नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने गुरुवार को चीनी निर्यात पर सब्सिडी 6,000 रुपये प्रति टन से घटाकर 4,000 रुपये प्रति टन कर दी. यह कटौती वैश्विक बाजारों में कीमतों में आई तेजी को देखते हुए तत्काल प्रभाव से की गई है.
सरकार ने चीनी मिलों की नकदी की स्थिति में सुधार तथा गन्ना किसानों को बकाये के भुगतान में उनकी मदद करने के इरादे से विपणन वर्ष 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान चीनी निर्यात पर 6,000 रुपये प्रति टन सब्सिडी तय की थी.
चीनी मिलों को चालू वर्ष में 60 लाख टन चीनी निर्यात करना है. अब तक 57 लाख टन चीनी निर्यात को लेकर अनुबंध किए गए हैं.
खाद्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव सुबोध कुमार ने कहा, 'चीनी के दाम में वैश्विक बाजारों में मजबूती को देखते हुए हमने तत्काल प्रभाव से चीनी निर्यात पर सब्सिडी 2,000 रुपये प्रति टन कम कर 4,000 रुपये प्रति टन कर दी है.'
उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने इस संदर्भ में 20 मई को अधिसूचना जारी की. घटी हुइ सब्सिडी दर 20 मई या उसके बाद के निर्यात अनुबंधों पर लागू होगी. कुमार के अनुसार इससे भारत से चीनी निर्यात के निर्णय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि चीनी के वैश्विक दाम में वृद्धि हो रही है. इसका कारण चीनी की कमी हो सकती है. अगर वैश्विक दाम और बढ़ते हैं तो, हम सब्सिडी में और कमी करेंगे.
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इस बारे में ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसएिशन (एआईएसटीए) के चेयरमैन प्रफुल्ल विठलानी ने कहा, 'सरकार चाहती है कि कुछ चीनी व्यापार बिना सब्सिडी के हो. चूंकि चालू वर्ष में 57 लाख टन चीनी निर्यात के अनुबंध पहले ही किए जा चुके हैं, इसलिए दुनिया को जानना चाहिए कि भारत से चीनी अब बिना सब्सिडी के मिलेगी.'
उन्होंने कहा कि इसका चीनी निर्यात पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. भारत से बिना सब्सिडी के कच्ची चीनी के निर्यात की मांग है.
चीनी के मौजूदा विपणन सत्र 2020-21 में देश में चीनी का उत्पादन तीन करोड़ टन तक पहुंच गया है. यह 2019- 20 के उत्पादन 2.74 करोड़ टन से भी अधिक है.