नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक को एक हजार रुपये का नोट जारी करने की अनुमति देने वाला 1999 का कानून संसद ने निरस्त कर दिया है. अर्थव्यवस्था में करेंसी नोटों की तंगी को दूर करने के लिये उस समय यह कानून लाया गया था.
संसद ने पिछले सप्ताह ही इस कानून सहित बेकार हो चुके 58 पुराने कानूनों को समाप्त करने को मंजूरी दे दी. इनमें एक हजार रुपये का नोट जारी करने की अनुमति देने वाला उच्च मूल्य वर्ग बैंक नोट (विमुद्रीकरण) संशोधन अधिनियम 1998 भी शामिल है.
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तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने दिसंबर 1998 में इस संबंध में संशोधन विधेयक पेश किया था. वर्ष 1978 के कानून में किये गये इस संशोधन के जरिये नोटों की किल्लत को दूर करने और दूसरे मूल्यवर्ग के नोटों पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिये जरूरी संशोधन किया गया. इसके जरिये रिजर्व बैंक के लिये 1,000 रूपये का नोट जारी करने का मार्ग प्रशस्त हुआ. हालांकि, अब इसे समाप्त कर दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा करके हुये महात्मा गांधी श्रृंखला के 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से हटा दिया था. इसके साथ ही उन्होंने 500 रुपये और 2,000 रुपये के नये नोट जारी करने की भी घोषणा की. एक हजार रुपये का नोट चलन में नहीं रह गया था.