नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रबंध निदेशकों के साथ एक समीक्षा बैठक की और उनसे कहा कि जमानत मुक्त इमर्जेसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत एमएसएमई को ऋण देते रहें.
सीतारमण ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में सरकारी ऋणदाताओं को यह भी निर्देश दिया कि वे अन्य कारोबारों की भी ऋण जरूरतें पूरी करने की कोशिश करें.
वित्तीय सेवा विभाग ने एक ट्वीट में कहा, "वित्तमंत्री की समीक्षा: पीएसबी पात्र एमएसीमई को लगातार ऋण देते रहें. अन्य कारोबारों की ऋण जरूरतें भी पूरी करने का लक्ष्य रखें."
यह निर्देश ऐसे समय में सामने आया है, जब एक दिन पहले वित्तमंत्री ने फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्यों को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया था कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में घोषित कोविड इमर्जेसी क्रेडिट फैसिलिटी सिर्फ एमएसएमई के लिए नहीं, बल्कि सभी कंपनियों के लिए है.
उन्होंने जमानत मुक्त ऋण की मांग पर त्वरित प्रतिक्रिया और इमर्जेसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत 20,000 करोड़ रुपये मंजूर करने के लिए बैंको की प्रशंसा भी की.
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डीएफएस की ओर से किए गए एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि सीतारमण ने बैंकों को सलाह दी कि शाखा स्तर पर सक्रिय पहुंच बनाए रखें और ईसीएलजीएस के फॉर्म्स को सरल रखें और न्यूनतम औपचारिकताएं रखें.
यह योजना आत्मनिर्भर भारत आर्थिक पैकेज का हिस्सा है. सरकार के अनुसार, कोरोनावायरस महामारी और राष्ट्रव्यापपी लॉकडाउन के कारण पैदा हुए वित्तीय संकट से उबरने की कोशिश में बैंक पात्र एमएसएमई को कुल तीन लाख करोड़ रुपये के जमानत मुक्त ऋण प्रदान करेंगे.
(आईएएनएस)