है, और श्रम बाजार में प्रवेश करने या नौकरियों के बीच स्थानांतरित करने के इच्छुक लोगों के रास्ते में बड़ी बाधाएं डाल रहा है.
13.6 फीसदी की दर से, 2019 में युवा बेरोजगारी दर पहले से ही किसी भी अन्य समूह की तुलना में अधिक थी.
आईएलओ के महानिदेशक गाय राइडर ने कहा, "अगर हम उनकी स्थिति में सुधार के लिए महत्वपूर्ण और तत्काल कार्रवाई नहीं करते हैं, तो वायरस की विरासत हमारे साथ हो सकती है."
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"अगर उनकी प्रतिभा और ऊर्जा को अवसर या कौशल की कमी के कारण दरकिनार किया जाता है, तो यह हमारे सभी वायदा को नुकसान पहुंचाएगा और एक बेहतर, पोस्ट-कोविड अर्थव्यवस्था का फिर से निर्माण करना अधिक कठिन बना देगा."
रिपोर्ट में युवाओं को समर्थन देने के लिए तत्काल, बड़े पैमाने पर और लक्षित नीति प्रतिक्रियाओं का आह्वान किया गया है, जिसमें विकसित देशों में व्यापक-आधारित रोजगार/प्रशिक्षण गारंटी कार्यक्रम और रोजगार-गहन कार्यक्रम और निम्न और मध्यम-आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में गारंटी शामिल हैं.
(आईएएनएस)