हैदराबाद: देश के विभिन्न हिस्सों से आ रही खबरें बताती हैं कि कोरोना वायरस या कोविड-19 न केवल एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है, बल्कि एक बड़ी व्यावसायिक समस्या भी है.
चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, इटली, ईरान, अमेरिका आदि जैसे कोविड-19 के प्रमुख हॉटस्पॉट्स के साथ भारत के व्यापारिक संबंध पहले ही आपूर्ति श्रृंखलाओं में गड़बड़ी और आयात, निर्यात और यात्रा पर प्रतिबंध के कारण प्रभावित हो चुके हैं.
एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) के कोरोना वायरस प्रकोप के अनुमान के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था में 2,700 करोड़ रुपये से 2,10,000 करोड़ रुपये का खर्च हो सकता है.
आइए जानते हैं कोरोना वायरस का विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव
हालांकि, कुछ विशेषज्ञ कोविड-19 प्रकोप के बावजूद आशावादी हैं. उदाहरण के लिए, वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें गिरने से आयात बिल को कम करने में भारत को मदद मिलेगी. तेल सब्सिडी बिल वित्त वर्ष 2021 में 40,000 करोड़ रुपये से 10,000 करोड़ रुपये तक सिकुड़ सकता है, अगर कच्चे तेल का प्रवाह 45 डॉलर प्रति बैरल है.
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