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राजमार्ग परियोजनाओं के लिए 2024 तक 1.25 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा देगी एलआईसी: गडकरी

मंत्रालय 8.41 लाख करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना का समय पर क्रियान्वयन करना चाहता है. इसके जरिये अखिल भारतीय स्तर पर राजमार्गों का ‘ग्रिड’ बिछाया जा सकेगा. मंत्रालय इस परियोजना के लिए पेंशन और बीमा कोषों सहित वित्तपोषण के विभिन्न स्रोतों तक पहुंचना चाहता है.

राजमार्ग परियोजनाओं के लिए 2024 तक 1.25 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा देगी एलआईसी: गडकरी
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Published : Jul 21, 2019, 7:52 PM IST

नई दिल्ली: देश के बुनियादी ढांचा क्षेत्र की वित्तपोषण की जरूरतों को पूरा करने के नवोन्मेषी तरीकों के तहत बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने 2024 तक राजमार्ग परियोजनाओं के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये की ऋण सुविधा देने का फैसला किया है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी.

मंत्रालय 8.41 लाख करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना का समय पर क्रियान्वयन करना चाहता है. इसके जरिये अखिल भारतीय स्तर पर राजमार्गों का ‘ग्रिड’ बिछाया जा सकेगा. मंत्रालय इस परियोजना के लिए पेंशन और बीमा कोषों सहित वित्तपोषण के विभिन्न स्रोतों तक पहुंचना चाहता है.

ये भी पढ़ें- डिफेंस एक्सपो: लखनऊ में अगले साल लगेगा रक्षा उत्पादों का सबसे बड़ा मेला

गडकरी ने पीटीआई भाषा से कहा, "एलआईसी ने हमें एक साल में 25,000 करोड़ रुपये और पांच साल में 1.25 लाख करोड़ रुपये की ऋण सुविधा की पेशकश की है. इस पर वे सैद्धान्तिक रूप से सहमत हैं. हम राजमार्ग निर्माण में इस कोष का इस्तेमाल करेंगे."

एलआईसी के चेयरमैन आर कुमार ने पिछले सप्ताह गडकरी से मुलाकात की थी. मंत्री ने कहा कि इस ऋण सुविधा का इस्तेमाल भारतमाला परियोजना के लिए किया जाएगा जिसकी संशोधित लागत 8.41 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है.

भारतमाला परियोजना की शुरुआती लागत 5.35 लाख करोड़ रुपये थी. बाद में भूमि अधिग्रहण की लागत की वजह से इसमें इजाफा हो गया. पहले चरण में 34,800 किलोमीटर का उन्नयन किया जाएगा. इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) का शेष 10,000 किलोमीटर भी शामिल है.

गडकरी ने कहा कि भारतमाला परियोजना का वित्तपोषण उपकर, टोल राजस्व, बाजार से कर्ज, निजी क्षेत्र की भागीदारी, बीमा कोष, पेंशन कोष, मसाला बांड और अन्य पहल के जरिये किया जाएगा. एलआईसी से ऋण सुविधा ऐसी ही एक पहल है.

शुरुआती योजना के अनुसार इसके लिए कोष 30 साल की अवधि के लिए जुटाया जाएगा और प्रत्येक दस साल में ब्याज दरों में संशोधन होगा.

एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) तथा एलआईसी के अधिकारी मिलकर इसके तौर तरीके तय करेंगे. यह कर्ज एनएचएआई द्वारा जारी बांड के रूप में होगा.

एनएचएआई परिचालन में आ चुके राजमार्ग खंडों की नीलामी के तीसरे चरण में निगाह टीओटी (टोल, परिचालन और स्थानांतरण) माडल पर चल रहे कुल 566 किलोमीटर के नौ मार्ग खंड नीलाम करना चाह रही है. इससे 4,995 करोड़ रुपये हासिल होने की उम्मीद है. ये खंड उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और तमिलनाडु में पड़ते हैं.

नई दिल्ली: देश के बुनियादी ढांचा क्षेत्र की वित्तपोषण की जरूरतों को पूरा करने के नवोन्मेषी तरीकों के तहत बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने 2024 तक राजमार्ग परियोजनाओं के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये की ऋण सुविधा देने का फैसला किया है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी.

मंत्रालय 8.41 लाख करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना का समय पर क्रियान्वयन करना चाहता है. इसके जरिये अखिल भारतीय स्तर पर राजमार्गों का ‘ग्रिड’ बिछाया जा सकेगा. मंत्रालय इस परियोजना के लिए पेंशन और बीमा कोषों सहित वित्तपोषण के विभिन्न स्रोतों तक पहुंचना चाहता है.

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गडकरी ने पीटीआई भाषा से कहा, "एलआईसी ने हमें एक साल में 25,000 करोड़ रुपये और पांच साल में 1.25 लाख करोड़ रुपये की ऋण सुविधा की पेशकश की है. इस पर वे सैद्धान्तिक रूप से सहमत हैं. हम राजमार्ग निर्माण में इस कोष का इस्तेमाल करेंगे."

एलआईसी के चेयरमैन आर कुमार ने पिछले सप्ताह गडकरी से मुलाकात की थी. मंत्री ने कहा कि इस ऋण सुविधा का इस्तेमाल भारतमाला परियोजना के लिए किया जाएगा जिसकी संशोधित लागत 8.41 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है.

भारतमाला परियोजना की शुरुआती लागत 5.35 लाख करोड़ रुपये थी. बाद में भूमि अधिग्रहण की लागत की वजह से इसमें इजाफा हो गया. पहले चरण में 34,800 किलोमीटर का उन्नयन किया जाएगा. इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) का शेष 10,000 किलोमीटर भी शामिल है.

गडकरी ने कहा कि भारतमाला परियोजना का वित्तपोषण उपकर, टोल राजस्व, बाजार से कर्ज, निजी क्षेत्र की भागीदारी, बीमा कोष, पेंशन कोष, मसाला बांड और अन्य पहल के जरिये किया जाएगा. एलआईसी से ऋण सुविधा ऐसी ही एक पहल है.

शुरुआती योजना के अनुसार इसके लिए कोष 30 साल की अवधि के लिए जुटाया जाएगा और प्रत्येक दस साल में ब्याज दरों में संशोधन होगा.

एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) तथा एलआईसी के अधिकारी मिलकर इसके तौर तरीके तय करेंगे. यह कर्ज एनएचएआई द्वारा जारी बांड के रूप में होगा.

एनएचएआई परिचालन में आ चुके राजमार्ग खंडों की नीलामी के तीसरे चरण में निगाह टीओटी (टोल, परिचालन और स्थानांतरण) माडल पर चल रहे कुल 566 किलोमीटर के नौ मार्ग खंड नीलाम करना चाह रही है. इससे 4,995 करोड़ रुपये हासिल होने की उम्मीद है. ये खंड उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और तमिलनाडु में पड़ते हैं.

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राजमार्ग परियोजनाओं के लिए 2024 तक 1.25 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा देगी एलआईसी: गडकरी

नई दिल्ली: देश के बुनियादी ढांचा क्षेत्र की वित्तपोषण की जरूरतों को पूरा करने के नवोन्मेषी तरीकों के तहत बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने 2024 तक राजमार्ग परियोजनाओं के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये की ऋण सुविधा देने का फैसला किया है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी. 

मंत्रालय 8.41 लाख करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना का समय पर क्रियान्वयन करना चाहता है. इसके जरिये अखिल भारतीय स्तर पर राजमार्गों का ‘ग्रिड’ बिछाया जा सकेगा. मंत्रालय इस परियोजना के लिए पेंशन और बीमा कोषों सहित वित्तपोषण के विभिन्न स्रोतों तक पहुंचना चाहता है. 

गडकरी ने पीटीआई भाषा से कहा, "एलआईसी ने हमें एक साल में 25,000 करोड़ रुपये और पांच साल में 1.25 लाख करोड़ रुपये की ऋण सुविधा की पेशकश की है. इस पर वे सैद्धान्तिक रूप से सहमत हैं. हम राजमार्ग निर्माण में इस कोष का इस्तेमाल करेंगे." 

एलआईसी के चेयरमैन आर कुमार ने पिछले सप्ताह गडकरी से मुलाकात की थी. मंत्री ने कहा कि इस ऋण सुविधा का इस्तेमाल भारतमाला परियोजना के लिए किया जाएगा जिसकी संशोधित लागत 8.41 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है. 

भारतमाला परियोजना की शुरुआती लागत 5.35 लाख करोड़ रुपये थी. बाद में भूमि अधिग्रहण की लागत की वजह से इसमें इजाफा हो गया. पहले चरण में 34,800 किलोमीटर का उन्नयन किया जाएगा. इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) का शेष 10,000 किलोमीटर भी शामिल है. 

गडकरी ने कहा कि भारतमाला परियोजना का वित्तपोषण उपकर, टोल राजस्व, बाजार से कर्ज, निजी क्षेत्र की भागीदारी, बीमा कोष, पेंशन कोष, मसाला बांड और अन्य पहल के जरिये किया जाएगा. एलआईसी से ऋण सुविधा ऐसी ही एक पहल है. 

शुरुआती योजना के अनुसार इसके लिए कोष 30 साल की अवधि के लिए जुटाया जाएगा और प्रत्येक दस साल में ब्याज दरों में संशोधन होगा. 

एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) तथा एलआईसी के अधिकारी मिलकर इसके तौर तरीके तय करेंगे. यह कर्ज एनएचएआई द्वारा जारी बांड के रूप में होगा. 

एनएचएआई परिचालन में आ चुके राजमार्ग खंडों की नीलामी के तीसरे चरण में निगाह टीओटी (टोल, परिचालन और स्थानांतरण) माडल पर चल रहे कुल 566 किलोमीटर के नौ मार्ग खंड नीलाम करना चाह रही है. इससे 4,995 करोड़ रुपये हासिल होने की उम्मीद है. ये खंड उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और तमिलनाडु में पड़ते हैं. 

 


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